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Chhath Puja 2022: नहाय खाय के साथ आज से छठ पूजन होगा शुरू, मेरठ के इन स्‍थानों पर की गई हैं तैयारियां

Chhath Puja In Meerut छठ महापर्व इस बार 28 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। यह 31 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। संतान सुख प्राप्ति और परिवार में सुख समृद्धि की कामना करने के लिए छठ पूजन का विशेष महत्व है। मेरठ में तैयारियां शुरू हो गई हैं।

By Jagran NewsEdited By: PREM DUTT BHATTUpdated: Thu, 27 Oct 2022 03:20 PM (IST)
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Chhath Puja Date 2022 शुक्रवार 28 अक्‍टूबर से छठ पूजा का महापर्व शुरू होने जा रहा है।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Chhath Puja 2022 सूर्य उपासना का सबसे बड़ा पर्व इस बार 28 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। यह 31 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। संतान सुख प्राप्ति और परिवार में सुख समृद्धि की कामना करने के लिए छठ पूजन का विशेष महत्व है। छठ पूजन का पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। मुख्य तौर पर पूर्वांचल के लोग छठ पूजन को पूरे उत्साह व उल्लास के साथ मनाते हैं।

शहर के इन स्‍थानों पर तैयारियां

शहर में कई प्रमुख स्थानों पर छठ पूजन को लेकर तैयारी शुरू हो चुकी हैं। इसमें परतापुर गंगोल घाट, चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय, गंगानगर आइ-ब्लाक, न्यू मीनाक्षीपुरम मंदिर, जेल चुंगी व पल्लवपुरम में पूर्वाचंल समाज के लोग एकत्र होकर पूरे उल्लास के साथ इस पर्व को मनाते हैं।

भगवान सूर्य की आराधना

गंगोल घाट में सरोवर पर छठ पूजन की अनुपम छठा देखते ही बनती है। इसके अलावा अन्य स्थानों पर कृत्रिम जलाशय बनाकर भगवान सूर्य की आराधना की जाती है। छठ पूजन में ठेकुआ का प्रसाद विशेष होता है। इसे घर के लोग व महिलाएं सामूहिक रूप से तैयार करते हैं।

पहला दिन - 28 अक्टूबर - नहाय खाय

इस दिन छठ पूजा की शुरूआत होती है। इस दिन को नहाय खाय के नाम से जाना जाता है। इस दिन व्रत करने से पहले एक बार ही खाना होता है।

दूसरा दिन - 29 अक्टूबर - खरना

छठ का दूसरा दिन खरना कहलाता है। इस दिन सूर्याेदय से लेकर सूर्यास्त तक महिलाओं का व्रत रहता है। सायंकाल में सूर्यास्त के बाद व्रत का पारण करना होता है। उसके बाद भोजन तैयार किया जाता है। सूर्य भगवान को भोग अर्पित किया जाता है।

तीसरा दिन - 30 अक्टूबर - अर्ध्य

यह छठ पूजन का तीसरा व सर्वाधिक महत्वपूर्ण दिन है। इसमें भगवान सूर्य को अस्त होते हुए अर्ध्य दिया जाता है। बांस की टोकरी में फल, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि पूजन सामग्री से सूर्यदेव की आराधना की जाती है। सूर्य को अर्ध्य देते हुए छठ गीत गाए जाते हैं।

चौथा दिन - 31 अक्टूबर - उषा अर्ध्य

छठ पूजन के चौथे व अंतिम दिन उगते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया जाएगा। इसे उषा अर्ध्य कहते हैं। 36 घंटे के व्रत के बाद यह अर्ध्य दिया जाता है। सूर्योदय को अर्ध्य देने के बाद छठ पर्व संपन्न हो जाएगा।

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