मानव कल्याण का ग्रंथ है गीता, मेरठ में उठी राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की मांग
बालेराम बृजभूषण शिशु मंदिर इंटर कालेज मेरठ में विश्व गीता संस्थान की ओर से श्रीमद भागवत गीता पारायण महायज्ञ का आयोजन किया गया। महामंडलेश्वर शिव प्रेमानंद महाराज और आचार्य राधा कृष्ण मनोड़ी ने दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की।
By Parveen VashishtaEdited By: Updated: Sun, 09 Jan 2022 09:05 PM (IST)
मेरठ, जागरण संवाददाता। गीता में किसी धर्म विशेष का उल्लेख नहीं है, सही मायनों में यही मानव कल्याण ग्रंथ है। यह शब्द विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री आचार्य राधा कृष्ण मनोड़ी ने कहे। वह रविवार को शास्त्रीनगर स्थित बालेराम बृजभूषण शिशु मंदिर इंटर कालेज में आयोजित श्रीमद भागवत गीता पारायण महायज्ञ में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे।
महायज्ञ में विश्व गीता संस्थान की ओर से आयोजित 18 अध्यायी गीता के श्लोकों का पाठ करते हुए यजमानों ने आहुतियां अर्पित कीं। महामंडलेश्वर शिव प्रेमानंद महाराज और आचार्य राधा कृष्ण मनोडी ने दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की।
भगवान श्रीकृष्ण पृथ्वी लोक के पहले मनोविज्ञानी
संगठन के उपाध्यक्ष डा. सम्यक जैन ने कहा भगवान श्री कृष्ण पृथ्वी लोक पहले मनोविज्ञानी हैं। उन्होंने अवसाद में डूबे अर्जुन की काउंसलिंग की और सही मार्ग दिखाया। हरिद्वार निजात्म प्रेमधाम आश्रम के नंगली तीर्थ के स्वामी शिव प्रेमानंद महाराज ने कहा भीड़ और संगठन दोनों अलग चीजें हैं। भीड़ का कोई उददेश्य नहीं होता है, जबकि संगठन अपने उद्देश्यों पर काम करता है। हिंदुत्व के प्रचार प्रसार के लिए संगठित होने की जरूरत है। इसके बाद कार्यक्रम में सरकार को पांच सूत्रीय मांग पत्र तैयार कर भेजा गया। जिसमें गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करना, पाठयक्रमों में गीता की शिक्षाओं को शामिल करना, शिक्षकों को लिए गीता का अध्ययन अनिवार्य करना और सैन्य और प्रबंधन पाठयक्रम में गीता को शामिल करने की मांग रखी गई।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए कवयित्री तुषा शर्मा ने अभियान गीत जय भागवत गीता का गायन किया। वेदाचार्य आचार्य समीर उपाध्याय ने गीता के श्लोकों का का उच्चारण कर आहुति दी। इस दौरान संघ नेता सूर्य प्रकाश टांक, विधायक सोमेंद्र तोमर, भाजपा जिलाध्यक्ष विमल शर्मा, डा. शरद जैन, बलराज डूंगर और डा. जीतेंद्र त्यागी भी उपस्थित रहे।
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