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The Elephant Whisperers: आस्कर में गोल्ड मेडल जीतने पर मेरठ में खुशी, एसोसिएट एडिटर का है खास कनेक्शन

The Elephant Whisperers एकेश्वर चौधरी डॉक्यूमेंट्री के एसोसिएट एडिटर हैं। इसे ऑस्कर में गोल्ड मेडल मिला है। भाजपा नेता राकेश चौधरी के पुत्र हैं। द एलिफेंट व्हिस्परर्स गुनीत मोंगा द्वारा निर्मित और कार्तिकी गोंजाल्विस द्वारा निर्देशित एक नेटफ्लिक्स लघु वृत्तचित्र ने सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र लघु विषय के लिए ऑस्कर जीता।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Mon, 13 Mar 2023 03:47 PM (IST)
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The Elephant Whisperers: आस्कर में मिला गोल्ड मेडल, मेरठ से है एसोसिएट एडिटर का खास नाता।

मेरठ, जागरण टीम। ऑस्कर अवार्ड की घोषणा हुई पूरे देश में विभिन्न पुरस्कारों को लेकर खुशी मनाई गई। इसी के साथ-साथ मेरठ के हिस्से में भी अलग से खुशी प्राप्त हुई है। शार्ट फिल्म कैटेगरी में द एलिफेंट व्हिस्परर्स डॉक्यूमेंट्री को गोल्ड मेडल दिया गया है। इस डॉक्यूमेंट्री की बेहद सराहना हुई है। मेरठ के लिए खुशी की बात यह है कि पहली बार किसी डॉक्यूमेंट्री फिल्म को ऑस्कर में अवार्ड मिला है। दूसरी सबसे बड़ी खुशी यह है कि इस डॉक्यूमेंट्री को बनाने में एसोसिएट एडिटर की भूमिका उन्हीं के लाल एकेश्वर चौधरी ने निभाई है।

सुभाष घई के फिल्म इंस्टिट्यूट में प्रवेश ले लिया

एकेश्वर यही के टट्रांसलैम एकेडमी से पढ़े हैं। 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद उनका प्रवेश मध्यप्रदेश के कॉलेज में कराया गया। वहां से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उनकी आगे की पढ़ाई में मन नहीं लगा। वह फिल्म इंडस्ट्री में करियर बनाना चाहते थे। शुरू से ही उनमें लगन थी इसलिए वह मुंबई चले गए। सुभाष घई के फिल्म इंस्टिट्यूट में प्रवेश ले लिया और क्रिएटिव डायरेक्टर का कोर्स किया। उसी के बाद उन्हें मौका मिल गया और कई प्रोडक्शन हाउस से जुड़ गए।

रचनात्मक कौशल की पहचान रखने वाले निर्माताओं ने उन्हें मौका दिया। अब उसी कौशल की बदौलत एलीफेंट व्हिस्पर में उन्होंने बेहतरीन एडिटिंग की जिसका परिणाम यह है कि यह फिल्म ऑस्कर जीतने में सफल रही। उनके पिता राकेश चौधरी राष्ट्रीय स्वयं संघ के स्वयंसेवक हैं भाजपा से भी जुड़े हैं।

पिता खेती करते हैं दोनों बेटे फिल्म इंडस्ट्री में

देहरादून बाईपास पर एरा कालोनी निवासी एकेश्वर चौधरी के पिता राकेश वैसे तो स्वयंसेवक संघ और भाजपा से जुड़े हैं लेकिन उनके आय का साधन खेती है। वह किसान है और फख्र से कहते हैं कि वह अभी भी खेती करते हैं और उसी से जीविकोपार्जन करते हैं। उनके बेटों में फिल्म इंडस्ट्री में जाने की ललक थी इसलिए उन्होंने दोनों का एडमिशन इसी क्षेत्र में कराया। एकेश्वर अब सफल हो चुके हैं। उनके छोटे बेटे क्षितिज फिलहाल एनिमेशन का कोर्स कर रहे हैं।

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