Move to Jagran APP

UP News: कक्षा दो की किताब भी नहीं पढ़ पाते 12वीं के विद्यार्थी; एनुअल स्टेटस आफ एजुकेशन रिपोर्ट में हैरान करने वाला खुलासा

एनुअल स्टेटस आफ एजुकेशन रिपोर्ट में 25 प्रतिशत विद्यार्थी पढ़ने में कमजोर l सर्वे 26 राज्यों के 28 जिलों में हुआ। 14-18 आयु के 34745 विद्यार्थी शामिल हुए। हर राज्य से एक जिला और उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश से दो-दो ग्रामीण जिले लिए गए। सर्वेक्षण में वर्तमान में युवाओं की गतिविधि सरल पठन-पाठन बुनियादी गणित व उसका दैनिक जीवन में प्रयोग डिजिटल जागरूकता व कौशल पर प्रश्न पूछे गए।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 21 Jan 2024 12:20 PM (IST)
Hero Image
UP News: कक्षा दो की किताब भी नहीं पढ़ पाते 12वीं के विद्यार्थी। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, अमित तिवारी, मेरठ। देश के ग्रामीण क्षेत्रों में आठ से 12वीं तक की कक्षाओं में पढ़ने वाले 14 से 18 वर्ष के विद्यार्थी कक्षा दो की हिंदी या अन्य क्षेत्रीय भाषा की किताब भी नहीं पढ़ पाते हैं। यह जानकारी हैरान करने वाली जरूर है, लेकिन सच है।

एनुअल स्टेटस आफ एजुकेशन रिपोर्ट यानी असर-2023 के सर्वे में यह देखने को मिला कि इस आयु वर्ग के 25 प्रतिशत विद्यार्थी बुनियादी पठन-पाठन में भी कमजोर हैं। उन्हें क्षेत्रीय भाषा की कक्षा दो की किताब पढ़ने को दी गई, इसका एक पैराग्राफ भी वह बिना रुके नहीं पढ़ सके। आधे से ज्यादा विद्यार्थी तीन गुणा एक अंक का भी सवाल नहीं कर पाते हैं। सिर्फ 43.3 प्रतिशत विद्यार्थी ही यह सवाल सही कर सके। जबकि यह क्षमता कक्षा तीन या चार में ही अपेक्षित होती है।

अंग्रेजी पढ़ते हैं पर मतलब नहीं समझते

17 जनवरी को जारी रिपोर्ट के अनुसार सर्वे में शामिल 57.3 प्रतिशत विद्यार्थी अंग्रेजी में वाक्य पढ़ तो सकते हैं, लेकिन इनमें से दो तिहाई यानी 73.5 प्रतिशत ही उनका अर्थ समझ या बता सकते हैं। 70.9 प्रतिशत लड़कों के मुकाबले 76 प्रतिशत लड़कियां अपनी भाषा में कक्षा दो स्तर के पाठ ठीक से पढ़ सकीं। इसके विपरीत लड़के गणित और अंग्रेजी में लड़कियों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं। करीब 85 प्रतिशत विद्यार्थी स्केल का प्रयोग कर लंबाई माप सके। करीब 50 प्रतिशत विद्यार्थी ही अन्य गणनाएं कर सके।

ये भी पढ़ेंः CM Yogi: जब बच्चे ने मुख्यमंत्री से कहा-आप यूपी के योगी बाबा हैं, सीएम ने मासूम को दुलार कर दी टाफी, पूछा दो का पहाड़ा

गणना व डिजिटल जागरूकता भी कम

छात्रों की गणित जांचने के लिए वित्तीण गणनाओं पर कार्य दिए गए। इसमें 60 प्रतिशत विद्यार्थी बजट का प्रबंधन और 37 प्रतिशत छूट की गणना कर सके। केवल 10 प्रतिशत ही ऋण भुगतान की गणना कर सके। 90 प्रतिशत के घर में स्मार्टफोन हैं। 19.8 प्रतिशत लड़कियों और 43.7 प्रतिशत लड़कों के पास स्वयं का स्मार्ट फोन है। 98.8 प्रतिशत लड़कियां और 93.4 प्रतिशत लड़के इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि आधे ही साइबर सुरक्षा संबंधी सवालों का जवाब दे सके।

ये भी पढ़ेंः Ram Mandir: यूपी के इस शहर में मुस्लिमों ने लगाया जय सियाराम का नारा, बुनकरों ने उकेरा साड़ी पर राममंदिर, भेजेंगे अयोध्या उपहार

सर्वे में यह भी निकल कर आया सामने

l 14 से 18 आयु वर्ग में 86.6 प्रतिशत बच्चे किसी एक शैक्षणिक संस्थान में नामांकित हैं। l नामांकन में अंतर कम है, लेकिन आयु में अधिक है। 14 वर्ष के 3.9 प्रतिशत व 18 वर्ष के 32.6 प्रतिशत नामांकित हैं। l इस आयु में कक्षा 11वीं या उससे ऊपर 55.7 प्रतिशत विद्यार्थी कला यानी मानविकी वर्ग में नामांकित हैं। l 28.1 प्रतिशत लड़कियों की तुलना में 36.3 प्रतिशत लड़के स्टेम विषयों में नामांकित हैं। l सर्वे में शामिल 5.6 प्रतिशत विद्यार्थी ही व्यवसायिक प्रशिक्षण ले रहे हैं, अन्य संबंधित कोर्स कर रहे हैं। 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।