Chhath Puja 2022: पर्व के दौरान नियमों का पालन करने से प्रसन्न होती हैं छठी माता, मिलता है मनोवांछित फल
Chhath Puja 2022 ऐसी मान्यता है कि इस पर्व से जुड़े नियमों का पालन करने से माता छठी प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करती हैं। सूर्य उपासना और माता छठी की पूजा की जाती है। मेरठ में सहायक प्राध्यापक भी इसके बारे में बता रहे हैं।
By Jagran NewsEdited By: PREM DUTT BHATTUpdated: Sun, 30 Oct 2022 01:19 PM (IST)
मेरठ, जागरण संवाददाता। Chhath Puja 2022 हिन्दू धर्म में छठ पर्व को अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस पर्व से जुड़े नियमों का पालन करने से माता छठी प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करती हैं। छठ पर्व पर सूर्य उपासना और माता छठी की पूजा की जाती है। संतान की प्राप्ति, संतान की दीर्घायु, पारिवारिक सुख-समृद्धि और मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए यह पर्व मनाया जाता है।
36 घंटे का निर्जला व्रत
मृदा विज्ञान कृषि विज्ञान केंद्र हस्तिनापुर के सहायक प्राध्यापक डा. राकेश तिवारी का कहना है कि चार दिनों तक चलने वाले पर्व में 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है। यह पर्व पवित्रता और श्रद्धा का प्रतीक है। यह पर्व स्वच्छता के साथ प्रकृति को संरक्षित करने का संदेश देता है। अदरक, मूली, गाजर, हल्दी जैसी गुणकारी सब्जियों से अर्ध्य दिया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।
दिमाग की कार्य क्षमता
कमर तक पानी में डूबकर सूर्य की ओर देखना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। सूर्य की किरणों में 16 कलाएं होती है। लोटे से आड़े तिरछे जल की धारा से सूर्य की किरणें परावर्तित होकर जितनी बार आंखों तक पहुंचती हैं, उससे स्नायुतंत्र जो शरीर को कंट्रोल करते हैं, सक्रिय हो जाता है। दिमाग की कार्य क्षमता बढ़ जाती है। निर्जला उपवास से शरीर शुद्ध होता है। इतना ही नहीं, विटामिन डी की कमी को भी पूरा करता है। कार्तिक माह में विटामिन डी की मात्रा सूर्य उपासना से प्रचूर मात्रा में मिलती है।
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