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हस्‍तिनापुर के एसओ का मामला : सत्ता बदलते ही भाजपा विधायक के खेमे में आ गए थे धर्मेंद्र सिंह, पिता के स्‍थान पर मिली थी नौकरी Meerut News

जनपद के पांच थानों और क्राइम ब्रांच में प्रभारी पद पर रह चुके एसआइ धर्मेंद्र सिंह भाजपा के सत्ता में आते ही एक विधायक के खेमे में चले गए थे। विधायक की सिफारिश पर ही धर्मेंद्र पिछले सवा दो साल से थानेदारी कर रहे हैं।

By Prem BhattEdited By: Updated: Wed, 30 Sep 2020 04:12 PM (IST)
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मेरठ के तत्‍कालीन एडीजी प्रशांत कुमार से सम्‍मान प्राप्‍त करते एसओ धमेंद्र सिंह।
मेरठ, जेएनएन। जनपद के पांच थानों और क्राइम ब्रांच में प्रभारी पद पर रह चुके एसआइ धर्मेंद्र सिंह भाजपा के सत्ता में आते ही एक विधायक के खेमे में चले गए थे। विधायक की सिफारिश पर ही धर्मेंद्र पिछले सवा दो साल से थानेदारी कर रहे हैं। कई बार धर्मेंद्र पर पहले भी वसूली के आरोप लगे हैं, लिसाड़ीगेट थाने से भी उन्हें यूही हटाया गया था। धर्मेंद्र सिंह के हस्तिनापुर में फार्म हाउस बनाने को लेकर विभाग के अफसर भी हैरत में है। साथ ही उन्होंने चाणक्यपुरी शास्त्रीनगर में अपना मकान भी ले लिया है, जहां पर पिछले तीन साल से बिजली चोरी की जा रही थी।

2011 बैंच के धर्मेंद्र सिंह मथुरा के रहने वाले है। उनके पिता पुलिस विभाग में सिपाही पद पर तैनात थे। पिता की मौत के बाद धर्मेंद्र को मृत आश्रित कोटे में दारोगा की नौकरी मिली थी। सबसे पहले उनकी तैनाती अलीगढ़ में थी। उसके बाद सपा सरकार में रहते हुए तत्कालीन कप्तान जे रविंद्र गोड के कार्यकाल में मेरठ आए थे। सबसे पहले धर्मेंद्र को मेडिकल थाने का चार्ज दिया गया था। उसके बाद उन्हें लिसाड़ीगेट का थाना प्रभारी बना दिया। थाने से रोजाना वसूली की शिकायत आने के बाद तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी ने धर्मेंद्र को हटा दिया था। उसके बाद क्राइम ब्रांच का प्रभारी बना दिया।

सत्ता बदलने के बाद धर्मेंद्र ने एक विधायक की शरण ली। विधायक की सिफारिश पर धर्मेंद्र को सरूरपुर थाने का प्रभारी बनाया गया। वहां से हटाकर उसे मवाना थाने में तैनाती दी गई। सवा दो साल पहले विधायक की सिफारिश पर धर्मेंद्र को हस्तिनापुर का चार्ज दिया था। उसके बाद धर्मेंद्र की काफी शिकायते आई, पर विधायक कप्तान के सामने दीवार बनकर खड़े हो जाते थे। राजकुमार के बेटे को अवैध हिरासत में रखने के मामले में भी विधायक के दबाव के चलते धर्मेंद्र पर कार्रवाई नहीं की गई थी। फार्म हाउस का मामला सामने आने के बाद कप्तान ने धर्मेंद्र को पुराने में दोषी मानते हुए लाइन हाजिर कर दिया है। फार्म हाउस प्रकरण में धर्मेंद्र की जांच बैठा दी गई है।

बिजली विभाग ने मारा मौके पर चौका

धर्मेंद्र से चार्ज छीनते ही बिजली विभाग ने भी मौके पर चौका मार दिया। ऐसा नहीं है कि बिजली विभाग को तीन साल से चोरी हो रही बिजली की जानकारी नहीं थी। धर्मेंद्र की पहुंच के चलते बिजली विभाग के लोग छापा मारने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थे। धर्मेंद्र पर पुलिस कार्रवाई होते ही बिजली विभाग के अफसरों ने टीम के साथ उनके चाणक्यपुरी शास्त्रीनगर स्थित आवास पर छापा मारा। बिजली चोरी पकड़ते ही धर्मेंद्र के खिलाफ बिजली चोरी का मुकदमा भी दर्ज करा दिया। अधीसाशी अभियंता मनोज कुमार का कहना है कि धर्मेंद्र पर साढ़े चार लाख के करीब का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही पुलिस विभाग के अफसरों को भी बिजली चोरी की रिपोर्ट भेज दी गई है।

पूर्व एसओ धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि हमारे ससुर रिटायर्ड हुए हैं, उन्होंने ही अपनी बेटी के नाम से दो बीघा जमीन खरीदी थी, जिस पर फार्म हाउस बनाया गया है। इसके सभी साक्ष्य हमारे पास है, उन्हें जांच अफसर के सामने रखा जाएगा। बिजली चोरी पकड़े जाने के बाद धर्मेंद्र ने कॉल रसीव नहीं की है।  

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