Black Stork Bird: मेरठ में पहली बार दिखा संकटग्रस्त प्रजाति का खूबसूरत पक्षी, जानिए इसकी खासियत
Black Stork Bird भरत पुर पक्षी विहार की रौनक खूबसूरत ब्लैक स्टार्क का मेरठ में दीदार। मेरठ के सोफीपुर में देखा गया संकट ग्रस्त प्रजातियों की सूची में शामिल लाल चोच और काले पंखों वाला पक्षी। बर्ड वाचर डा. जे जमाल जैदी इसे कैमरे में कैद किया है।
ओम बाजपेयी, मेरठ। Black Stork Bird पक्षियों के प्रति मेरठ बर्ड कंजर्वेशन ग्रुप के सदस्यों की अदम्य जिज्ञासा रंग लाई है। जनपद पहली बार खूबसूरत पक्षी ब्लैक स्टार्क को देखा गया है। भरत पुर की बर्ड सेंचुरी में देखे जाने वाले इस पक्षी को सोफीपुर में बर्ड वाचर डा. जे. जमाल जैदी ने कैमरे में कैद किया है। इसके साथ ही मेरठ में अब आइडेंटीफाई की गई 296 स्पिशीज की पक्षियों की सूची में एक और नाम जुड़ गया है।
ये होती है खासियत
इस पक्षी की चोंच और पैर का निचला भाग गुलाबी - लाल रंग का होता है। गर्दन और पीठ मखमली सिल्की काले रंग के रोएं और पंख होते हैं। पेट का हिस्सा सफेद होता है। पानी में शिकार की तलाश में झुंड के रूप में इसका चलते हुए देखना अपने आप एक अद्भुद अहसास होता है। पक्षियों की गतिविधियों को लेकर बेहद जिज्ञासू डा. जे जमाल जैदी पिछले 40 वर्ष से मेरठ ही नहीं देश के विभिन्न भागों में बर्ड वाचिंग करते रहे हैं। पिछले दिनों वह विदेशी पक्षियों की टोह लेने के लिए सोफीपुर गए हुए थे।
इस पक्षी ने ध्यान खींचा था
सैन्य इलाके के छोर पर अक्टूबर में हुई जोरदार बारिश का पानी अभी भी जगह जगह एकत्र है। वहीं पर एक पेड़ पर बैठे पक्षी ने उनका ध्यान खींचा। तत्परता से उन्होंने उसे कैमरे में कैद किया। वह इसे सामान्य शिशु स्टार्क मान रहे थे। बाद में वरिष्ठ पक्षी विशेषज्ञ डा. रजत भार्गव ने इसे ब्लैक स्टार्क के रूप में इसकी पहचान की। बर्डस आफ मेरठ पुस्तक के लेखक डा. रजत ने बताया कि 1983 में प्रसिद्ध् बर्ड वाचर वाइ एम राय ने मेरठ के पक्षियों को सूची बद्ध् किया था उसमें भी यह पक्षी शामिल नहीं था।
इस कारण है संकट में
सिकुड़ते तालाबों और पेड़ों के कटान के चलते संकट ग्रस्त श्रेणी में है ब्लैक स्टार्क अन्य जलीय पक्षियों से इतर ब्लैक स्टार्क शांत गहरे तालाबों में विचरण करता है। यह अंडे तालाबों के आसपास लगे ऊंचे पेड़ों पर देता है। चूंकि यह भरतपुर और सहारनपुर के जंगलों में दिखता है।।अवैध कब्जों की भेंट चढ़े गए तालाबों और पेड़ों के कटान के कारण यह पक्षी दुर्लभ प्रजातियों की सूची में शामिल है। डा. जमाल बताते हैं इस पक्षी का मेरठ में देखा जाना एक तरह से नए पर्यावरणीय स्थितियों से इसके अनुकूल की ओर भी इशारा करता है। कि यह कम गहरे तालाबों को भी अपना आश्रय स्थल बना रहा है। सोफी पुर में जो पक्षी दिखा है वह जुवेलिन अर्थात शिशु है। ऐसे में बहुत संभव हो इसका कुनबा भी पास ही हो।
इसे सुरमल कहा जाता है
मेरठ में चार प्रकार के एशियन ओपेन बिल, वुली नेक्ड, पेंटेड और ब्लैक नेक्ड स्टार्क पाए जाते हैं। सोफीपुर में देखा गया ब्लैक स्टार्क पांचवा हैं। डा. रजत भार्गव ने बताया कि लोकल भाषा में इसे सुरमल कहा जाता है। यह नियर थ्रेटेंड या संकट ग्रस्त प्रजाति के पक्षियों की सूची में शामिल है। मेरठ बर्ड वाचर ग्रुप की सक्रियता का परिणाम है कि इसे मेरठ में चिन्हित किया गया है। मेरठ बर्ड कंजर्वेशन ग्रुप में शहर के प्रबुद्ध वर्ग व वन्य जीव प्रेमी जुड़े है। उनके सतत प्रयास से ही ब्लैक स्टार्क पक्षी को मेरठ में विचरण करते हुए चिन्हित किया गया है।
इनका कहना है
ये अपने आप में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि अब तक इस सुंदर पक्षी को भरतपुर पक्षी विहार या फिर सहारनपुर के जंगलों में देखा जाता है। हस्तिनापुर में इसके चिन्हीकरण के लिए अभियान चलाया जाएगा।
- डा. राजेश कुमार डीएफओ