एलआइसी में नहीं आने देंगे एफडीआइ, बीमा कर्मियों ने मानव श्रृंखला बनाकर किया प्रदर्शन
मेरठ में एलआइसी कर्मचारियों ने बुधवार को एलआइसी में विदेशी निवेश बढ़ाने के विरोध में प्रदर्शन किया। मेरठ डिवीजन इंश्योरेंस इंप्लाइज यूनियन के पदाधिकारियों ने चेताया कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती वह अपने आंदोलन को जारी रखेंगे।
मेरठ, जेएनएन। एलआइसी में विदेशी निवेश यानी एफडीआइ बढ़ाने के विरोध में बीमा कर्मियों ने मोर्चा खोल दिया है। मेरठ डिवीजन इंश्योरेंस इंप्लाइज यूनियन के पदाधिकारियों ने एफडीआइ में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा और आइपीओ जारी करने के विरोध में बुधवार को बांबे बाजार स्थित एफडीआइ ब्रांच से बाहर सड़क पर मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया।
नारे लगाकर जताया विरोध
वी वांट जस्टिस, बीमा का नहीं होने देंगे निजीकरण जैसे नारे लगाकर कर्मचारियों ने सरकार की नीतियों का विरोध किया। यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार की नीतियों से एलआईसी पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी। सरकार ने बजट में एफडीआइ की सीमा 49 फीसद से बढ़ाकर 74 फीसद किया है। जिससे बीमा पर पूरी तरह से विदेशी पूंजीपतियों का कब्जा हो जाएगा। अभी तक एलआइसी आम लोगों के सुख-दुख में साथ देती रही है। जो लाभ देशवासियों को होता है उसे विदेशी पूंजीपतियों के हाथ में देने की साजिश की जा रही है। पदाधिकारियों का कहना था कि एलआइसी पूरी तरह से लाभ में है। सरकार आइपीओ के माध्यम से बीमा को शेयर मार्केट से जोड़ना चाहती है। आखिर शेयर मार्केट में बीमा को जाने का क्या औचित्य है। यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि वह लगातार प्रदर्शन करते रहेंगे। सेमिनार और लोगों से संपर्क कर बीमा में होने वाले एफडीआइ की जानकारी भी देंगे। यूनियन के पदाधिकारियों ने चेताया कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती वह अपने आंदोलन को जारी रखेंगे। यूनियन के अध्यक्ष आशीष गोयल और महामंत्री अनुराग शर्मा ने कहा कि सरकार सोने की चिड़िया एलआइसी को बेचना चाहती है। बीमाकर्मी और बीमा से जुड़े हुए लोग 15 मार्च को अखिल भारतीय स्तर पर हड़ताल करेंगे। इस दौरान सुरेंद्र, राजीव शर्मा, पूनम, प्रवीण, विश्वेश शर्मा आदि
मौजूद रहे।