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'तैयार रहिए सजा मिलेगी', पेड़ों की कटान देख भड़के मुख्य सचिव; विधानसभा में Atul Pradhan ने उठाया था मुद्दा

सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान ने सप्ताह भर पहले विधानसभा में गंगनहर पटरी के किनारे खड़े पेड़ों के कटान का मुद्दा उठाया था। अब गंगनहर पटरी पर पेड़ों के ट्रांसप्लांट का मुख्य सचिव ने निरीक्ष किया। नजारा देख मुख्य सचिव भड़क गए और बोले- तैयार रहिए सजा मिलेगी। जरूरी भूमि की उपलब्धता को लेकर भी अधिकारियों से सवाल किए।

By sanjeev Kumar Jain Edited By: Aysha Sheikh Updated: Thu, 08 Aug 2024 03:14 PM (IST)
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मुरादनगर क्षेत्र में गंगनहर पटरी का निरीक्षण करते मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह। सौ सूचना विभाग

जागरण संवाददाता, मेरठ। गंगनहर पटरी का निरीक्षण करने पहुंचे प्रदेश सरकार में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह पटरी पर पेड़ों का कटान व पेड़ों का ट्रांसप्लांट देख भड़क गए। नाराज मुख्य सचिव ने गाड़ी रुकवाई और अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि तैयार रहिए, सजा मिलेगी। जरूरी भूमि की उपलब्धता को लेकर भी अधिकारियों से सवाल किए। उन्होंने कई स्थानों पर गाड़ी से उतरकर जांच की। उन्होंने गाजियाबाद के मुरादनगर से मुजफ्फरनगर के दुल्हैड़ी तक गंगनहर पटरी (दायीं) का निरीक्षण किया।

सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान ने सप्ताह भर पहले विधानसभा में गंगनहर पटरी के किनारे खड़े पेड़ों के कटान का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि पटरी का चौड़ीकरण कर यहां सात मीटर चौड़ी सड़क बनाई जानी है। चौड़ीकरण के लिए गाजियाबाद, मेरठ और मुजफ्फरनगर में कुल 1,12,722 पेड़ों का कटान करने की अनुमति प्रदान की गई। साथ ही 20 मीटर चौड़ाई में पेड़ों का कटान किया जाना था, लेकिन लोनिवि और वन विभाग के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार कर 35 से 40 मीटर तक पेड़ों का कटान करा दिया।

विधायक ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए जांच कराकर कार्रवाई की मांग की थी। विधायक द्वारा उठाए गए मुद्दे की जांच के लिए मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग के सचिव के साथ निरीक्षण के लिए पहुंचे। सबसे पहले निवाड़ी पुल के पास चौड़ीकरण को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों से सवाल किए। पूछा कि चौड़ीकरण का कार्य कब तक पूर्ण होगा और देरी का क्या कारण है। अधिकारियों ने पेड़ कटान की अनुमति में देरी को कारण बताया।

कड़ी कार्रवाई की चेतावनी

इसके बाद गंगनहर के किनारे ट्रांसप्लांट किए गए पेड़ों को देखकर मुख्य सचिव ने कड़ी नाराजगी जताते हुए पूछा कि यह किसके कहने पर किया जा रहा है। उन्होंने ट्रांसप्लांट कर रहे लोगों से भी पूछताछ की और कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। इसके अलावा पटरी मार्ग पर पर्याप्त भूमि होने के बाद भी अधिक दूरी तक पेड़ कटान को लेकर भी सवाल किए।

साथ ही अधिकारियों द्वारा पेड़ कटान का सच छिपाने के लिए 15 मीटर तक मिट्टी डालकर की गई डोलबंदी के बारे में भी पूछा। अधिकारियों ने इसे चौड़ीकरण की प्रक्रिया बताया। इसके बाद अधिकारियों का काफिला मेरठ क्षेत्र में पहुंचा। यहां मुख्य सचिव ने गाड़ी में बैठकर ही पटरी का निरीक्षण किया और मुजफ्फरनगर के दुल्हैडी तक गए।

अधिकारियों से पूछा, सिंचाई विभाग से क्यों नहीं ली अनुमति

निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव ने पूछा कि चौड़ीकरण के लिए 20 मीटर तक जरूरी सिंचाई विभाग की भूमि को लिया जा सकता था और अधिक संख्या में पेड़ों के कटान को भी बचाया जा सकता था। लोक निर्माण विभाग व अन्य विभागों के अधिकारियों ने बताया कि सिंचाई विभाग द्वारा जरूरी भूमि प्रदान करने के लिए अनुमति प्रदान नहीं की जा सकी। जिस कारण किनारे खड़े पेड़ों का कटान किया। अधिकारियों के जवाब पर मुख्य सचिव ने हैरानी जताई।

अभी तक काटे गए 16,574 पेड़

गंगनहर पटरी के चौड़ीकरण के लिए किनारे पर अभी तक 16,574 पेड़ों का कटान किया गया है। इसमें गाजियाबाद में 1,906, मेरठ में 9,423 और मुजफ्फरनगर में 5,245 पेड़ों का कटान शामिल है। इस तरह से अभी तक कुल 16,574 पेड़ काटे गए हैं। इसके अलावा पेड़ कटान का प्रकरण राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण में भी विचाराधीन है और गुरुवार को प्रकरण में सुनवाई की जाएगी।

गंगनहर पटरी मार्ग

इसलिए हो रहा गंगनहर पटरी का निर्माण

उत्तराखंड की सीमा से उप्र की सीमा में प्रवेश करते ही धामात पुल के पास मुजफ्फरनगर के निरगाजनी से गाजियाबाद में मुरादनगर तक गंगनहर पटरी का निर्माण किया जाना है। गंगनहर की दायीं ओर यह निर्माण होगा। पांच मीटर से सात मीटर की पटरी की चौड़ाई होगी। पहले से बायीं ओर सात मीटर की पटरी बनी है।

दायीं ओर पटरी का निर्माण होने से दिल्ली-देहरादून हाईवे पर वाहनों का दबाव कम हो जाएगा। कारण यह मार्ग हाईवे के बाइपास के रूप में प्रयोग होता है। कांवड़ यात्रा के दौरान मेरठ-मुजफ्फरनगर के बीच हाईवे पर भारी वाहन बंद करने पड़ते हैं। पटरी के निर्माण होने के बाद यहां कांवड़ यात्रा संचालित कराई जा सकेगी और दिल्ली-दून हाईवे को बंद करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

विधायक ने फोन पर मुख्य सचिव को दी जानकारी

निरीक्षण के दौरान सरधना विधायक अतुल प्रधान ने मुख्य सचिव से फोन पर बातचीत की। विधायक ने बताया कि उन्होंने पेड़ कटान से संबंधित जानकारी मुख्य सचिव के समक्ष रखी। मुख्य सचिव ने भी जांच का आश्वासन देते हुए शीघ्र ही रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करने की बात कही। विधायक ने कहा कि गंगनहर के किनारे काटे पेड़ों के मामले में कार्रवाई होने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।

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