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ब्रिटिश हाई कमीशन और स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी की सौगात, बुलंदशहर में सरकारी स्‍कूल के बच्‍चे पा रहे चांद-तारों का ज्ञान

बुलंदशहर के सीडीओ अभिषेक पांडेय के अनुसार सितंबर 2021 में जिले के सरकारी 107 प्राथमिक विद्यालयों में खगोलीय पाठशाला खोली गईं। यहां पढ़ने वाले गरीब बच्चे खगोलीय प्रक्रिया से अब कागजों में ही नहीं बल्कि टेलीस्कोप के जरिए रूबरू हो रहे हैं।

By Parveen VashishtaEdited By: Updated: Sun, 27 Mar 2022 09:25 PM (IST)
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बुलंदशहर के गांव शरीफपुर भंसरौली में बनी लैब

बुलंदशहर, जागरण संवाददाता। जिले के 107 सरकारी स्‍कूलों के बच्चे सौर मंडल की हलचल से रोजाना रुबरू हो रहे हैं। इससे प्रभावित होकर दुनिया की नामचीन स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी अमेरिका ने इन प्राथमिक विद्यालयों में संचालित खगोलीय पाठशाला में अध्ययनरत बच्चों के लिए 500 फोल्ड टेलीस्कोप दान किए हैं। इसी के साथ ब्रिटिश हाइकमीशन ने बच्चों के लिए कंप्यूटर भेजे हैं।

सीडीओ अभिषेक पांडेय ने बताया कि सितंबर 2021 में जिले के सरकारी 107 प्राथमिक विद्यालयों में खगोलीय पाठशाला खोली गईं। ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र के गरीब बच्चे खगोलीय प्रक्रिया की बाबत अब कागजों में नहीं बल्कि टेलीस्कोप के जरिए मंगल, बृहस्पति, अंतरिक्ष का विज्ञान और चांद-तारों की परिक्रमाओं से रुबरू हो रहे हैं। 

संबित पात्रा ने भी सराहा  

सीडीओ ने कहा कि बिना ग्रह व नक्षत्र के कोई कार्य नहीं होता। यह प्राचीन काल से चला आ रहा है। आज तो आधुनिक युग है। ग्रह कितने हैं, सौर मंडल में तारे कितने हैं, सूर्य चन्द्रमा व पृथ्वी के बीच कितनी दूरी है, सौर मंडल में हर रोज क्या गतिविधि होती है, कौन सा ग्रह कितनी चाल से चलता है आदि की बाबत शिक्षक, जागरूक लोग और स्कूली बच्चे खगोलीय पाठशालाओं में अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गत दिनों भाजपा के मीडिया प्रभारी संबित पात्र ने बुलंदशहर में किए गए इस नवाचार को ट्वीट किया था। इस ट्वीट को लाखों भारतीयों और विदेशियों ने इसे सराहा था।

उन्होंने बताया कि बुधवार की दोपहर उन्हें ब्रिटिश हाईकमीशन की ओर से दो कंप्यूटर, दो प्रिंटर के साथ-साथ अन्य सामग्री भेजी गई है। अमेरिका की स्टेन फोर्ड यूनिवर्सिटी ने फोल्ड टेलीस्कोप का निर्माण किया है। सैंपल के तौर पर स्टेन फोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से खगोलीय पाठशालाओं के लिए 500 फोल्ड टेलीस्कोप भी भेजे गए हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत निधि से सरकारी विद्यालयों में बनाई गई प्रत्येक खगोलीय पाठशाला के संचालन में 2.70 लाख रुपये की लागत आई है।

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