Famous Temples In Meerut: कमल पंखुड़ियों की आकृति पर बना मेरठ का गोल मंदिर, दुर्गा मां भक्तों की हर मुराद करती हैं पूरी
Famous Temples In Meerut कारिगिरी का अदभुद परिणाम है मेरठ का गोल मंदिर कमल पंखुड़ियों की आकृति पर बना हुआ है यह मंदिर। जाने-माने फिल्म प्रोड्यूसर स्व.देवीशरण शर्मा ने 45 साल पहले मंदिर की विधिवत स्थापना की थी। बड़ी संख्या में भक्त आते हैं।
By Prem Dutt BhattEdited By: Updated: Thu, 23 Jun 2022 08:00 AM (IST)
मेरठ, जागरण संवाददाता। पौराणिक शहर मेरठ में अगर किसी नए मंदिर के वास्तु और भव्यता का जिक्र आता है तो उसमें जयदेवी नगर स्थित दुर्गा मंदिर प्रमुख है। इसे गोल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। जय देवी नगर कालोनी जब विकसित हो रही थी उसी दौरान मंदिर का निर्माण आरंभ हुआ था। 1965 में जगद् गुरु शंकराचार्य कृष्ण बोधाश्रम के सानिध्य में मूर्ति की स्थापना हुई थी। जाने-माने फिल्म प्रोड्यूसर स्व.देवीशरण शर्मा ने 45 साल पहले मंदिर की विधिवत स्थापना की थी। यहां पर भक्तों की हर मुराद पूरी होती है। इस मंदिर में दूर-दूर से भक्तजन आते हैं।
अदभुद स्वरूप प्रदान किया
सिंह पर सवार देवी की मूर्ति को एक शिलाखंड को तराश कर जयपुर के कारीगरों ने अदभुद स्वरूप प्रदान किया है। मंदिर का वर्तमान भव्य स्वरूप कई सालों के चरण बद्ध निर्माण के बाद निखर कर आया है। देवी दुर्गा को मंदिर का स्वामिनी बनाते हुए ट्रस्ट की स्थापना की गई थी। ट्रस्ट ही मंदिर का रखरखाव आदि कार्य करता है। दर्जनों की संख्या में भक्त नियमित रूप से मंदिर आते हैं और सेवा कार्य करते हैं।
विशेषता और महिमा 1000 वर्ग गज में निर्मित आस्था का यह स्थल शहर के सबसे बड़े दुर्गा मंदिर के रूप में प्रतिष्ठित है। खास बात यह है कि यहां पर केवल देवी दुर्गा की मूर्ति है। सिंह पर सवार दुर्गा देवी का दरबार देखते ही बनता है। मंदिर का मंडप गोलाकार है और उसमें कमल की पंखुड़ियों की आकृति बनाई गई है। मंदिर का शिखर 90 फुट ऊंचा है। मंदिर में सरोवर और यज्ञशाला भी है। सरोवर इस प्रकार बनाया गया है कि उसमें मंदिर का प्रतिबिंब दिखता है।
धूमधाम से मनाया जाता है नवरात्र उत्सव मंदिर में दोनों नवरात्र का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। पूजा और हवन के साथ मंदिर में लाइटों की आकर्षक सज्जा की जाती है। शारदीय नवरात्र में देवी की धूमधाम से शोभायात्रा भी निकाली जाती है। मंदिर में बीचों बीच बने सरोवर के दोनो ओर आने और जाने वाले भक्तों के लिए सीढ़ी नुमा मार्ग बनाया गया है। गर्भ गृह में चार फुट ऊंची वेदी पर देवी प्रतिष्ठित हैं। जिससे भीड़ होने पर भी असुविधा नहीं होती है। विशाल मंदिर परिसर का हरा भरा और खुला माहौल भक्तों को बरबस आकर्षित करता है। यहां पर एक कल्प वृक्ष भी लगाया गया है।
इतिहास व महत्व फिल्म निर्माता व निर्देशक स्व. देवीशरण शर्मा के परिवार ने यहां भव्य मंदिर बनवाया। उनके पोते व मैनेजिंग ट्रस्टी राजीव गौड़ बताते हैं जगतगुरु श्रीकृष्ण बोध आश्रम जी महाराज ने सन् 1965 में इस मंदिर में देवी दुर्गा की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कराई थी।दिव्य है देवी का श्रृंगार मंदिर में माता के श्रृंगार की अपार महिमा है। नवरात्र में माता के हर रूप का अलग श्रृंगार होता है। अन्य दिनों में भी विशेषज्ञ श्रृंगार करते हैं। इस बार मां के मस्तक पर विराजित मुकुट में चांदी का र} व नग जड़ित चंद्रमा विभूषित किया गया है।
ये भी है खास मंदिर को विशेष स्वरूप देने वाले आर्किटेक्ट जागेश शर्मा कहते हैं मंदिर गोलाई में कमल पुष्प की पंखुड़ियों के रूप में डिजाइन किया गया है। 70 फुट व्यास का गुंबद है, ऊंचाई करीब सवा सौ फुट है। स्वागत द्वार की बनावट भी आकर्षक है।हर मनोकामना होती है पूरी मान्यता है कि जो भी भक्त मां का श्रृंगार करवाता है व चोला भेंट करता है उस पर मां की विशेष कृपा होती है। दीपक जलाकर सच्चे मन से प्रार्थना करने पर मां की कृपा जरूर बरसती है। आज भी कई ऐसे भक्त आते हैं जो यहां छात्र के रूप में आते थे, अब बड़ा मुकाम हासिल कर चुके हैं। मेरठ में गोल मंदिर में दूर दराज से लोग मां के दर्शनों के लिए आते हैं।
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