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IIMT College Meerut: मेरठ में शिक्षिका को लेकर एक सप्ताह से अखाड़ा बना था आइआइएमटी विश्वविद्यालय

IIMT College Meerut आइआइएमटी विश्वविद्यालय में जतिन गुट शिक्षिका को हटाना चाहता था सचिन गुट कर रहा था पैरवी। जतिन त्यागी की अनुपस्थिति दर्शाने पर शिक्षिका से हो गया था विवाद। इसी कारण वह शिक्षिका को कालेज से हटाने की सोच रहा था।

By Prem Dutt BhattEdited By: Updated: Fri, 17 Jun 2022 03:05 PM (IST)
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IIMT College Meerut एलएलबी के छात्रों ने आइआइएमटी विश्वविद्यालय को विवाद का अखाड़ा बना दिया।

मेरठ,जागरण संवाददाता। आइआइएमटी विश्वविद्यालय एक सप्ताह से एलएलबी के छात्रों ने अखाड़ा बना दिया था। जतिन त्यागी और सचिन यादव गुट वर्चस्व को लेकर आमने सामने आ गए थे। पहले सचिन यादव गुट जतिन त्यागी पर भारी पड़ा था। उसके बाद तीन दिनों से जतिन त्यागी गुट सचिन पर हमला करने की फिराक में लगा हुआ था। इसकी शिकायत गंगानगर थाने में भी दी गई थी। उसके बाद भी पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया।

कालेज से हटाने की थी मंशा

यही कारण है कि जतिन त्यागी करीब 25 से ज्यादा लड़कों को लेकर सचिन गुट पर हमला करने पहुंच गया था। हापुड़ के तंगा सराय निवासी जतिन त्यागी अक्सर कालेज नहीं आता था। यही कारण है कि कालेज में एक शिक्षिका ने उसकी अनुपस्थिति लगा दी। अनुपस्थिति ज्यादा होने पर जतिन त्यागी कार्रवाई के दायरे में आ गया। उसने शिक्षिका को कालेज से हटाने की ठान ली। शिक्षिका की पैरवी में सचिन यादव पक्ष उतर गया। एक गुट शिक्षिका को हटाना चाहता था, दूसरा उनकी पैरवी कर रहा था। दोनों में इसी बात को लेकर वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी। एक सप्ताह पहले सचिन यादव गुट जतिन त्यागी पर भारी पड़ा था। उसी का बदला लेने के लिए जतिन त्यागी अपने साथियों के साथ तीन दिनों से सचिन पर हमले की फिराक में लगा हुआ था। गुरुवार को भी सचिन यादव उनसे बचकर ही विश्वविद्यालय से निकल गया था। लेकिन जतिन त्यागी ने बड़ी संख्या में छात्रों को सचिन की निगरानी के लिए लगा रखा था।

जतिन, कुलदीप और शिवांग को बर्खास्त किया

विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी सुनील शर्मा ने बताया कि तीनों दिनों से छात्राें में विवाद चल रहा था। प्रशासन को इसकी जानकारी बुधवार को मिली थी, जिस पर जतिन त्यागी और कुलदीप त्यागी को निलंबित कर दिया था। गुरुवार को घटना होने के बाद दोनों और उनके तीसरे साथी शिवांक को बर्खास्त कर दिया है। साथ ही पूरे प्रकरण की जांच के लिए कमेटी बैठा दी गई है।

तीन दिनों से वारदात दबाए बैठी थी गंगानगर पुलिस

आइआइएमटी में छात्रों के दो गुटों में सात दिन से तनातनी चल रही थी। तीन दिनों से मारपीट भी हो रही थी। कई बार गंगानगर पुलिस को सूचना दी गई। फैंटम मौके पर पहुंचकर लौट जाती थी। गंगानगर पुलिस मामले को गंभीरता से लेती तो वारदात को होने से बचाया जा सकता था। एसपी देहात केशव कुमार का कहना है कि गंगानगर पुलिस की लापरवाही पर भी जांच बैठा दी है।

तीन साल पहले मुठभेड़ में लगी कादिर को गोली

अगस्त 2019 को सीसीएस यूनिवर्सिटी में दो छात्रों को गोली मारने में आरोपित कादिर भी नामजद किया था, जो भाजपा नेता कुंवर बासित अली का भतीजा है। उस समय बासित अली ने सिविल लाइन थाने में कादिर को सरेंडर करा दिया था। कोर्ट में पेशी के दौरान दारोगा की पिस्टल छीनकर कादिर ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। खुद को बचाने के लिए पुलिस ने कादिर पर फायरिंग की थी।

हाल में लिया था एडमिशन

पैर में गोली लगने के बाद कादिर को पकड़कर जेल भेज दिया था। जेल से जमानत पर आने के बाद कादिर ने पढ़ाई शुरू कर दी है। उसने हाल में ही आइआइएमटी में एडमिशन लिया था। कादिर ने शुरू से ही जतिन त्यागी के गुट में रहना शुरू कर दिया। गुरुवार को भी जतिन के साथ मिलकर कादिर ने छात्र सचिन यादव पर फायरिंग कर दी। आरोप है कि फायरिंग में कादिर ने लाइसेंसी पिस्टल का उपयोग किया है। पुलिस उस पिस्टल की जांच पड़ताल कर रही है।