गंदी सड़कें और बदबूदार सफर, कैसा बन गया शहर
नगर निगम की कचरा निस्तारण व्यवस्था शहर के लिए नासूर बन चुकी है। घर-घर से कचरा एकत्र करने के दावे खोखले हैं। गार्बेज फ्री सिटी स्टार रेटिग में फेल होने के बावजूद नगर निगम सुधरने को तैयार नहीं है। निगम की लापरवाही का आलम यह है कि कोरोना संक्रमण के दौरान में भी सड़कों पर गंदगी के ढेर लगे हैं। इससे लोगों में आक्रोश है।
By JagranEdited By: Updated: Mon, 01 Jun 2020 07:00 AM (IST)
मेरठ, जेएनएन। नगर निगम की कचरा निस्तारण व्यवस्था शहर के लिए नासूर बन चुकी है। घर-घर से कचरा एकत्र करने के दावे खोखले हैं। गार्बेज फ्री सिटी स्टार रेटिग में फेल होने के बावजूद नगर निगम सुधरने को तैयार नहीं है। निगम की लापरवाही का आलम यह है कि कोरोना संक्रमण के दौरान में भी सड़कों पर गंदगी के ढेर लगे हैं। इससे लोगों में आक्रोश है।
रविवार को कचरा उठान की व्यवस्था पोल खुल गई। दिल्ली रोड बहादुर मोटर्स के सामने कूड़ेदान भरा मिला। यहां कई दिनों से कचरा नहीं उठा था। ट्रांसपोर्ट नगर मुख्य मार्ग किनारे करीब 10 ट्रॉली कचरा डंप मिला। महीने भर से यहां कचरा एकत्र हो रहा है। बागपत रोड पर दो स्थानों पर अस्थायी कूड़ाघरों पर कचरा डंप हो रहा है। ठेला संचालकों से लेकर सफाईकर्मी तक यहां पर कूड़ा डालते हैं। गुप्ता कालोनी में सड़क पर ही कचरा फेंका जा रहा है। यहां पर कचरा गाड़ी सप्ताह में दो चक्कर ही लगाती है। गढ़ रोड पर पशु चिकित्सालय के पास, गांधी आश्रम के प्रवेश द्वार के ठीक बगल में, रंगोली मंडप के पास, मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी गेट के समीप कचरे के ढेर मिले। कंकरखेड़ा में तो हद ही हो गई। मार्शल पिच के पास सैकड़ों ट्रॉली कचरा सालभर से डंप है। शहर में करीब 100 स्थानों पर दोपहर तक अस्थायी रूप से कचरा डंप होता है। इसके बाद आधा-अधूरा उठाया जाता है। यहां बन गए नए डंपिग ग्राउंड हापुड़ रोड स्थित राजकीय गर्ल्स इंटर कॉलेज के सामने कूड़ा डाला जा रहा है। इससे लोग आक्रोशित हैं। शिकायत भी कर रहे हैं। कूड़ा बीनने वाले दिनभर यहां रहते हैं। इससे कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। कंकरखेड़ा बाईपास किनारे कैलासी हॉस्पिटल के पास मैदान में कूड़ा डंप किया जा रहा है। इसे लेकर भी लोगों में नाराजगी है। श्रद्धापुरी और अब्दुल्लापुर रोड किनारे कूड़े का अंबार लगा है।
400 से ज्यादा खाली प्लाटों में कचरा नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग इस बात को खुद स्वीकार करता है कि शहर में 400 से ज्यादा खाली प्लाटों में कचरा डंप है। इससे आसपास रहने वाले लोगों का जीना दुश्वार हो गया है।
इनका कहना- सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए तीनों डिपो की जिम्मेदारी तीन मुख्य अधिकारियों को सौंपी है। इनके जिम्मे सुपरविजन कर नियमित कचरा उठान और डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन सुनिश्चित कराना है। फील्ड पर काम नहीं होने की वजह से ही रेटिंग जीरो मिली थी। जल्द परिणाम दिखेगा। डॉ. अरविद चौरसिया, नगर आयुक्त
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