रेमडेसिविर की कालाबाजारी में आठ को भेजा जेल, मेरठ के सुभारती मेडिकल कालेज प्रबंध तंत्र को नोटिस
Black Marketing Of Remedesvir मेरठ में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले सुभारती मेडिकल कालेज के आठ आरोपितों को पुलिस ने रविवार को अदालत में पेश किया। ट्रस्टी अतुल कृष्ण और उनके बेटे कृष्णमूत की भूमिका की होगी जांच।
By Taruna TayalEdited By: Updated: Sun, 25 Apr 2021 10:56 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। कोरोना के गंभीर मरीजों की जान बचाने में इस्तेमाल हो रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले सुभारती मेडिकल कालेज के आठ आरोपितों को पुलिस ने रविवार को अदालत में पेश किया। अदालत ने सभी को अस्थायी जेल भेजने का आदेश दिया। दूसरी ओर, पुलिस ने सुभारती प्रबंध तंत्र को नोटिस भेजकर पूछा है कि अस्पताल में रेमडेसिविर की देखरेख की जिम्मेदारी किसकी थी। पुलिस ने सुभारती ग्रुप के ट्रस्टी अतुल कृष्ण भटनागर और उनके बेटे डा. कृष्णमूर्ती की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है। पुलिस अभी तक बेचे गए रेमडेसिविर इंजेक्शनों का रिकार्ड जुटा रही है।
यहां भर्ती गाजियाबाद के एक मरीज को रेमडेसिविर की जगह डिस्टिल वाटर लगा दिया गया था। गुरुवार को उस मरीज की मौत हो गई थी। शुक्रवार रात जानी थाने की पुलिस ने सॢवलांस टीम के साथ रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में अंकित, आबिद, रईस, गौरव कुमार, अमित कुमार, रोहित कुमार, महंद्र सिंह और अनिल कुमार को गिरफ्तार किया था। ये सभी मेरठ और आसपास के जिलों के रहने वाले हैं। आबिद के कब्जे से पुलिस ने एक इंजेक्शन और 25 हजार रुपये बरामद किए थे। यह इंजेक्शन एक दारोगा ने ग्राहक बनकर खरीदा था।
इनका कहना है...
इंस्पेक्टर संजय वर्मा ने बताया कि जांच में सामने आ रहा है कि कोरोना संक्रमण के चरम पर पहुंचते ही रेमडेसिविर की कमी होने लगी थी। तभी से इंजेक्शन की कालाबाजारी शुरू हो गई। कालाबाजारी करने वाले एक इंजेक्शन के 32 हजार रुपये तक वसूल रहे थे।हर अस्पताल पर नजर
रेमडेसिविर की कालाबाजारी में सुभारती प्रबंध तंत्र से कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। कुछ अन्य अस्पतालों पर भी सॢवलांस टीम की नजर है। पुख्ता सूचना है कि कालाबाजारी करने वाले बाहरी लोगों को इंजेक्शन बेचने बंद कर अब अस्पताल के अंदर जरूरतमंदों से संपर्क कर रहे हैं। पुलिस की टीम अस्पताल में तीमारदारों के संपर्क में भी है।
- अजय साहनी, एसएसपी आरोपितों की मदद करेगा सुभारती ग्रुप : अतुल कृष्णसुभारती मेडिकल कालेज में रेमडेसिविर की कालाबाजारी में जेल भेजे गए आठ में से छह आरोपितों की सुभारती ग्रुप ने पैरवी करने और उन्हें हर्जाना देने का फैसला किया है। ट्रस्टी अतुल कृष्ण की ओर से बताया गया है कि आंतरिक जांच में सुरक्षाकर्मी निर्दोष मिले हैं। उन्हें फंसाया गया है, लिहाजा वे उनके साथ हैं। इस प्रकरण में ग्रुप के किसी पदाधिकारी का कोई लेना-देना नहीं है। जांच में प्रशासन का पूरा सहयोग किया जाएगा।
उधर, पुलिस ने दर्शाया है कि आबिद से बरामद इंजेक्शन एक रोगी को लगना था, जिसकी मौत 22 अप्रैल को हो गई। उसे मरीज को न लगाकर बेचा गया। सुभारती ग्रुप की ओर से दावा किया गया है कि मरीज को केवल तीन इंजेक्शन लगने थे, जो उसको लगाए गए। आरोपित ने स्टाक से किसी प्रकार चार इंजेक्शन निकलवा लिए। उसे ऊंची कीमत पर बेचने का उसने प्रयास किया। इंजेक्शन के बदले डिस्टिल वाटर लगाने की बात बेबुनियाद है।
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