Tributes To Kalyan Singh: संगीनों के साये में बाबूजी का अंत्येष्टि स्थल, सैकड़ों पुलिसकर्मी कर रहे अस्थियों की सुरक्षा, 27 को चुनी जाएंगी अस्थियां
Tributes To Kalyan Singh पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार के 24 घंटे बाद भी अंत्येष्टि स्थल पर अग्नि प्रज्ज्वलित रही। अंत्येष्टि स्थल के चारों तरफ सुरक्षा घेरा बनाया है। बारिश से बचाव के लिए टेंट आदि का बंदोबस्त किया है।
By Taruna TayalEdited By: Updated: Wed, 25 Aug 2021 07:00 AM (IST)
बुलंदशहर, जेएनएन। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार के 24 घंटे बाद भी अंत्येष्टि स्थल पर अग्नि प्रज्ज्वलित रही। अंत्येष्टि स्थल के चारों तरफ सुरक्षा घेरा बनाया है। बारिश से बचाव के लिए टेंट आदि का बंदोबस्त किया है। अंत्येष्टि स्थल व अस्थियों की सुरक्षा के लिए सीडीओ व सीओ डिबाई को तैनात किया है।
सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजस्थान-हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार में केन्द्र व प्रदेश के अनेक मंत्री, सांसद, विधायक शामिल हुए थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अंतिम संस्कार की बागडोर संभाली। अंतिम संस्कार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री के स्वजन वापस लौट गए। अंत्येष्टि स्थल पर अग्नि प्रज्जवलित रही। इसकी व्यवस्था देखने को पूर्व मुख्यमंत्री के कई करीबी और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। सीडीओ अभिषेक पांडेय को व्यवस्था व सीओ डिबाई वंदना शर्मा को अंत्येष्टि स्थल की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। दोनों अधिकारी नरौरा में ही कैम्प कर रहे हैं।
उधर, अंत्येष्टि स्थल तक पहुंचने वाले मार्गों को बेरिकेडिंग लगाकर बंद कर दिया है। बसी घाट के बच्चा पार्क के चारों तरफ सुरक्षा बल लगाया है। सोमवार सुबह बारिश के बाद अंत्येष्टि स्थल में पानी न घुसे, इसके बंदोबस्त किए गए।
27 को चुनी जाएंगी बाबू जी की अस्थियांपूर्व मुख्यमंत्री स्व.कल्याण सिंह की अस्थियां 27 अगस्त को सुबह 10 बजे चुनी जाएंगी।
कल्याण ङ्क्षसह परिवार के करीबी व रामघाट के ग्राम प्रधान ओमवीर ङ्क्षसह ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र सांसद राजबीर ङ्क्षसह से विमर्श के बाद बासी घाट स्थित अंत्येष्टिस्थल से बाबूजी की अस्थियां 27 अगस्त को सुबह दस बजे चुनी जाएंगी। इस दौरान बाबूजी के स्वजन के अलावा रिश्तेदार, करीबी, समर्थक व पार्टी के कुछ नेता मौजूद रहेंगे। किसी वीवीआइपी के शामिल होने की सूचना नहीं है। अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि अस्थियों का विसर्जन कहां होगा। बताया जा रहा है कि हरिद्वार गंगाघाट या फिर अयोध्या में सरयू नदी में अस्थियां विसर्जित करने पर मंथन चल रहा है। एक-दो दिन में इस पर फैसला होगा।
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