गांवों के संपर्क मार्गो तक पहुंचा पानी, मंडराने लगा खतरा
पहाड़ी इलाके के साथ मैदानी क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से मंगलवार को गंगा का जलस्तर बढ़ गया और कई गांवों के संपर्क मार्गों पर पानी पहुंचने लगा। जिससे बाढ़ का खतरा मंडराने लगा।
By JagranEdited By: Updated: Tue, 19 Oct 2021 08:03 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। पहाड़ी इलाके के साथ मैदानी क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से मंगलवार को गंगा का जलस्तर बढ़ गया और कई गांवों के संपर्क मार्गों पर पानी पहुंचने लगा। जिससे बाढ़ का खतरा मंडराने लगा। मंगलवार को जिलाधिकारी के. बालाजी ने क्षेत्र का दौरा किया और सिचाई विभाग के अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।
हरिद्वार भीमगोड़ा बैराज से रात में तीन लाख पैंसठ हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज चल रहा है। बिजनौर बैराज के अवर अभियंता पीयूष कुमार ने बताया कि मंगलवार की शाम छह बजे तक गंगा का जलस्तर बढ़कर दो लाख क्यूसेक हो गया। वहीं इससे हस्तिनापुर के गंगा खादर में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। वहीं, डीएम के बालाजी के साथ एडीएम एफ सुभाष प्रजापति, एसडीएम मवाना कमलेश गोयल आदि भी यहां पहुंचे और शोरपुर, नई बस्ती, हंसापुर परसापुर समेत गांवों में संपर्क किया। डीएम ने सिचाई विभाग के अधिकारियों को तटबंधों पर नजर रखने और मुस्तैद रहने के निर्देश दिए। हालांकि ग्रामीणों ने सिचाई विभाग के अधिकारियों पर क्षतिग्रस्त तटबंधों को दुरुस्त नहीं करने के आरोप लगाए। अस्थायी तटबंध टूटने से बिगड़ते हैं हालात सोमवार की रात्रि भी शेरपुर के सामने क्षतिग्रस्त तटबंध से भी पानी निकलने लगा है और खेतों की ओर जाने लगा है। संत बाबा बूटा सिंह ने बताया कि इससे क्षेत्र के नई बस्ती, दबखेड़ी, हरिपुर, भागोपुर, लतीफपुर समेत कई गांवों में किसानों की फसलों को भारी नुकसान हो सकता है।
धान की फसल में होगा भारी नुकसान गंगा के खादर क्षेत्र में धान की फसल पक कर तैयार है। ऐसे में बाढ़ के हालात बने तो धान की फसल तबाह हो जाएगी।
कटाव निरोधक नहीं हुए दुरूस्त बीस करोड़ की लागत से गंगा नदी पर कटाव निरोधक बनाए गए लेकिन बरसात के दौरान कटाव निरोधक क्षतिग्रस्त हो गए लेकिन दोबारा दुरूस्त नहीं किए गए। जबकि कुछ दूरी पर कार सेवकों व मनरेगा की मदद से अस्थायी तटबंध बनाया है। जिस पर मंगलवार को भी मनरेगा के श्रमिक व सेवादार कार्य करते रहे।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।