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Asian Games 2023: गांव की पगडंडियों पर ऐसी दौड़ी पारुल कि फिर न रुकी, एशियाड में चांदी अब पेरिस ओलंपिक लक्ष्य

Meerut News In Hindi Today चीन के हांगझू में चल रहे एशियन गेम्स में मेरठ की अंतरराष्ट्रीय एथलीट पारुल चौधरी ने 3000 मीटर स्टीपल चेज में रजत पदक जीतकर नया इतिहास रच दिया है। एशियाड में मिली यह चांदी पारुल के मिशन पेरिस ओलंपिक पदक की ओर एक बढ़ा हुआ कदम है। पारुल की निरंतर निखरते प्रदर्शन के कारण ही भारत सरकार ने उन्हें टाप्स सूची में शामिल किया है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Tue, 03 Oct 2023 09:47 AM (IST)
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गांव की पगडंडियों पर ऐसी दौड़ी पारुल कि फिर न रुकी, एशियाड में चांदी अब पेरिस ओलंपिक लक्ष्य
जागरण संवाददाता, मेरठ। एशियाड में पदक जीतकर पेरिस ओलंपिक को अपना लक्ष्य बना चुकी पारुल चौधरी ने गांव की पगडंडियों से जो दौड़ लगाना शुरू किया तो उनका सफर लंबा ही होता जा रहा है। पहली बार मेरठ में भराला स्थित इकलौता गांव के हाईस्कूल में पारुल चौड़ी तभी उन्हें रफ्तार के रोमांच ने घेर लिया।

पारुल ने उस रोमांच को महसूस ही किया था लेकिन पदकों की चमक उनकी आंखों की चमक बढ़ाने लगे थे। इसके बाद गांव में हर दिन दौड़ना शुरू किया। रफ्तार बढ़ाने को कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम पहुंची। पिता कृष्ण पाल धनकड़ के प्रोत्साहन और माता राजेश देवी की प्रेरणा का पंख लेकर उड़ान भरने वाली पारुल ने मेरठ जिले से बैंकाक, हंगरी, चीन तक का सफर तय कर लिया है।

प्रीति नाम दिखते ही याद आईं पारुल की बहन

एशियाड में भारतीय एथलीट प्रीति लांबा के साथ पोडियम साझा करने वाली पारुल चौधरी के रफ्तार की प्रेरणा उनकी बड़ी बहन प्रीति थी। वह भी 5,000 मीटर की धावक थी और राष्ट्रीय स्तर तक की प्रतियोगिताओं में पदक भी जीता था। पारुल बड़ी बहन के साथ ही स्टेडियम में अभ्यास के लिए आया करती थीं। पारुल ने अपनी कड़ी मेहनत कभी बंद नहीं की।

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कोरोना के लाक डाउन के दौरान पारुल ने टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने को कड़ी मेहनत की लेकिन चूक गई। उन्हें वह सफल इस वर्ष मिली।

लड़कों संग दौड़ कर बढ़ाई रफ्तार

मेरठ में पारुल के कोच रहे गौरव त्यागी के अनुसार शुरुआती प्रशिक्षण के दौरान पारुल लड़कों संग प्रतिस्पर्धा करते हुए दौड़ लगाती थी जिसका लाभ अब उन्हें मिल रहा है। हालांकि अब भी पारुल को अपनी सही क्षमता का अंदाजा नहीं है। वह इससे भी अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं। 

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पारुल के 3,000 मीटर स्टीपल चेज का सफर

  • 2023 : विश्व एथलेटिक चैंपियनशिप, बुडापेस्ट, हंगरी : 9:15:31 मिनट
  • 2023 : विश्व एथलेटिक चैंपियनशिप, बुडापेस्ट, हंगरी : 9:24:29 मिनट
  • 2023 : लास एंजिलिस ग्रांड प्रिक्स, अमेरिका : 9:29:51 मिनट
  • 2023 : इंडियन चैंपियनशिप, कलिंग, भुवनेश्वर : 9:34:23 मिनट
  • 2022 : इंडियन ग्रांड प्रिक्स, थिरुवनंतपुरम : 9:38:29 मिनट
  • 2022 : वर्ल्ड एथलेटिक चैंपियनशिप, ओरेगन, अमेरिका : 9:38:09 मिनट
  • 2023 : एशियन एथलेटिक चैंपियनशिप, बैंकाक : 9:38:76 मिनट
  • 2023 : ट्रैक नाइट, न्यूयार्क, अमेरिका : 9:41:88 मिनट
  • 2022 : इंडियन ग्रांड प्रिक्स, भुवनेश्वर : 9:42:24 मिनट 
कोच गौरव त्यागी के अनुसार मंगलवार को 5,000 मीटर दौड़ में भी पारुल पदक जीतकर ही रुकेंगी। 3,000 मीटर में भी पदक के वादे और भरोसे को पारुल ने कायम रखा।

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