Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

'...पर बोझ डालना उचित नहीं', मेरठ सांसद अरुण गोविल के सामने BJP के ही पार्षदों ने रख दी ये मांग

भाजपा पार्षदों ने मेरठ सांसद अरुण गोविल के सामने जीआइएस सर्वे और नामांतरण शुल्क का मुद्दा उठाया। कहा कि वह जीआइएस सर्वे के विरोध में नहीं हैं। उनकी मांग है कि लागू करने से पहले जीआइएस सर्वे का सत्यापन होना चाहिए। इसके बाद पूरी रिपोर्ट नगर निगम सदन में बोर्ड के सदस्यों के समक्ष रखी जाए तब इसे लागू किया जाए।

By dileep patel Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 13 Jul 2024 03:46 PM (IST)
Hero Image
मेरठ सांसद अरुण गोविल । फाइल फोटो।

जागरण संवाददाता, मेरठ। सर्किट हाउस में हुई बैठक में सांसद अरुण गोविल के सामने भाजपा पार्षदों ने जीआइएस सर्वे और नामांतरण शुल्क का मुद्दा उठाया। कहा कि जीआइएस सर्वे में बढ़े गृहकर का जनता पर बोझ डालना उचित नहीं है। चार साल पहले नामांतरण शुल्क में बेतहाशा वृद्धि कर जनता पर बोझ डाला गया था। पार्षदों ने दोनों ही आदेश निरस्त करवाने की मांग की। सांसद समेत महापौर को इन मांगों का ज्ञापन भी सौंपा।

भाजपा पार्षदों ने कहा कि वह जीआइएस सर्वे के विरोध में नहीं हैं। उनकी मांग है कि लागू करने से पहले जीआइएस सर्वे का सत्यापन होना चाहिए। इसके बाद पूरी रिपोर्ट नगर निगम सदन में बोर्ड के सदस्यों के समक्ष रखी जाए। जब सदन इसे सहमति के आधार पर पास करे, तब इसे लागू किया जाए। 

नामांतरण शुल्क को भी निरस्त करवाने की मांग

पार्षदों ने कहा कि एक एजेंसी ने जीआइएस सर्वे कर रिपोर्ट नगर निगम को सौंप दी। निगम को इसका सत्यापन कराना चाहिए था। क्योंकि सर्वे को लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। जीआइएस सर्वे से भवन स्वामियों का गृहकर दो गुणा से तीन गुणा तक हो गया है। पार्षदों ने चार साल पहले बढ़ाए गए नामांतरण शुल्क को भी निरस्त करवाने की मांग रखी।

कहा कि 500 रुपये नामांतरण शुल्क बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया था। इसका नगर निगम बोर्ड ने विरोध किया था और सदन में इसे निरस्त कर दिया था। तत्कालीन नगर आयुक्त ने सदन के निर्णय का पालन नहीं किया था। इस बोझ से शहर की जनता पहले से ही परेशान है। इस दौरान महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने कहा कि सदन में जीआइएस सर्वे को रखने के बाद ही लागू करने पर निर्णय लिया जाएगा।

वहीं, गंदगी, जलभराव और आवारा कुत्तों व बंदरों की बढ़ती समस्या को भी सांसद के समक्ष रखा गया। सांसद ने नगर निगम अधिकारियों से इन मांगों पर बात करने की बात कही। ज्ञापन देने वालों में पार्षद अनुज वशिष्ठ, सुमित मिश्रा, अनिल वर्मा, कुलदीप वाल्मीकि, पूनम गौतम, दिग्विजय आदि पार्षद मौजूद रहे।

ये भी पढ़ें - 

पार्षद ने उठाए भाजपा की सूची पर सवाल, पत्र लिखकर पूछ लिया- किस आधार पर वोट डालने आऊंगा?