मोदी की रैली से एक दिन पूर्व चौधरी साहब को भारत रत्न, मेरठ में जयंत के साथ उमडे़गा रालोद का पूरा कुनबा
इसे संयोग कहें या राजनीतिक गुणा-गणित। रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पांच लोकसभा क्षेत्रों की रैली होगी जिसमें रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जंयत चौधरी भी मंच साझा करेंगे। रैली के ठीक दिन पूर्व शनिवार को राष्ट्रपति भवन में सम्मान समारोह आयोजित हुआ जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिया गया। यह अवार्ड उनके पोते जयंत चौधरी ने ग्रहण किया।
जागरण संवाददाता, मेरठ। इसे संयोग कहें या राजनीतिक गुणा-गणित। रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पांच लोकसभा क्षेत्रों की रैली होगी जिसमें रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जंयत चौधरी भी मंच साझा करेंगे। रैली के ठीक दिन पूर्व शनिवार को राष्ट्रपति भवन में सम्मान समारोह आयोजित हुआ जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिया गया। यह अवार्ड उनके पोते जयंत चौधरी ने ग्रहण किया।
राजनीतिक जानकार इसे मोदी के वादे की गारंटी बताते हुए इसे चुनावी गणित से भी जोड़ते हैं। वहीं चौधरी चरण सिंह के अनुयायी व पुराने समय से जुड़े रहे नेता व गणमान्य कहते हैं कि यह महज एक संयोग है। जब भारत सरकार ने घोषणा की थी तो उसे किसी न किसी दिन प्रदान ही करना था। इसको रैली से जोड़ना सही नहीं है।चौधरी चरण सिंह के पारिवारिक सदस्य व निजी चिकित्सक रहे डा. ईश्वर सिंह कहते हैं चौधरी चरण सिंह को यह सम्मान बहुत पहले मिल जाना चाहिए था लेकिन राजनीतिक कारणों से नहीं मिल पाया। उनके नाम को लेकर किसी का विरोध नहीं हो सकता था फिर भी देरी हुई। भारत सरकार ने हाल ही में यह सम्मान देने की घोषणा की थी उसी उपलक्ष्य में सम्मान दिया गया है। रैली को उस आयोजन से संयोग ही मान सकते हैं।
रालोद के राष्ट्रीय महासचिव सुखवीर सिंह गठीना कहते हैं कि जब सरकार घोषणा करती है तभी सम्मान मान लिया जाता है। चौधरी साहब को मानने वालों ने उसी समय मान लिया था कि भारत रत्न मिल गया। भारत सरकार के प्रति सभी ने तभी आभार व्यक्त कर दिया था। रैली से पहले सम्मान मिलता या बाद में उससे क्या होना था। इसको राजनीति से जोड़ना ठीक नहीं है। एक न एक दिन यह सम्मान मिलना ही था।जयंत चौधरी का रैली में मंच साझा करने की योजना पहले ही बन गई थी इसलिए इस आयोजन का भी कोई संबंध इससे नहीं है। पूर्व मंत्री व रालोद नेता डा. मेराजुद्दीन कहते हैं चौधरी साहब इस सम्मान के योग्य थे। पहली बार चौधरी साहब ने यह पूरे देश-दुनिया को समझाया कि किसानों की आर्थिक उन्नति में योगदान है।
उन्होंने किसानों के लिए कई उल्लेखनीय कार्य किए। यह सम्मान बहुत पहले ही मिल जाना चाहिए था। रैली और सम्मान समारोह के आयोजन को एक-दूसरे से जोड़ना उचित नहीं है। रैली अपनी जगह है और सम्मान अपनी जगह। क्योंकि भारत रत्न सम्मान तो कई महापुरुषों को दिया गया है।इसे भी पढ़ें: एनडीए गठबंधन की महारैली आज, पश्चिमी यूपी में गूंजेगी 400 पार की हुंकार; अखिलेश के पीडीए का जवाब देगी भाजपा
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