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Delhi Meerut Rapid Rail: शहरवासियों को दीपावली का तोहफा, रैपिड रेल के लिए मेरठ में पहली टनल तैयार

Rapid Rail Tunnel Ready एनसीआरटीसी की ओर से यह मेरठ के शहरवासियों को तोहफा है। मेरठ में रैपिड रेल कारिडोर अंतर्गत पहली सुरंग (टनल) बनकर तैयार हो गई। दो टनल का काम प्रगति पर अब शुरू होगा बेगमपुल से गांधीबाग तक सामानांतर टनल का निर्माण।

By Jagran NewsEdited By: PREM DUTT BHATTUpdated: Sat, 22 Oct 2022 02:08 PM (IST)
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Delhi Meerut Rapid Rail मेरठ में रैपिड रेल के लिए पहल सुरंग बनकर तैयार हो गई है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। Rapid Rail Tunnel Ready मेरठ शहरवासियों को यह दीपावाली का तोहफा है। मेरठ में रैपिड रेल कारिडोर अंतर्गत पहली सुरंग (टनल) बनकर तैयार हो गई। शनिवार को सुदर्शन 8.3 (टनल बोरिंग मशीन) ने सुरंग का निर्माण करने के बाद बेगमपुल आरआरटीएस स्टेशन पर बाहर ( ब्रेकथ्रू) आ गई। एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने एनसीआरटीसी के निदेशकों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में रिमोट का बटन दबाकर ब्रेकथ्रू की प्रक्रिया की शुरुआत की।

बेगमपुल स्टेशन से रीट्रीव

सुदर्शन 8.3 (टनल बोरिंग मशीन) को गांधी पार्क में निर्मित लान्चिंग शाफ्ट से लांच किया गया था। अब इसे बेगमपुल स्टेशन से रीट्रीव किया जाएगा। पहली टनल के ब्रेकथ्रू की यह उपलब्धि चार महीने के भीतर 750 मीटर लंबी सुरंग की बोरिंग और निर्माण के बाद हासिल की गई है। यही सुदर्शन 8.3 (टीबीएम) समानांतर टनल का निर्माण भी करेगी।

समानांतर टनल बोरिंग

इसलिए टीबीएम को शाफ्ट में ही डिस्मेंटल किया जाएगा। इसके कटर हेड और शील्ड को ट्रेलरों पर लाद कर गांधी पार्क में स्थित लान्चिंग शाफ्ट पर वापस लाया जाएगा। बैकअप गैन्ट्री या टीबीएम के बाकी हिस्सों को टनल के रास्ते ही वापस ले जाया जाएगा। एक बार जब यह लान्चिंग शाफ्ट पहुंच जाएगी, तो इसे फिर से लान्च किया जाएगा। दो अन्य सुदर्शन, 8.1 और 8.2, भैसाली से फुटबाल चौक तक 1.8 किमी लंबी समानांतर टनल बोर कर रहे हैं।

तीन लेवल में दो पूरे

बेगमपुल स्टेशन पर स्टेशन के तीन लेवल हैं। मेजेनाइन, कानकोर्स और प्लेटफार्म लेवल। इस स्टेशन के मेजेनाइन और कानकोर्स लेवल का काम पूरा हो चुका है और फिलहाल प्लेटफार्म लेवल का निर्माण कार्य किया जा रहा है।

ये है सुरंग की खासियत

इस 750 मीटर लंबी सुरंग के निर्माण के लिए 3500 से अधिक प्री-कास्ट सेगमेंट का उपयोग किया गया है।

यह भी जानिए

टनलिंग प्रक्रिया में, इन सेगमेंट को बोर की गई टनल में इंसर्ट किया जाता है और सात खंडों को जोड़कर एक रिंग का निर्माण किया जाता है। प्रत्येक सेगमेंट 1.5 मीटर लंबा और 275 मिमी मोटा होता है। इन सेगमेंट और रिंग को बोल्ट की मदद से जोड़ा जाता है। इन टनल सेगमेंट की कास्टिंग एनसीआरटीसी के शताब्दी नगर स्थित कास्टिंग यार्ड में, सुनिश्चित गुणवत्ता नियंत्रण के साथ की जा रही है।

यह बताया एमडी ने

बड़े रोलिंग स्टॉक और 180 किमी प्रति घंटे की उच्च डिजाइन गति के कारण, निर्मित की जा रही टनलों का व्यास 6.5 मीटर है। एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने कहा कि सुदर्शन 8.3 का पहला ब्रेकथ्रू आरआरटीएस परियोजना में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। मेरठ जैसे ऐतिहासिक और भीड़भाड़ वाले इलाके में इस तरह की मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना का निर्माण चुनौतीपूर्ण है।

अथक परिश्रम का नतीजा

यह यूपी सरकार के अधिकारियों के समर्थन और टीम एनसीआरटीसी, जनरल कंसल्टेंट्स, डिजाइनरों और हमारे कॉन्ट्रेक्टर्स की लगन और अथक परिश्रम का नतीजा है कि मेरठ के लोगों को बिना ज़्यादा असुविधा हुए विशाल परियोजना को तेज गति से लागू किया जा रहा है। मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपुल मेरठ में भूमिगत स्टेशन हैं, जिनमें से मेरठ सेंट्रल और भैसाली मेरठ मेट्रो स्टेशन हैं जबकि बेगमपुल स्टेशन रैपिड ट्रेन और मेट्रो, दोनों सेवाएं प्रदान करेगा। मेरठ में कुल 13 स्टेशन होंगे।

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