विदेशी महिला जिन्होंने भारत को समर्पित किया जीवन, सेवा भारती मातृ मंडल आज मनाएगा उनकी जयंती
हमारे भारत देश की आजादी में कई ऐसे महापुरुषों व वीर-वीरांगनाओं के नाम है जिनकी शौर्य गाथा न सिर्फ हमारे इतिहास में चर्तित हैं बल्कि विदेश तक उन्हें जाना जाता है। देश की स्वाधीनता में लाखों लोगों की दृढ़ इच्छा शक्ति व संघर्षों का योगदान शामिल है।
मेरठ, जेएनएन। हमारे भारत देश की आजादी में कई ऐसे महापुरुषों व वीर-वीरांगनाओं के नाम है जिनकी शौर्य गाथा न सिर्फ हमारे इतिहास में चर्तित हैं बल्कि विदेश तक उन्हें जाना जाता है। देश की स्वाधीनता में लाखों लोगों की दृढ़ इच्छा शक्ति व संघर्षों का योगदान शामिल है। जिनमें कई नामों को समाज अच्छे से जानता पहचानता है। जबकि कई नामों को लोगों ने भुला दिया।
ऐसा ही नाम है एक अंग्रेजी-आयरिश (विदेशी) महिला जिन्हें भगिनी निवेदिता के रूप में जाना जाता है। भगिनी निवेदिता का असल नाम मार्गरेट एलिजाबेथ नोबल था। वह ऐसी विदेशी महिला थीं उन्होंने भारत की स्वाधीनता व देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया। जिसमें उन्होंने ने महिला शिक्षा पर विशेष योगदान दिया था। भगिनी निवेदिता का परिचय स्वामी विवेकानंद के माध्यम से हुआ था।
वे स्वामी विवेकानंद की अनन्य शिष्या भी थीं। वे सामाजिक कार्यकर्ता के अलावा लेखिका, शिक्षक आदि क्षेत्र में भी निपुण थीं। 28 अक्टूबर का दिन उनकी जन्म जयंती के रूप में मनाया जाता है। इसी के उपलक्ष्य में आरएसएस का अनुषांगिक संगठन सेवा भारती मातृमंडल की ओर से संघ के शिवजी रोड स्थित कार्यालय पर मंगलवार को एक कार्यक्रम का आयोजन रखा गया है। जिसमें विभिन्न वक्त उनके योगदान व देशहित में उनके योगदान आदि विषयों पर प्रकाश डालेंगे।