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CCS University का नया कारनामा: परीक्षा दी गणित और सांख्यिकी की, परिणाम आया बिल्कुल अलग ही सब्जेक्ट का

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की ओर से शुक्रवार देर शाम यूजी एनईपी पांचवें सेमेस्टर का परिणाम जारी किया गया। परिणाम में छात्रों के विषय बदलने के साथ ही अलग विषय जुड़कर भी मार्कशीट निकल रही है। एनईपी यूजी में दो मेजर विषय होते हैं। कुछ छात्रों का तीन मेजर विषय के साथ रिजल्ट आया है। जबकि छात्रों ने परीक्षा फार्म में दो ही मेजर विषय भरे थे।

By Amit Tiwari Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sun, 02 Jun 2024 11:48 AM (IST)
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CCS University का नया कारनामा: परीक्षा दी गणित और सांख्यिकी की, परिणाम आया बिल्कुल अलग ही सब्जेक्ट का
जागरण संवाददाता, मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की ओर से शुक्रवार देर शाम यूजी एनईपी पांचवें सेमेस्टर का परिणाम जारी किया गया। परिणाम में छात्रों के विषय बदलने के साथ ही अलग विषय जुड़कर भी मार्कशीट निकल रही है। एनईपी यूजी में दो मेजर विषय होते हैं। कुछ छात्रों का तीन मेजर विषय के साथ रिजल्ट आया है। जबकि छात्रों ने परीक्षा फार्म में दो ही मेजर विषय भरे थे।

उन्हीं दोनों विषयों के नाम एडमिट कार्ड में भी थे, जिनकी परीक्षाएं भी दी, लेकिन परिणाम आया तो विषय ही बदल गए। एक छात्रा ने गणित और सांख्यिकी ली थी। उसके एडमिट कार्ड में भी यही दोनों विषय थे, लेकिन जब परिणाम आया तो अंक पत्र में इन दोनों विषयों के साथ ही केमिस्ट्री विषय को जोड़कर उसके अंक भी दर्शाए गए हैं। इतना ही नहीं, यूजी एनईपी के पहले चार सेमेस्टर में तीन मेजर विषय होते हैं।

विषम सेमेस्टर परिणाम में पहले और तीसरे सेमेस्टर के परिणाम में विद्यार्थियों के चार मेजर विषय जुड़कर परिणाम अंक पत्र पर दिख रहे हैं। इसी तरह माइनर विषयों में भी अदला-बदली हो गई है। इस संबंध में कुलसचिव धीरेंद्र कुमार का कहना है कि इस तरह का मामला संज्ञान में आया है। यह गलती किस स्तर पर हुई है, इसकी जांच कराई जा रही है।

प्रोजेक्ट के आंतरिक मूल्यांकन पर फीस कम करने की मांग

सीसीएसयू ने यूजी एनईपी में प्रोजेक्ट यानी डिजर्टेशन का मूल्यांकन आंतरिक कर दिया है। यानी अब कालेजों के शिक्षक भी प्रोजेक्ट का मूल्यांकन करेंगे। ऐसे में छात्रों ने विश्वविद्यालय से प्रोजेक्ट का शुल्क कम करने की मांग की है। पूर्व छात्र संघ महामंत्री अंकित अधाना के अनुसार छात्रों ने अंतिम सेमेस्टर में प्रोजेक्ट की फीस 1,390 दी थी, जिसे अधिक मानते हुए विरोध भी हुआ था।

तब विश्वविद्यालय का तर्क था कि प्रोजेक्ट बाह्य परीक्षक की निगरानी में होगा। लंबी प्रक्रिया के लिए उक्त फीस निर्धारित की गई है। छात्रों ने कालेजों में कोई भी प्रोजेक्ट न कराए जाने के आरोप भी लगाए थे। अब जब प्रोजेक्ट का मूल्यांकन आंतरिक ही किया जाना है। ऐसे में छात्रों ने इसकी फीस भी कम करने की मांग की है।

कल से फिर खुलेंगे बी-फार्मा के पंजीकरण

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की ओर से बी-फार्मा के पंजीकरण सोमवार यानी तीन जून से 10 जून तक के लिए दोबारा खोले जा रहे हैं। जिन अभ्यर्थियों के पंजीकरण अधूरे हैं, वह भी इसे पूरा कर सकते हैं। पंजीकरण शुल्क जमा किए बिना पंजीकरण अधूरा ही माना जाएगा।

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