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मेरठ शहर में होर्डिंग तो बढ़ते चले गए लेकिन नहीं बढ़ी नगर निगम की आय, ऐसा क्‍यों?

Meerut Nagar Nigam यह बात हैरान करने वाली है कि शहर में होर्डिंग की संख्‍या बढ़ने के बावजूद निगम की इनकम नहीं बढ़ी। वित्तीय वर्ष 2021-22 में अनुमानित लक्ष्य है पांच करोड़ रुपये अभी तक विज्ञापन मद में आए 56 लाख रुपये।

By Prem Dutt BhattEdited By: Updated: Mon, 21 Feb 2022 12:50 PM (IST)
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Meerut Nagar Nigam मेरठ में होर्डिंग बढ़ने के बाद भी निगम की आय नहीं बढ़ी।
मेरठ, जागरण संवाददाता। Meerut Nagar Nigam मेरठ शहर में होर्डिंग की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। चौराहे से लेकर गलियां तक होर्डिंग से अटी हैं। लेकिन नगर निगम की आय नहीं बढ़ रही। तीन साल पहले विज्ञापन मद से जहां दो करोड़ रुपये वार्षिक आय थी, वर्तमान में वह लाखों में रह गई है।

यह आय अनुमानित थी

वित्तीय वर्ष 2021-22 में नगर निगम ने जो पुनरीक्षित बजट प्रस्तुत किया है, उसमें विज्ञापन कर से पांच करोड़ की आय अनुमानित की है। जिसके सापेक्ष जनवरी तक 56 लाख रुपये ही विज्ञापन मद में प्राप्त हुए हैं। अधिकारी यह मान रहे हैं कि 31 मार्च तक अधिकतम आय डेढ़ करोड़ तक पहुंचेगी। अर्थात अनुमानित लक्ष्य पाना नामुमकिन है। बता दें कि तीन साल पहले विज्ञापन मद से वार्षिक आय दो करोड़ रुपये तक पहुंची थी। आय घटने पर अधिकारी कोरोना महामारी पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। लेकिन देखने वाली बात ये है कि शहर न तो होर्डिंग की संख्या कम हुई है और न ही ठेकेदार। वही ठेकेदार हैं और होर्डिंग भी बढ़ गई हैं। विज्ञापन मद में एक बीओटी ठेके से और दूसरा सामान्य विज्ञापन से आय होती है। बीओटी ठेके में शहर के छह प्रमुख मार्ग और 17 चौराहे शामिल हैं। जबकि सामान्य विज्ञापन के अंतर्गत पूरे शहर में विज्ञापन पट लगाए जाते हैं।

अवैध होर्डिंग्स की भरमार

निगम को विज्ञापन मद में आय सिर्फ उन्हीं होर्डिंग्स से होती है जो वैध हैं। वैध होर्डिंग की पहचान के लिए होर्डिंग पर विज्ञापन दाता का नाम और निगम द्वारा जारी एक नंबर अंकित करना होता है। लेकिन इस तरह की होर्डिंग ढूंढऩे पर ही नजर आती है। अवैध होर्डिंगों की भरमार है। इस बात को नगर निगम अधिकारी भी स्वीकार करते हैं। बीओटी ठेके और सामान्य विज्ञापन के लगभग 600 विज्ञापन ही वैध होंगें। लेकिन पूरे शहर में कई हजार होर्डिंग्स व छोटे विज्ञापन पट लगे हुए हैं। इसकी बानगी चुनाव आचार संहिता लगने के दौरान देखने को मिली थी। जब निगम ने 24 घंटे के भीतर अभियान चलाकर केवल राजनैतिक होर्डिंग्स, बैनर लगभग 4000 अधिक उतरवाए थे।

इनका कहना है

यह बात सही है कि जिस हिसाब से शहर होर्डिंग से अटा है, उस हिसाब से विज्ञापन मद में आय नहीं है। विज्ञापन के लिए पंजीकृत पांच ठेकेदारों को नोटिस दिया है। 28 फरवरी तक बकाया जमा नहीं करेंगे तो उनकी बैंक गारंटी जब्त की जाएगी। बीओटी ठेके के मामले को भी देखा जाएगा। पंजीकृत ठेकेदारों के बजाए वित्तीय वर्ष 2022-23 में विज्ञापन के लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इससे नए ठेकेदारों को मौका मिलेगा। व्यवस्था बदलेगी और आय भी बढ़ेगी।

- प्रमोद कुमार, अपर नगर आयुक्त

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