दिल्ली के बाद मेरठ में 'कूड़े का पहाड़', निरीक्षण करने गई टीम भी रह गई दंग; तुरंत दे दिए ये निर्देश
स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 का हाल जानने के लिए एक टीम मेरठ पहुंची। मौके पर ही बड़े-बड़े दावों की पोल खुल गई। शहर के प्रवेश द्वारा लोहिया नगर में कूड़े का पहाड़ देख टीम हैरान रह गई। निरीक्षण में स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए शहर तैयार न मिलने पर सहायक निदेशक ने नाराजगी जताई। नगर निगम अधिकारियों को निरीक्षण में मिली कमियों को दूर करने के निर्देश दिए।
जागरण संवाददाता, मेरठ। स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 की तैयारी का हाल जानने स्थानीय निकाय निदेशालय की टीम सहायक निदेशक शालिनी सिंह तोमर के नेतृत्व में मेरठ पहुंची। शहर के प्रवेश द्वारा लोहिया नगर में कूड़े का पहाड़ देख टीम हैरान रह गई। नगर निगम के दावे के सापेक्ष यहां कूड़ा निस्तारण की व्यवस्थाएं नहीं मिलीं। गांवड़ी में एमआरएफ सेंटर चालू हालत में नहीं मिला। निरीक्षण में स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए शहर तैयार न मिलने पर सहायक निदेशक ने नाराजगी जताई। नगर निगम अधिकारियों को निरीक्षण में मिली कमियों को दूर करने के निर्देश दिए।
टीम सबसे पहले लोहिया नगर प्लांट पर पहुंची। मेरठ-बुलंदशहर हाईवे किनारे लगा कूड़े का पहाड़ देख हैरान रह गई। निगम अधिकारियों ने बताया कि प्रतिदिन 20 घंटे प्लांट संचालित होता है। करीब 600 टन कूड़े की छंटाई होती है। बरसात में कूड़ा गीला होने के कारण छंटाई में परेशानी हो रही है। छंटे हुए कूड़े से आरडीएफ निकलता है। जिसे कंपनियों को बेचकर निस्तारण करने की बात बताई। लेकिन मौके पर ही लगे आरडीएफ के बड़े-बड़े ढेरों ने दावों की पोल खोल दी।
रामपुर मनिहारान विशेष सफाई अभियान के अंतर्गत चलाए गए सफाई अभियान का निरीक्षण करती ईओ सविता वर्मा। जागरण
सहायक निदेशक ने लीगेसी वेस्ट के निस्तारण की व्यवस्था ठीक करने को कहा। यहां से टीम सर्किट हाउस पहुंची। फिर निगम अधिकारियों के साथ चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में चल रहे कूड़ा निस्तारण की गार्बेज क्लीनिक की व्यवस्था देखी। कूड़े से कंपोस्ट बनाने के कार्य की सराहना की। निगम अधिकारियों से इसे किसी एक मोहल्ले में लागू करने को कहा।
निरीक्षण के दौरान लोगों को अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए प्रेरित करती ईओ सविता वर्मा। जागरण
यहां से भूड़बराल स्थित एक निजी कंपनी के वेस्ट टू एनर्जी प्लांट पहुंची। यहां कूड़े से बिजली बनाने की प्रक्रिया समझी। निगम अधिकारियों ने बताया कि कंपनी निगम से आरडीएफ लेती है। हालांकि कंपनी के संचालक ने इस बात से इन्कार करते हुए कहा कि वह मोदीनगर से आरडीएफ मंगा रहे हैं। यहां से टीम गांवड़ी पहुंची। एमआरएफ सेंटर चालू नहीं मिला। निगम अधिकारियों से बिना देरी किए चालू करने को कहा। एमआरएफ सेंटर पर अभी उपकरण भी नहीं लगे हैं।
टैगोर पार्क भी पहुंची टीम
निदेशालय की टीम के कुछ सदस्यों ने शास्त्रीनगर एच ब्लाक के टैगोर पार्क की व्यवस्थाएं परखीं। क्लब-60 के सदस्यों के कार्यों को सराहा। निगम अधिकारियों से ऐसे और पार्क तैयार करने को कहा। स्थानीय निकाय निदेशालय की टीम यह जानने के लिए शहरों का दौरा कर रही है कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के मानकों पर कितना काम नगर निगमों-नगर पालिकाओं ने किया है। गाजियाबाद के बाद मेरठ का निरीक्षण हुआ है। सोमवार को टीम मवाना व सरधना नगर पालिका जा सकती है।
काश! यह दिखावा रोज होता
लखनऊ से स्थानीय निकाय निदेशालय की सहायक निदेशक निरीक्षण पर पहुंची तो नगर निगम की रात्रिकालीन सफाई भी शुरू हो गई। सिविल लाइंस व सूरजकुंड स्पोर्ट्स मार्केट की रोड पर सफाई कर्मी झाड़ू लगाते नजर आए। यह देख लोग बोले कि काश, ये दिखावा रोज होता। सहायक निदेशक ने सफाई कार्य का भी निरीक्षण किया।
ये भी पढ़ें -