पुजारी के हत्या मामले में थाने से लेकर चौकी तक है हिस्ट्रीशीटर नदीम मेवाती का दखल Meerut News
भीड़ का आरोप है कि नदीम मेवाती ने ही अनस को थाने में सरेंडर कराया है। नदीम मेवाती की शह पर ही विशेष समुदाय के लोग अब्दुल्लापुर में मंदिर में घंटी बजाने तक का विरोध करते हैं।
By Prem BhattEdited By: Updated: Thu, 16 Jul 2020 01:08 AM (IST)
मेरठ, जेएनएन। भावनपुर थाने के हिस्ट्रीशीटर नदीम मेवाती का थाने से लेकर चौकी तक हर मामले में दखल होता है। नदीम ने ही कांति प्रसाद के आरोपित अनस को थाने में सरेंडर कराया है। आरोप है कि नदीम मेवाती की शह पर ही विशेष समुदाय के लोग अब्दुल्लापुर में मंदिर में घंटी बजाने तक का विरोध करते हैं। लोगों ने आरोप लगाया कि नदीम मेवाती थानेदार की कार में बैठकर भी चलता है। उन्होंने नदीम मेवाती की गिरफ्तारी की मांग की है। साथ ही पीडि़त परिवार के घर पर धमकी देने आए आरोपितों अनस के पिता निजाम कुरैशी, बाबर, अब्बास कुरैशी, हामसीब कुरैशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की। एसपी देहात अविनाश पांडेय ने बताया कि हत्या के अलावा धमकी देने का भी मुकदमा पुलिस की तरफ से दर्ज कर लिया है। उसके बाद भी नदीम मेवाती को पुलिस ने आरोपित नहीं बनाया है।
दारोगा ने भीड़ पर बरसाए डंडेअब्दुल्लापुर चौराहे पर शव रखकर जाम लगाने वाली भीड़ पर पुलिस ने डंडे बरसा दिए। भीड़ का आरोप है कि विपिन दारोगा ने प्रदर्शनकारियों पर डंडे चलाए हैं। उसके बाद दारोगा को लाइन हाजिर करने और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की गई। एसपी देहात ने भीड़ को समझाने के काफी प्रयास किए हंै, जिस पर कैंट विधायक और एसपी देहात में आरोप-प्रत्यारोप भी हुए हैं। उसके बाद कैंट विधायक ने एसएसपी से फोन पर बातचीत की, जिस पर दारोगा और एसओ को हटाने का आश्वासन दिया। उसके बाद ही भीड़ ने जाम खोला।
शारीरिक दूरियां का पुलिस नहीं करा पाई पालन अब्दुल्लापुर में चौराहे पर बड़ी संख्या में लोगों ने एकत्र होकर जाम लगा दिया। कोरोना संक्रमण काल के दौरान काफी लोगों के चेहरे पर मास्क तक नहीं लगा था। इतना ही नहीं लोग शारीरिक दूरियां का पालन भी नहीं कर पा रहे थे। उसकी वीडियो भी सोशल साइट्स पर वायरल हुई है। उन पर काफी लोगों ने कमेंट भी किया है। उसके बावजूद भी पुलिस ने शारीरिक दूरियां का पालन किए बिना जाम लगाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की।
कांति प्रसाद को हर रोज परेशान करते थे युवकअब्दुल्लापुर में कांति प्रसाद के भगवा पटके और माथे पर तिलक लगाने पर विशेष समुदाय के लोग हर रोज टिप्पणी करते थे। यही कारण है कि उस दिन कांतिप्रसाद ने विरोध जताया, जिसके चलते उनकी पिटाई की गई। उससे पहले भी कई बार धार्मिक टिप्पणी को लेकर विवाद हुए हैं। कांति प्रसाद की हत्या के बाद गांव में तनाव की स्थित बनी हुई है, जिसके चलते पुलिस बल तैनात किया गया।
जद्दोजहद के बाद एसओ हटे, विधायक के करीबी को चार्ज मेरठ : भावनपुर एसओ संजय कुमार को हटाने के लिए बड़ी जद्दोजहद का सामान करना पड़ा है। संजय कुमार सत्ता पक्ष के एक विधायक के करीबी थे। अब्दुल्लापुर में हत्या के बाद प्रदर्शनकारियों की मांग पर कैंट विधायक सत्य प्रकाश अग्रवाल ने एसओ को हटाने की मांग की थी। उसके बावजूद भी एसओ नहीं हटाए गए, बल्कि एसओ की जांच कराने के निर्देश जारी कर दिए। दरअसल, घटना के बाद से ही एसओ की पैरवी में सत्ता पक्ष के एक विधायक लगे हुए थे। मामले की जानकारी प्रदर्शनकारियों को लगी। सभी ने कैंट विधायक से फोन पर बातचीत की। उसके बाद कैंट विधायक ने कप्तान से एसओ को तत्काल हटाने की बात रखी। कप्तान ने एसओ संजय कुमार और एसएसआइ जितेंद्र कुमार को लाइन हाजिर कर दिया।
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