CCSU Meerut News: परीक्षा का समय घटा और अब प्रश्न भी होंगे कम, तैयारियों में जुटे कालेज
मेरठ में चौधरी चरण सिहं विश्वविद्यालय की ओर से पहले से ही प्रश्नपत्र तैयार कराए गए हैं। जिनमें छात्रों को कम प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। बहुविकल्पीय आधारित परीक्षा में अभी तक छात्रों को 100 प्रश्नों का उत्तर देना होता था। इस बार 75 प्रश्नों का उत्तर देंगे।
मेरठ, जेएनएन। CCSU Meerut News मेरठ में कोरोना के चलते चौधरी चरण सिंह विवि और संबद्ध कालेजों की परीक्षा में प्रश्नों की संख्या कम की जा रही है। दो जुलाई से शुरू होने वाली परीक्षा में छात्रों को डेढ़ घंटे में 75 बहुविकल्पीय प्रश्नों का उत्तर देना होगा। पहले तीन घंटे में प्रश्नों का उत्तर देना होता था।
प्रश्न पत्र को ऐसे समझिए
विश्वविद्यालय की ओर से पहले से ही प्रश्नपत्र तैयार कराए गए हैं। जिनमें छात्रों को कम प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। बहुविकल्पीय आधारित परीक्षा में अभी तक छात्रों को 100 प्रश्नों का उत्तर देना होता था। इस बार केवल 75 प्रश्नों का उत्तर देंगे। इसी तरह विस्त़ृत उत्तरीय प्रश्नपत्र में भी छात्रों को आधे प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। पहले सेक्शन ए में पांच प्रश्नों में से तीन प्रश्नों के उत्तर देने होते थे, अब दो प्रश्न के उत्तर देने होंगे। सेक्शन बी में पहले तीन में से दो प्रश्न करने होते थे, अब एक प्रश्न करना होगा। इसी तरह से सेक्शन सी में पहले पांच प्रश्न में से तीन प्रश्न करने होते थे, अब पांच में दो प्रश्न करने होंगे।
परीक्षा को लेकर दिशा निर्देश जारी
दो जुलाई से मुख्य और आठ जुलाई से सेमेस्टर की परीक्षा शुरू हो रही है। परीक्षा को लेकर विवि की ओर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। जिसमें कालेजों को कोरोना से बचाव के प्रोटोकाल और सामाजिक दूरी के पालन को कहा गया है।
परीक्षा को लेकर प्राचार्यों संग बैठक
मंगलवार को सीसीएसयू के कुलपति प्रो. एनके तनेजा ने कालेज के प्राचार्य, विभागाध्यक्ष और संकायाध्यक्षों के साथ बैठक की। जिसमें कुलपति प्रो. एनके तनेजा ने कहा कि कालेज अपने स्तर पर परीक्षा की तैयारियों में जुट जाएं। इस बार प्रयोगात्मक परीक्षाएं नहीं कराई जाएंगी, मौखिक परीक्षा आनलाइन होगी। कुलपति ने सभी कालेजों को महिला सशक्तीकरण पर जोर देने के लिए भी कहा। साथ ही हर कालेज को अपने संसाधन से 100 पीपल के पेड़ लगाने के लिए भी निर्देश दिए। बैठक में प्राचार्य डा. नरेश मलिक ने कहा कि विवि से परीक्षा का बिल पास नहीं होता परीक्षा कराने के बाद कालेज को विवि में वित्त अधिकारी के यहां चक्कर लगाना पड़ता है। इससे परीक्षा संचालन में दिक्कत आती है।