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अब यूपी में सभी छात्रों को नहीं मिलेगी स्कॉलरशिप, सरकार ले आई नया सिस्टम; लाभ पाने के लिए समझें नियम

सरकार ने छात्रवृत्ति में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन सिस्टम लागू किया है। अब छात्रों को स्कूल में आकर अपने अंगूठे का निशान देना होगा। जांच के लिए डाटा लखनऊ जाएगा। इसके बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी को छात्रवृत्ति देने के आदेश दिए जाएंगे। इसके बाद ही उन्हें छात्रवृत्ति मिलेगी। इस प्रक्रिया से फर्जी एडमिशन लेकर छात्रवृत्ति लेने पर रोक लगेगी।

By Sarvendra Pundir Edited By: Aysha Sheikh Updated: Fri, 25 Oct 2024 02:05 PM (IST)
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अब बायोमैट्रिक से मिलेगी छात्रवृत्ति - प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, मेरठ। फर्जीवाड़ा कर छात्रवृत्ति लेना अब नामुमकिन होगा। इसके लिए सरकार ने बायोमैट्रिक का सहारा लिया है। अब छात्रों को स्कूल में आकर अपने अंगूठे का निशान देना होगा। उसके बाद ही नियम के तहत छात्रवृत्ति मिल सकेगी।

इससे पहले स्कूल के प्रधानाचार्य और एक छात्रवृत्ति नोडल अधिकारी को भी जिला समाज कल्याण अधिकारी के आफिस में पहुंचकर बायोमैट्रिक के जरिए अंगूठे का निशान देना होगा। यह काम वर्तमान में पिछले कई दिनों से जिला समाज कल्याण अधिकारी के आफिस में चल रहा है।

ग्रेजुएशन तक के छात्रों को मिलती है छात्रवृत्ति

प्रदेश सरकार नौवीं कक्षा से लेकर ग्रेजुएशन तक के छात्रों को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति देती है। पहले स्कूल, कालेज में छात्र एडमिशन लेने के बाद छात्रवृत्ति लेने के लिए आनलाइन प्रक्रिया पूरी करते थे। जिसके बाद स्कूल, कालेज से यह आनलाइन जांच के लिए लखनऊ जाती थी और इसके बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी के पास आती थी।

जिला समाज कल्याण अधिकारी आफिस से पैसा दे दिया जाता था। इस प्रक्रिया में प्रदेश के कई जनपदों में गड़बड़झाला सामने आया। पता चला कि कुछ स्कूल, कालेजों ने फर्जी एडमिशन लेकर छात्रवृत्ति ले ली। इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए अब सरकार ने बायोमैट्रिक मशीन का सहारा लिया है।

जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि अब पहले स्कूल, कालेज के प्रिंसिपल, प्राचार्य और एक छात्रवृत्ति नोडल अधिकारी को छात्रवृत्ति के वेब पोर्टल पर अपने अंगूठे के निशान देने होंगे। यही वेब पोर्टल स्कूल, कालेज में प्राचार्य और नोडल अधिकारी के अंगूठे के निशान से खुलेगा।

वह अपने कालेज के सभी पात्र छात्रों के अंगूठे के निशान लेंगे। जांच के लिए डाटा लखनऊ जाएगा। इसके बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी को छात्रवृत्ति देने के आदेश दिए जाएंगे। अंगूठे के निशान का एडमिशन रजिस्टर से मिलान किया जाएगा। इससे फर्जीवाड़ा नहीं होगा।

9वीं, 10वीं कक्षा के विद्यार्थी को मिलते हैं तीन हजार रुपये

जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि नौवीं और 10वीं कक्षा के छात्रों को तीन हजार रुपये छात्रवृत्ति के तौर पर मिलते हैं। इससे ऊपर की कक्षाओं के छात्रों को छात्रवृत्ति के साथ-साथ शुल्क प्रतिपूर्ति यानी फीस का भी पैसा मिलता है।

ये छात्र होते हैं पात्र

अनुसूचित जाति के छात्रों के परिवार मुखिया की इनकम ढाई लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। सामान्य छात्रों के परिवार के मुखिया की इनकम दो लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। तभी छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा।

आफिस में लग रही भीड़, नहीं चल रही वेबसाइट

बायोमैट्रिक मशीन पर अंगूठे का निशान देने के लिए स्कूल, कालेजों के स्टाफ की भीड़ लग रही है। चार दिन से स्कूल, कालेजों का स्टाफ परेशान है। इसका कारण वेबसाइट का नहीं चलना है।

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