Move to Jagran APP

Exclusive: बढ़ रहा साइबर अपराध होशियार-खबरदार, एक दिन में आने वाली औसतन शिकायतें- 08 से 106

साइबर अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल के आठ माह में ही मुकदमों की संख्या में करीब 20 फीसद की वृद्धि हुई है। एक माह में ही करीब 300 शिकायतें साइबर सेल में पहुंच रहीं हैं।

By Himanshu DwivediEdited By: Updated: Sat, 28 Aug 2021 02:41 PM (IST)
Hero Image
तेजी से बढ़ रहा साइबर अपराध होशियार-खबरदार
(अभिषेक कौशिक), मेरठ। जिस तरह से साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जवाबदेही तय करने की बात कही है, उससे इसकी गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। कोर्ट ने बैंक और पुलिस दोनों की गंभीरता पर सवाल उठाया था। यह सही भी है, क्योंकि साइबर अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल के आठ माह में ही मुकदमों की संख्या में करीब 20 फीसद की वृद्धि हुई है। एक माह में ही करीब 300 शिकायतें साइबर सेल में पहुंच रहीं हैं। वहीं, साइबर ठग इस साल लोगों के करीब एक करोड़ रुपये साफ कर चुके हैं, जिसमें से साइबर सेल की टीम करीब 55 लाख ही लौटाने में कामयाब हो सकी है। पेश है साइबर अपराध की गंभीर समस्या पर दैनिक जागरण के तीन दिवसीय अभियान की पहली कड़ी।

करोड़ों में पहुंचते हैं ठगी के मामले

लोगों की गाढ़ी कमाई को ठगने के लिए शातिर नए-नए तरीके अपनाते हैं। यह आंकड़ा करोड़ों में पहुंच जाता है। इस साल की बात करें तो सिर्फ आठ माह में ही ठग लोगों के खातों से करीब एक करोड़ रुपये साफ कर चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जितनी जल्दी शिकायत साइबर सेल में पहुंचती है। रकम वापस मिलने की उम्मीद उतनी ही बढ़ जाती है।

बढ़ रहीं ठगी की घटनाएं

लोगों से ठगी की घटनाओं में इजाफा हो रहा है। साइबर सेल में रोजाना करीब 10 शिकायतें पहुंचती हैं। पूरे माह की बात करें तो ये आंकड़े तीन सौ और साल में साढ़े तीन हजार तक पहुंच जाते हैं। हालांकि कई मामलों का निस्तारण भी होता है, और कुछ में रुपये भी लौट आते हैं। पिछले साल जिले में साइबर अपराध के 126 मामले दर्ज हुए, जबकि इस साल अब तक 102 रिपोर्ट दर्ज हुई हैं। औसत वृद्धि की बात करें तो यह पिछले साल की तुलना में 20 फीसद ज्यादा है।

10 फीसद ज्यादा हैं अन्य अपराध

साइबर अपराध की तुलना यदि जिले के अन्य अपराध से की जाए तो यह 10 फीसद तक कम है। जहां साइबर सेल में रोजाना करीब आठ से दस शिकायतें ही पहुंचती हैं, वहीं जिले के 31 थानों में अन्य अपराधों की शिकायतों की संख्या 80 से लेकर सौ तक होती है। हालांकि साइबर अपराध के कुछ मामले तो ऐसे भी होते हैं, जो न तो साइबर सेल तक पहुंच पाते हैं और न ही थानों तक।

चाइल्ड बुलींग के पांच मामले दर्ज

चाइल्ड बुलींग के मामलों की बात करें तो इनकी संख्या जिले में न के बराबर ही है। आठ माह में पांच मुकदमे ही दर्ज किए गए हैं। उन पर कार्रवाई की रफ्तार भी तेजी से चल रही है। सभी मामलों में अपराध को करने वाले बच्चों के आसपास के ही लोग थे।

साइबर सेल के सीयूजी नंबर पर करें शिकायत

साइबर ठगी के मामले में समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। जितनी जल्दी शिकायत साबइर सेल में पहुंचती है, रुपये लौटने की उम्मीद उतनी ही बढ़ जाती है। यदि 24 घंटे के भीतर शिकायत दर्ज करा दी जाए तो रुपये वापस मिलने की उम्मीद करीब 60 फीसद तक होती है। ऐसे में या तो सीधे साइबर सेल पहुंचा जाए या फिर साइबर सेल के सीयूजी नंबर 7839855538 पर शिकायत दर्ज करा दी जाए, जिससे प्रक्रिया को शुरू किया जा सके।

योग शिक्षक के लौटाए रुपये

हाल ही में ठगों ने योग शिक्षक स्वाति सोम को शिकार बनाया था। ठगों ने रिश्तेदार बनकर उनको फोन किया और खाते में रुपये डालने की बात कही। झांसे में लेकर कहा कि कुछ देर में वह घर आ रहे हैं, फिर रुपये ले लेंगे। जैसे ही स्वाति ने लिंक पर क्लिक किया तो दो बार में उनके खाते से 25 और 20 हजार रुपये कट गए। उन्होंने तुरंत साइबर सेल से संपर्क किया तो मेहनत रंग लाई। कुछ ही देर में उनके रुपये वापस आ गए थे।

भाग-दौड़ का भी फायदा नहीं

विवेक ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्होंने रेल का टिकट बुक कराया था। जिस दिन उनको जाना था, तभी टिकट निरस्त होने का मैसेज आया। उन्होंने रेलवे में शिकायत की तो उनके पास एक फोन आया। कालर ने उनको बातों में फंसा लिया और करीब 50 हजार रुपये खाते से साफ कर दिए। उन्होंने बैंक के साथ ही साइबर सेल में भी शिकायत की थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

एसी मिस्त्री को बनाया शिकार

कामरान ने बताया कि वह एसी मिस्त्री हैं। कुछ दिनों पहले उनके पास एक फोन आया था। कालर ने एसी सही कराने के लिए कहा। उसने कहा कि रुपये एडवांस भेज रहा है। जैसे ही उन्होंने लिंक पर क्लिक किया तो उनके खाते से 55 हजार रुपये कट गए। वह साइबर सेल पहुंचे और मामले की शिकायत की। टीम ने मशक्कत कर उनके खाते में 44 हजार रुपये वापस करा दिए।

ये गिरोह अधिक सक्रिय

मेवाती गिरोह

जामताड़ा गिरोह

प्रतापगढ़ का गिरोह

एसपी क्राइम अनित कुमार ने बताया: शिकायत मिलने के साथ ही टीम काम शुरू कर देती है। कई मामलों में रुपये भी लौटाए गए हैं। लोगों को जागरूक करने का भी प्रयास किया जाता है। स्कूल-कालेजों में भी अभियान चलाया जाता है। जिले में जगह-जगह साइबर सेल की ओर से पोस्टर और बैनर भी लगे हुए हैं। थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो ठगी की बढ़ती वारदातों को राका जा सकता है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।