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IPS Prashant Kumar से थर-थर कांपते हैं अपराधी, मेरठ जोन में हुई थी 2273 मुठभेड़; गैलेंट्री मेडल से हो चुके हैं सम्मानित

IPS Prashant Kumar 1990 बैच के आईपीएस प्रशांत कुमार ने 15 जुलाई 2017 को एडीजी मेरठ जोन का पद संभाला था। 26 मई 2020 को स्थानांतरण एडीजी कानून व्यवस्था के पद पर लखनऊ हो गया था। जोन में कोरोना महामारी के दौरान शासन की नीति के अनुसार लॉकडाउन का अनुपालन कराया था। एडीजी ने वर्ष 2017 2018 एवं 2019 की कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराया था।

By Jagran News Edited By: Swati Singh Updated: Wed, 31 Jan 2024 03:53 PM (IST)
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कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार के कार्यकाल में मेरठ जोन में हुई थी 2273 मुठभेड़
जागरण संवाददाता, मेरठ। उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार के मेरठ कार्यकाल के दौरान बदमाश कांप गए थे। अपने तीन साल के कार्यकाल में उन्होंने जोन में अपराध नियंत्रण और अपराधियों की कमर तोड़ने का काम किया। उनके कार्यकाल में करीब 2273 मुठभेड़ हुईं, जिनमें 65 अपराधियों को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया। 1332 अपराधियों को पैरों में गोली लगी थी।

1990 बैच के आईपीएस प्रशांत कुमार ने 15 जुलाई 2017 को एडीजी मेरठ जोन का पद संभाला था। 26 मई 2020 को स्थानांतरण एडीजी कानून व्यवस्था के पद पर लखनऊ हो गया था। जोन में कोरोना महामारी के दौरान शासन की नीति के अनुसार लॉकडाउन का अनुपालन कराया था।

कोरोना से बचाने के लिए किया फ्रंटफुट पर काम

प्रशांत कुमार ने ही बचाव हेतु योजना बनाकर शासन एवं जनता के सहयोग से फ्रंट लाइन ड्यूटी में लगे जवानों को पर्याप्त मात्रा में सैनिटाइजर, मास्क, फेस शील्ड, पीपीई किट प्रदान किए। जवानों को कोरोना से बचाने की दोहरी चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया। खुद भी अधिकारियों के साथ फील्ड में जाकर जवानों का उत्साहवर्धन किया।

कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराया

एडीजी ने वर्ष 2017, 2018 एवं 2019 की कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराया था। अयोध्या प्रकरण, जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने एवं सीएए के विरोध आदि कई चुनौतियों का सामना करते हुए कानून व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू कराते हुए कोई अप्रिय घटना घटित नहीं होने दी। इस दौरान सोशल मीडिया का सकारात्मक प्रयोग किया गया।

डॉक्टर के अपहरण मामले को ऐसे सुलझाया

प्रशांत कुमार ने मेरठ में रहते हुए दिल्ली के प्रीति विहार निवासी डॉक्टर श्रीकांत गौड़ का अपहरण मुक्त कराया था। डॉक्टर के अपहरण में बदमाशों ने पांच करोड़ की फिरौती मांगी थी। इस कार्यवाही के लिए उन्हें गणतंत्र दिवस पर "गैलेंट्री मेडल" से सम्मानित किया गया है।

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