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कूड़े के ढेर में मिली बच्ची को गोद लेने आगे आए 15 लोग

शताब्दीनगर में सोमवार को कूड़े के ढेर में मिली बच्ची को गोद लेने के लिए 15 लोगों ने आवेदन किया है। चाइल्ड लाइन प्रभारी अनीता राणा ने बताया कि कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद ही बच्ची को गोद दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Updated: Thu, 26 Nov 2020 05:00 AM (IST)
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कूड़े के ढेर में मिली बच्ची को गोद लेने आगे आए 15 लोग

मेरठ, जेएनएन। शताब्दीनगर में सोमवार को कूड़े के ढेर में मिली बच्ची को गोद लेने के लिए 15 लोगों ने आवेदन किया है। चाइल्ड लाइन प्रभारी अनीता राणा ने बताया कि कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद ही बच्ची को गोद दिया जाएगा। उधर, पुलिस की टीम बच्ची को फेंकने वाले की तलाश कर रही है। अनीता राणा ने बताया कि बच्ची के स्वस्थ होने पर तीन दिन तक चाइल्ड लाइन की टीम उसके स्वजन के आने का इंतजार करेगी। इसके बाद बच्ची को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जाएगा। वहां से बच्ची को मुजफ्फरनगर के बालिका गृह में भेजा जाएगा। बालिका गृह में भी तीन महीने तक स्वजन की तलाश की जाएगी। उसके बाद भी कोई नहीं मिलता तो आनलाइन आवेदनों की जांच कर उपयुक्त आवेदक को बच्ची सुपुर्द कर दी जाएगी।

यह है नियम

बच्चे को गोद लेने के लिए आपको सेंट्रल अडाप्शन रिसोर्स अथारिटी (कारा) की वेबसाइट सीएआरए डाट एनआइसी डाट आइएन पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। मान्यता प्राप्त संस्थाएं बच्चा आने के बाद कारा की वेबसाइट पर जानकारी अपलोड कर देती हैं। सबसे पहले आवेदन करने वाले व्यक्ति से संपर्क किया जाता है और नियमावली के तहत बच्चा दंपती को दिया जाता है। दंपती को बच्चे की फोटो भेजी जाती है। कारा की टीम बच्चा गोद देने वाले परिवार की पड़ताल करती है। इस प्रक्रिया में तीन माह या उससे भी ज्यादा समय लग सकता है।

ये दस्तावेज जरूरी

दंपती का पैन कार्ड, फोटोग्राफ, ई-मेल आइडी, मोबाइल नंबर। आयकर रिटर्न या फिर आय प्रमाण पत्र। अगर पति से तलाक हो गया तो प्रमाण पत्र, पति या पत्नी में किसी की मृत्यु हो गई तो उसका प्रमाण पत्र। कोई संक्रामक रोग या गंभीर रोग तो नहीं है। इसका स्वास्थ्य प्रमाण पत्र भी देना होगा।

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