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पराग के घोटालों की जांच पूरी, एक सप्ताह में सीएम के पास पहुंच जाएगी जांच रिपोर्ट Meerut News

गगोल दुग्ध सहकारी संघ पराग में श्रमिकों के टेंडर और अन्य कार्यों में घोटालों के आरोप लगाए गए हैं। सीएम के दूत ने दो दिन रह कर इकट्ठे किए सुबूत।

By Taruna TayalEdited By: Updated: Wed, 15 Jan 2020 06:17 PM (IST)
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पराग के घोटालों की जांच पूरी, एक सप्ताह में सीएम के पास पहुंच जाएगी जांच रिपोर्ट Meerut News

मेरठ, जेएनएन। गगोल दुग्ध सहकारी संघ पराग में श्रमिकों के टेंडर और अन्य कार्यों में घोटालों के आरोप लगाए गए हैं। मुख्यमंत्री के आदेश पर इन आरोपों की जांच करने की जिम्मेदारी संयुक्त दुग्ध आयुक्त को सौंपी गई है। जांच अधिकारी ने दो दिन यहां रह कर जांच की। आरोपी अधिकारियों से लिखित में जवाब लिया और उनके बयान दर्ज किए। साथ ही शिकायत कर्ताओं ने भी आरोपों के पक्ष में सुबूत उन्हें सौंपे हैं। जांच अधिकारी का कहना है कि एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दी जाएगी।

मनमौजी अफसरों ने नहीं माना कमिश्नर का आदेश

परतापुर स्थित पराग दूध फैक्ट्री के सहकारी संघ के डायरेक्टर रणवीर सिंह व अन्य पदाधिकारियों ने संघ के चेयरमैन और फैक्ट्री के महाप्रबंधक समेत अन्य अधिकारियों पर पद का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों रुपए के धांधली का आरोप लगाया था। कमिश्नर अनीता सी मेश्रम द्वारा कराई गई जांच में भी आरोप सही साबित हुए थे। जिस पर उन्होंने श्रमिकों के आपूर्ति के टेंडर को निरस्त करने का आदेश दिया था। लेकिन फैक्ट्री के मनमौजी अधिकारियों ने कमिश्नर के आदेश को नहीं माना। आरोप है कि उन्हीं तीन ठेकेदारों को टेंडर दे दिए गए। जिससे फैक्ट्री को सालाना लगभग दो करोड़ रुपए की चपत लगेगी।

मुख्यमंत्री ने भेजे जांच अधिकारी

डायरेक्टर रणवीर सिंह की शिकायत पर दक्षिण विधायक सोमेंद्र तोमर ने मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की थी। जिस पर मुख्यमंत्री ने जांच का आदेश दिया है। लखनऊ से संयुक्त दूध आयुक्त राकेश सिंह को इस गंभीर मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया है।

दो दिन चली जांच अब रिपोर्ट का इंतजार

जांच अधिकारी संयुक्त दुग्ध आयुक्त राकेश सिंह सोमवार को मेरठ पहुंच कर पहले दिन पराग डेयरी के महाप्रबंधक व अन्य अधिकारियों से सभी आरोपों पर लिखित जवाब लिया। इस दौरान उन्होंने आरोपों से संबंधित कार्यों की पत्रवली भी देखी। जांच के दूसरे दिन मंगलवार को उन्होंने शिकायतकर्ता व संघ के अन्य पदाधिकारियों को भी बुलाया। स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण शिकायतकर्ता रणवीर सिंह के पुत्र सचिन प्रधान ने शिकायत से संबंधित सभी सबूत जांच अधिकारी को सौंपे। इस दौरान पूर्व डायरेक्टर प्रदीप शर्मा, बच्चन सिंह ने भी घोटालों के संबंध में साक्ष्य उपलब्ध कराएं।

ये है मुख्य आरोप

  • नियमों को दरकिनार करके अपात्र ठेकेदारों को बिना प्रमाण पत्र और बिना जमानत राशि जमा कराएं दोगुने से भी ज्यादा दरों पर श्रमिकों की आपूर्ति के टेंडर दे दिए गए। जिससे फैक्ट्री को 17 लाख रुपए महीना अतिरिक्त खर्च करने होंगे।
  • जांच के बाद कमिश्नर के आदेश के बावजूद टेंडर निरस्त नहीं किए। आज भी वही तीनों ठेकेदार श्रमिकों की आपूर्ति कर रहे हैं।
  • इन ठेकेदारों को ही नोएडा में हाल ही में खोली गई फैक्‍ट्री का काम भी दे दिया गया।
  • आगरा मार्ग की गाड़ी का दूध चोरी से मेरठ में बिक्री किया गया। जिससे 10 प्रति लीटर का घोटाला किया गया।
  • दुग्‍ध संघ के चेयरमैन की गाड़ी का हर महीने 70 हजार से अधिक का बिल बनाया जा रहा हैत्र आरोप है कि यह खर्च फर्जी है।

इन्‍होंने बताया

जांच के बिंदु तय हैं। उन्हीं के आधार पर महाप्रबंधक व अन्य अधिकारियों के बयान दर्ज किए गए हैं। लिखित मैं भी उनका जवाब लिया गया है। सभी पत्रवली की जांच की गई है। शिकायत कर्ताओं ने भी साक्ष्य उपलब्ध कराए हैं। एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट तैयार करके भेज दी जाएगी।

- राकेश सिंह, संयुक्त दुग्ध आयुक्त व जांच अधिकारी 

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