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Sawan 2024: शिवभक्तों के लिए अच्छी खबर, सावन की शिवरात्रि पर रात भर खुलेगा औघड़नाथ मंदिर, तीन बार होगी आरती

देवों के देव महादेव को सावन मास अति प्रिय है। सावन की शुरूआत 22 जुलाई से हो रही है। कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को सोमवार का दिन है। शुभ संयोग है कि भगवान शिव के इसी दिन से पवित्र सावन की शुरूआत भी हो रही है। 22 जुलाई को पहले सोमवार से शुरूआत व अंतिम सोमवार 19 अगस्त को होगा।

By Vinay Kumar Edited By: Abhishek Saxena Updated: Mon, 15 Jul 2024 11:55 AM (IST)
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मेरठ के औघड़नाथ मंदिर का दृश्य। फाइल फोटो।

जागरण संवाददाता, मेरठ। शिवरात्रि की तैयारियों को लेकर श्री बाबा औघड़नाथ शिव मंदिर में रविवार प्रात: कार्यकारिणी सदस्यों की महत्वपूर्ण बैठक हुई।

श्री बाबा औघड़नाथ शिव मंदिर समिति के अध्यक्ष सतीश सिंघल ने कहा कि मंदिर प्रांगण को लाइटों से विशेष सजावट की जाएगी।

  • आज से शुरू कर 22 जुलाई तक पूरे मंदिर को सजाया जाएगा।
  • मंदिर प्रांगण में शिवरात्रि पर जलाभिषेक की व्यवस्था बनाने के लिए इस बार दोहरी बैरिकेडिंग होगी।
  • इसके अलावा लेटकर कांवड़ लाने वालों के लिए एक अलग मार्ग की व्यवस्था की जाएगी।
  • मंदिर प्रांगण के बाहर प्रसाद के स्टॉल रहेंगे।
  • जलाभिषेक के लिए लगभग एक हजार लोटों की व्यवस्था की गई है।
  • शिवरात्रि पर पूरी रात मंदिर खुला रहेगा।
  • शिवरात्रि पर तीन बार आरती होगी।
  • गरूड़ द्वार से जलाभिषेक के लिए कांवड़ियों का प्रवेश व निकासी नंदी द्वार से होगी।

अध्यक्ष ने बताया कि इस बार औघड़नाथ मंदिर में जलाभिषेक करने वाले कांवड़ियों की संख्या लगभग पांच लाख अनुमानित है। महामंत्री सुनील गोयल ने सभी सदस्यों को सुबह व शाम मंदिर पहुंचने का आग्रह किया। मंदिर का वार्षिक भंडारा सावन के चौथे सोमवार 12 अगस्त को होगा।

औघड़नाथ मंदिर

मंदिर समिति में 50 वर्ष पूरे होने पर अशोक चौधरी व राजेंद्र कुमार गुप्ता को माला, शाल व स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया गया। आज प्रात: दस बजे औघड़नाथ मंदिर में शिवरात्रि की तैयारियों को लेकर समिति व प्रशासन बैठक होगी। 

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दो अगस्त को चढ़ेगा शिवरात्रि का जल

शिवरात्रि का जल दो अगस्त को चढ़ेगा। सावन के पूरे महीने में भगवान शिव के भक्त उनकी भक्ति में रम जाते हैं। भगवान आशुतोष की आराधना करने के लिए सावन माह विशेष होता है। सावन में सोमवार के व्रत रखने से वैवाहिक जीवन में खुशी आती है। मान्यता है कि सावन के महीने में पूजा से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। शिव हमेशा तपस्या, ध्यान व चिंतन के पथ पर चलते हैं। इससे उनको असीम शक्ति व ऊर्जा मिलती है। ऊर्जा का विस्तार ही शिव को असीम व अनंत बनाता है। - पंडित सारंग त्रिपाठी, औघड़नाथ मंदिर के पुजारी