मेरठ में विकसित होंगे गंगा तट, किनारे पर बनेंगे पिकनिक स्पाट, कमिश्नर ने दिए निर्देश
कमिश्नर ने शनिवार का वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सिंचाई विभाग और लघु सिंचाई विभाग की समीक्षा की। कमिश्नर ने गंगा के किनारे पर पूजा करने वाले स्थानों को विकसित करने के लिए निर्देश दिए। सााथ ही नहरों पर पिकनिक स्पॉट जैसा करने को भी कहा है।
By Himanshu DwivediEdited By: Updated: Sun, 04 Apr 2021 02:16 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। कमिश्नर ने शनिवार का वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सिंचाई विभाग और लघु सिंचाई विभाग की समीक्षा की। कमिश्नर ने गंगा के किनारे पर पूजा करने वाले स्थानों को विकसित करने के लिए निर्देश दिए। साथ ही नहरों के किनारे पर पिकनिक स्पाट बनाने और सड़कों के सौंदर्यीकरण के लिए भी निर्देश दिए।वीडियो कांफ्रेसिंग के दौरान कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने कहा कि नहरों के किनारों को कुछ लोगों द्वारा क्षतिग्रस्त किया जा रहा है। ऐसे में पटरियों के कटान से परेशानी होती है। अधिकारी ऐसे लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें। इसके अलावा नहर के किनारे की सड़कों का सुदृढ़ीकरण भी कराया जाए, ताकि अवैध कटान ना हो सके। नहरों के किनारे पौधा रोपण इस प्रकार कराया जाए ताकि नहर क्षतिग्रस्त ना हो। नहर विभाग के डाक बंगलों का सुदृढ़ीकरण कराने की योजना भी तैयार की जाए। नहरों के किनारे घाट बनाए जाएं। जिन जिलों में जहां गंगा का पूजन होता है, वहां पर्यटन विभाग के सहयोग से शौचालय, शेड, डस्टबिन की व्यवस्था कर घाट को विकसित करें।
गंगा दूषित करने वालों की बनेगी सूची जहां-जहां गंग नहर पर झाल बनी हुई हैं, वहां पिकनिक स्पाट तैयार किए जाएं। इसके लिए संबंधित विभागों से भी मदद ली जाएगी। इसके अलावा नहरों में गंदा और दूषित पानी डालने वालों की सूची तैयार कर उन पर कार्रवाई के भी निर्देश दिए।
नालों को साफ कराएं नालों को कब्जा मुक्त कराने व उनकी साफ-सफाई कराने के साथ बीच में चेकडैम बनाने के लिए कहा गया। साथ ही नहरों के क्षतिग्रस्त पुलों की जांच कराकर एस्टीमेट बनवाए जाएं।
कार्यशैली में सुधार करें कर्मचारी: कमिश्नर कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेसिंग कर सरकारी कर्मचारियों को कार्यशैली में सुधार करने की चेतावनी दी। उन्होंने मुख्य रूप से मृतक आश्रित के रूप में भर्ती कर्मियों को दो माह में कार्य में सुधार न करने पर ऐसे कर्मियों की बर्खास्तगी को कहा। मंडलीय समीक्षा में कमिश्नर ने कहा कि सरकारी कार्यालयों को निजी कार्यालयों की तर्ज पर विकसित किया जाए।
यहां भी कर्मचारी अपने प्रतिदिन के कार्य में लैपटाप, टेबलेट और मोबाइल फोन में उपलब्ध विभिन्न मोबाइल एप्स का उपयोग करते हुए अपने कार्यो में स्मार्टनेस लाएं। देखा गया है कि विभिन्न मृतक आश्रित के रूप में भर्ती कर्मियों द्वारा नौकरी मिलने के बाद कार्य को सीखने का प्रयास नहीं किया जाता और अपने दायित्वों का भी निर्वहन भी ठीक से नहीं किया जाता है। ऐसे में निष्क्रिय कर्मचारियों को चिंहित करें। कार्यालयों की साफ-सफाई को लेकर भी कड़ी नाराजगी जताई।
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