मेरठ में जल्द ही गंगा किनारे घूमती नजर आएंगी पवन चक्कियां, खूब बनेगी बिजली
Electricity From windmill यह योजना अगर सही कारगर साबित हुई तो मेरठ में जल्द गंगा के खादर इलाकों में पवन चक्की से बिजली पैदा होते नजर आएगी। यूपीनेडा जल्द कराएगा सर्वे दिन में सौर और रात में पवन ऊर्जा। चार मिनट प्रति सेकंड से ज्यादा होनी चाहिए हवा की गति।
By Prem Dutt BhattEdited By: Updated: Mon, 11 Apr 2022 10:30 AM (IST)
संतोष शुक्ल, मेरठ। Electricity From windmill अगर जिले में गंगा नदी के किनारे पवन चक्कियां घूमकर बिजली बनाती नजर आएं तो चौंकिएगा नहीं। प्रदेश को जगमगाने के लिए वैकल्पिक ऊर्जा का नया नेटवर्क बिछाया जा रहा है। राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान जल्द ही मेरठ समेत दर्जनभर जिलों में सर्वे कराएगा। हवा की गति मापने के लिए 50 से 120 मीटर ऊंची पवन चक्कियां लगाकर ट्रायल किया जाएगा। एक ही पैनल में दोनों उपकरण होंगे। दिन में सौर ऊर्जा और रात में पवन ऊर्जा सृजित की जाएगी।
14 जिलों में हो चुका है सर्वे यूपीनेडा (उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा एवं विकास अभिकरण) की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 14 जिलों में सैटेलाइट सर्वे किया जा चुका है। प्रदेश में 50 मीटर ऊंचे पैनल लगाकर 138, जबकि 80 मीटर ऊंचे पैनल लगाकर 1260 मेगावाट पवन ऊर्जा पैदा करने का लक्ष्य है। दो साल पहले नौ जिलों में 50 मीटर ऊंचे, जबकि पांच जिलों में 80 मीटर ऊंचा पैनल लगाकर सर्वे कराया गया था। ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा राज्य मंत्री डा. सोमेंद्र तोमर ने बताया कि जिले में पडऩे वाले गंगा के खादर में तेज हवाएं चलती हैं। जहां पवन ऊर्जा की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। यहां छह माह से ज्यादा तेज धूप भी रहती है, ऐसे में बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा भी सृजित कर सकते हैं। डा. तोमर ने बताया कि प्रदेश सरकार बायो, हाइड्रो एवं अन्य विकल्पों पर तेजी से काम कर रहा है।
ऊंची चक्की, ज्यादा बिजली
विशेषज्ञ बताते हैं कि विंड एनर्जी पैनल की ऊंचाई जितनी ज्यादा होगी, हवा का दबाव उतना अधिक होगा। बिजली पैदा करने के लिए पवन चक्कियों के आसपास चार किमी प्रति सेकंड की गति से हवा चलनी चाहिए। जबकि विंड पावर डेंसिटी 200 वाट प्रति वर्ग मीटर होना चाहिए। एनसीआर क्षेत्र में छह माह से ज्यादा तेज धूप निकलने की वजह से सौ ऊर्जा पर भी काम होगा। कैबिनेट ऊर्जा मंत्री एके शर्मा गुजरात में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर रहते हुए पवन ऊर्जा पर काम कर चुके हैं।
इनका कहना है थर्मल एवं हाइड्रो के अलावा बिजली पैदा करने के लिए नए वैकल्पिक स्रोतों पर तेजी से काम हो रहा है। मेरठ समेत कई जिलों में पवन चक्की लगाने को लेकर सैटेलाइट सर्वे कराया जाएगा, जहां दोनों एक साथ काम करेंगे। गंगा के खादर में 80 से 100 मीटर ऊंची पवन चक्कियां लगाने की संभावनाएं खंगाली जाएंगी।- डा. सोमेंद्र तोमर, ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा राज्यमंत्री
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