घर में दुपट्टे से बनाया झूला, झूल रहे थे भाई-बहन; तभी आई अजीब आवाज, 12 वर्षीय बालिका की मौत
मां ने दुपट्टे का झूला बनाकर छत पर लगी बल्ली में डाल दिया था। उक्त बल्ली में ही पंखा भी लगा था। वंशिका और उसका भाई दोनों झूल रहे थे। अचानक ही दुपट्टे का झूला बालिका की गर्दन में फंस गया। भाई कुछ समझ पाता तब तक वंशिका की मौत हो चुकी थी। छोटे भाई ने हादसे की जानकारी पिता को दी।
जागरण संवाददाता, मेरठ। सदर बाजार के वेस्ट एंड रोड स्थित एक घर में दुपट्टे से बने झूले पर झूलते समय फंदा लगने से 12 वर्षीय बालिका की मौत हो गई। बालिका अपने घर में आठ वर्षीय भाई के साथ झूल रही थी। दुपट्टे का झूला बालिका की गर्दन फंसने से फांसी का फंदा बन गया, जिससे उसकी जान चली गई। तत्काल छोटे भाई ने पिता को जानकारी दी। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
वेस्ट एंड रोड पर एसडी गर्ल्स इंटर कालेज के पीछे दीपक कुमार का परिवार रहता है। उनकी 12 वर्षीय बेटी वंशिका एसडी गर्ल्स इंटर कालेज में कक्षा छह में पढ़ती थी। शुक्रवार को मां ने दुपट्टे का झूला बनाकर छत पर लगी बल्ली (कड़ी) में डाल दिया। उक्त बल्ली में ही पंखा भी लगा था। सुबह ही मां काम पर चली गई, जबकि दीपक घर में ही दूसरे कमरे में लेट गए। वंशिका और उसका भाई दोनों झूल रहे थे।थाना प्रभारी शशांक मिश्रा ने बताया कि अचानक ही दुपट्टे का झूला बालिका की गर्दन में फंस गया। भाई कुछ समझ पाता, तब तक वंशिका की मौत हो चुकी थी। छोटे भाई ने हादसे की जानकारी दीपक को दी। इसके बाद आसपास के लोगों की भीड़ जमा हो गई। फोरेंसिक टीम की जांच में सामने आया कि झूलते समय दुपट्टा बालिका के गले में लिपटकर फंदा बन गया, जिससे वंशिका की मौत हो गई। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के सही कारणों की जानकारी हो सकेगी।
बालिका झूला झूलते समय हादसे का शिकार हुई है। घर की छत पर लगी बल्ली पर दुपट्टे का झूला बनाकर डाल रखा था। झूले में गर्दन फंसकर बालिका की मौत हुई है। फिर भी पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। - आयुष विक्रम सिंह, एसपी सिटी
झूले पर झूलते समय ऐसे करें बच्चों का बचाव
- प्लास्टिक या रबर जैसी नरम सामग्री का उपयोग करके बना झूला चुनें। दुपट्टे, धातु या लकड़ी से बने झूलों से बचें।
- झूले पर खड़ा होना और घुटने टेकना बच्चों के लिए खतरनाक है। अपने बच्चे को झूलते समय झूले की साइड रस्सियों को दोनों हाथों से पकड़ाएं। बच्चे को झूले से उतरने से पहले झूला पूरी तरह से रोक दें।
- बच्चे को झूले पर कभी भी अकेला न छोड़ें यानी ध्यान रखें। एक से ज़्यादा बच्चों का एक साथ झूले पर बैठना असुरक्षित है। बच्चे को चलते झूले पर चढ़ने से रोकें। झूले के आसपास कोई नुकीली वस्तु न हो।
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