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Delhi Meerut Expressway: अब सामने आई एक्‍सप्रेस-वे की कुछ ऐसी तस्‍वीरें, सफर करने से पहले एकबार जरूर देखें

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का उदघाटन अभी हुआ भी नहीं है और सामने कुछ ऐसी तस्‍वीरें आ रहीं हैं जो आपकों वास्‍तव में हैैैैरान कर देगी। एक्‍सप्रेस वे के निर्माण में हजारों करोडों का खर्च हुआ है। इस एक्‍सप्रेसवे को सबसे अलग और आधुनिक तकनीक से जोड़ा गया है।

By Himanshu DwivediEdited By: Updated: Thu, 12 Aug 2021 09:09 AM (IST)
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दिल्‍ली मेरठ एक्‍सप्रेस वे की ये तस्‍वीरें जरूर देखें।

जागरण संवाददाता, मेरठ। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का उदघाटन अभी हुआ भी नहीं है और सामने कुछ ऐसी तस्‍वीरें आ रहीं हैं, जो आपकों वास्‍तव में हैैैैरान कर देगी। एक्‍सप्रेस वे के निर्माण में हजारों करोडों का खर्च हुआ है। इस एक्‍सप्रेसवे को सबसे अलग और आधुनिक तकनीक से जोड़ा गया है। लेकिन मानसून की पहली बारिश में ही इसका रंग बदल गया। कई जगहों पर मिट्टी कटान तो कई जगहों पर किनारे पर सड़के धंसी हुई सामने आई हैं।

कटान रोकने के लिए की यह व्‍यवस्‍था

मेरठ से डासना के बीच बारिश के दौरान धंसने और कटाव की समस्या से छुटकारा पाने के लिए कार्यदायी कंपनी ने श्रमिकों और मशीनों की संख्या बढ़ा दी है। दरअसल तेज बारिश के दौरान नए बने एक्सप्रेस-वे पर कहीं मिट्टीभराव वाला किनारा धंस जाता है, तो कहीं कटान होने लगता है। मरम्मत में जुटी टीम जब तक उसे दुरुस्त करती है, तब तक दूसरी जगह धंसने या कटान की समस्या सामने आ जाती है।

मानसून के बाद नए सिरे से होगा काम

इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कार्यदायी कंपनी जीआर इंफ्रा ने श्रमिकों और मशीनों की संख्या बढ़ा दी है। अब 145 श्रमिक मिलाकर कुल 300 लोगों का स्टाफ हो गया है। यह टीम एक्सप्रेस वे का नियमित निरीक्षण कर मौके पर मरम्मत करने के लिए लगाई गई है। इस टीम की मदद के लिए मशीनें भी अब 46 कर दी गई हैं। कार्यदायी कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि निरीक्षण व मरम्मत का यह काम नियमित चलता रहेगा। जब मानसून की बारिश थम जाएगी तब नये सिरे से दस दिनों के भीतर सौ फीसद मरम्मत कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा।

मानसून की पहली बारिश से...

कार्यदायी कंपनी और एनएचएआइ के अधिकारियों का कहना है कि एक्सप्रेस-वे खुलने के बाद यह पहली बरसात है। एक्सप्रेस-वे मिट्टी भराव कर ऊंचाई पर बनाया गया है। अप्रैल में एक्सप्रेस-वे खोला गया था, इसलिए मिट्टी पर लगाई गई घास ठीक से उग नहीं पाई। अब, इस बारिश के बाद घास ठीक से उग जाएगी जो मिट्टी को जकड़ लेगी। इससे अगले साल ऐसी समस्या नहीं आएगी। 

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