बहुत खास है बिजनौर के हेमंत कुमार का यंत्र, पेड़-पौधों तक जरूरत के अनुसार पहुंचाता है पानी, अब इस आविष्कार को मिला पेटेंट
बिजनौर जिले के गांव फीना निवासी हेमंत कुमार लखनऊ में कार्यरत हैं। उन्होंने पांच साल पहले पेड़-पौधों में स्वत सिंचाई के लिए एक यंत्र का आविष्कार किया था। उनके अनुसार यह जमीन में लगे पांच-छह फीट तक ऊंचाई के पेड़-पौधों के लिए भी काफी उपयोगी है।
बिजनौर, जागरण संवाददाता। लखनऊ सिंचाई विभाग में कार्यरत जनपद निवासी असिस्टेंट इंजीनियर हेमंत कुमार ने 'कंट्रोल्ड वाटर एंड एयर डिस्पेंसर फार इनडोर एंड आउटडोर प्लांट' नाम से एक यंत्र का आविष्कार किया है। इसके पेटेंट के लिए भारत सरकार को आवेदन किया था। अब हेमंत कुमार को अपने आविष्कार का पेटेंट सर्टिफिकेट मिल गया है। यह यंत्र पौधे की जरूरत के मुताबिक सिंचाई करने में सक्षम है।
गांव फीना निवासी हैं हेमंत कुमार
मूलरूप से चांदपुर के गांव फीना निवासी हेमंत कुमार वर्तमान में सिंचाई विभाग लखनऊ में कार्यरत हैं। उन्होंने पांच साल पहले पेड़ पौधों में स्वत: सिंचाई के लिए एक यंत्र का आविष्कार किया था। हेमंत के मुताबिक जमीन में लगे पांच-छह फीट तक ऊंचाई के पेड़ पौधों के लिए भी यह यंत्र उपयोगी है।
उपकरण में एक ही बार भरा जाता है पानी
उपकरण में एक बार में पानी भरा जाता है। यह उपकरण एक सप्ताह में पानी को 100 मिलीलीटर से लेकर एक लीटर तक धीरे-धीरे पौधों की जड़ में भेज सकता है। आयु, किस्म, मौसम और पौधे की जरूरत के मुताबिक भेजे जाने वाली पानी की मात्रा उपकरण में लगे नाब और तकनीक द्वारा सेट कर दी जाती है। पानी की तय मात्रा स्वयं पौधों की जड़ों में केशकीय प्रभाव (कैपिलरी एक्टिविटी) के सिद्धांत के आधार पर पहुंचती है। सरकार द्वारा पेटेंट अधिनियम 1970 के तहत 20 सालों के लिए उनके आविष्कार को पेटेंट कर दिया गया है। इस उपलब्धि पर विभाग के उच्चाधिकारियों और शुभचिंतकों ने हेमंत कुमार को बधाई दी है।
विद्युत कटौती ने बढ़ाई सिंचाई के लिए परेशानी
बिजनौर, जागरण संवाददाता। भीषण गर्मी के चलते किसान फसलों को बचाने को सिंचाई करने में लगे हैं, लेकिन बिजली उनका साथ नहीं दे रही है। धामपुर क्षेत्र में अंधाधुंध अघोषित कटौती की जा रही है। ट्यूबवेलों के लिए दस घंटे विद्युत आपूर्ति का शेड्यूल है। लेकिन पांच-छह घंटे ही विद्युत आपूर्ति हो रही है। उसमें भी लो वोल्टेज की समस्या आ रही है।