फतवा प्रकरण में जांच जारी, अभी नहीं हुई रिपोर्ट दर्ज, मंथन में जुटे अधिकारी, गजवा-ए-हिंद को लेकर दारुल उलूम ने जारी किया था फतवा
मोहतमिम ने अधिकारियों को बताया था कि फतवा नौ साल पुराना है। वर्ष 2015 में किसी व्यक्ति के सवाल के जवाब में एक पुस्तक का हवाला देते हुए इसका जवाब दिया गया था। बहरहाल अभी तक पुलिस प्रशासन सभी तथ्यों को लेकर जांच में जुटा है। यही वजह है कि अभी तक प्रशासन ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है।
संवाद सहयोगी, देवबंद। गजवा-ए-हिंद पर दारुल उलूम के फतवे को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) द्वारा घोर आपत्ति जताए जाने के बाद पुलिस प्रशासन मामले की गहनता से छानबीन में जुटा है। मामले में अभी तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है।
इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने गजवा-ए-हिंद को वैध बताने वाला फतवा जारी किया था। इस फतवे पर एनसीपीसीआर ने घोर आपत्ति जताई थी और सहारनपुर के डीएम व एसएसपी को पत्र लिखकर संस्था के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने को कहा था।
मामले में गुरुवार को उच्चाधिकारियों के निर्देश पर देवबंद एसडीएम अंकुर वर्मा और सीओ अशोक सिसौदिया ने दारुल उलूम पहुंचकर संस्था के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी समेत जिम्मेदारों से फतवे के संबंध में जानकारी की थी।
मोहतमिम ने अधिकारियों को बताया था कि फतवा नौ साल पुराना है। वर्ष 2015 में किसी व्यक्ति के सवाल के जवाब में एक पुस्तक का हवाला देते हुए इसका जवाब दिया गया था। बहरहाल, अभी तक पुलिस प्रशासन सभी तथ्यों को लेकर जांच में जुटा है। यही वजह है कि अभी तक प्रशासन ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है।
सीओ अशोक सिसौदिया का कहना है कि मामले में अभी जांच चल रही है। जल्द ही जांच पूरी कर इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। इस फतवे पर एनसीपीसीआर ने सख्त रुख अपनाया है। पूर्व के नोटिसों का हवाला आयोग ने भेजे अपने पत्र में अधिकारियों को पूर्व के नोटिसों का हवाला देते हुए चेताया है और इस बार आवश्यक रूप से कार्रवाई करने को कहा है।
आयोग ने भेजे पत्रआयोग ने भेजे अपने पत्र में अधिकारियों को पूर्व के नोटिसों का हवाला देते हुए चेताया है और इस बार आवश्यक रूप से कार्रवाई करने को कहा है।
जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र ने कहा कि गजवा-ए-हिंद के मामले में आयोग के निर्देशों के क्रम में कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में एसएसपी को लिखकर भेजा गया है, मगर अभी पुलिस संत रविदास जयंती में व्यस्त है। जयंती के बाद इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।
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