मरीज को डिस्टिल वाटर लगा ब्लैक में बेचा जा रहा था रेमडेसिविर, सुभारती मेडिकल कालेज मेरठ के आठ कर्मी गिरफ्तार
एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि सुभारती मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड स्थित द्वितीय तल पर गाजियाबाद के कविनगर निवासी शोभित जैन भर्ती थे। स्वजन ने शोभित जैन को लगाने के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन वार्ड में कर्मचारियों को दे दिया। गुरुवार को शोभित जैन की मौत हो गई।
By Himanshu DwivediEdited By: Updated: Sun, 25 Apr 2021 09:08 AM (IST)
मेरठ, जेएनएन। Black Marketing of Remdesivir Injection In Meerut: कोरोना की इस महामारी के बीच कुछ अस्पतालों के कर्मचारी अपने लाभ के लिए मरीजों के जीवन से जमकर खिलवाड़ कर रहे हैं। जीवन बचाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की जगह मरीज को डिस्टिल वाटर लगाकर इंजेक्शन ब्लैक में बेच रहे हैं। शुक्रवार रात सर्विलांस टीम ने सुभारती मेडिकल कालेज में रेमडेसिविर की कालाबाजारी कर रहे कोविड वार्ड के दो कर्मचारियों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनके कब्जे से एक रेमडेसिविर इंजेक्शन और 25 हजार रुपये बरामद हुए हैं। पुलिस से हाथापाई की भी कोशिश की गई। पूछताछ में जो राजफाश हुआ वह काफी चौंकाने वाला है। ये कर्मचारी रेमडेसिविर की जगह मरीज को डिस्टिल वाटर लगा देते थे और इंजेक्शन ब्लैक में 25 हजार में बेच देते थे। पुलिस ने सुभारती ग्रुप के ट्रस्टी और उनके बेटे की भूमिका पर भी जांच बैठा दी है।
एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि सुभारती मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड स्थित द्वितीय तल पर गाजियाबाद के कविनगर निवासी शोभित जैन भर्ती थे। स्वजन ने शोभित जैन को लगाने के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन वार्ड में कर्मचारियों को दे दिया। गुरुवार को शोभित जैन की मौत हो गई। एक तीमारदार की शिकायत पर पुलिस और सर्विलांस टीम ने योजना के तहत एक दारोगा को ग्राहक बनाया और सुभारती पहुंच गए। कर्मचारियों ने इस इंजेक्शन को सुभारती कालेज के गेट पर 25 हजार में ग्राहक बने दारोगा को बेच दिया। पुलिस ने इंजेक्शन बेचने वाले सुभारती के कर्मचारी आबिद और अंकित को दबोच लिया। दोनों की पुलिस से हाथापाई भी हुई। सुभारती अस्पताल के अन्य स्टाफ ने पुलिस से इंजेक्शन छीनने की कोशिश की। इस पर पुलिस ने छह अन्य को भी दबोच लिया। गिरफ्तार किए गए कर्मियों में अंकित निवासी मल्लाहपुर, रोहटा, मेरठ, आबिद निवासी सिसौली जानीखुर्द, मेरठ, रईस निवासी लखवाया, कंकरखेड़ा, गौरव कुमार निवासी चरला, फलावदा, अमित कुमार निवासी बहादुरपुर, परतापुर, रोहित कुमार निवासी हजूराबाद, सिंघावली बागपत, महेंद्र सिंह निवासी चीलक, शिकारपुर, बुलंदशहर और अनिल कुमार निवासी उलेड़ा गुलावटी बुलंदशहर शामिल हैं। एसपी देहात ने बताया कि पूछताछ में दोनों कर्मचारियों ने बताया कि तीमारदार द्वारा दिया गया रेमडेसिविर इंजेक्शन को उन्होने अपने पास रख लिया था और मरीज को डिस्टिल वाटर लगा दिया था। पूछताछ में सामने आया कि इंजेक्शन की जिम्मेदारी सुभारती ग्रुप के ट्रस्टी अतुल कृष्ण भटनागर की थी। साथ ही उनके बेटे डा. कृष्ण मूॢत की देखरेख में इंजेक्शन मरीज को लगाया जाना था। पुलिस ने अतुल कृष्ण और डाक्टर कृष्णमूर्ति की भूमिका की जांच शुरू कर दी है। हालांकि सुबह पुलिस ने इन दोनों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने की जानकारी दी थी, लेकिन बाद में इनकी भूमिका की जांच की बात कही गई। उधर, शाम को शोभित जैन की बहन ने एसएसपी के पीआर से बात की और अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया। पीआरओ ने तहरीर देने पर जांच की बात कही।
इनका कहना हैसुभारती के आठ कर्मचारियों को रेमडेसिविर की कालाबाजारी में गिरफ्तार कर लिया है। ट्रस्टी अतुल कृष्ण भटनागर और उनके डाक्टर बेटे डा. कृष्णमूर्ति की भूमिका की जांच की जा रही है। मरीज को डिस्टिल वाटर लगाकर रेमडेसिविर चोरी कर ब्लैक में बेचा जा रहा था। जांच की जा रही है कि अब तक ऐसे कितने रेमडेसिविर इंजेक्शन ब्लैक में बेच चुके हैं। पुलिस की टीम अन्य अस्पतालों की भी गोपनीय जांच कर रही है।
अजय साहनी, एसएसपी कर्मचारियों ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी की है। पुलिस उन्हेंं जेल भेजे। इस घटना से हमारा और डा. कृष्णमूर्ति का कोई लेना-देना नहीं है। मैं इस समय देहरादून में हूं। एसएसपी रंजिशन हमें फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। यदि पुलिस का यही रवैया रहा तो अस्पताल बंद कर देंगे। हमने अस्पताल प्रशासन की टीम बनाकर अपनी तरफ से भी जांच शुरू कर दी है। अतुल कृष्ण भटनागर, सुभारती ग्रुप के ट्रस्टी।
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