पश्चिमी यूपी में भाजपा से नाराज है क्षत्रिय समाज? डैमेज कंट्रोल में जुटे सीएम योगी, पंकज सिंह भी उतरे मैदान में
Lok Sabha Election 2024 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग होगी है जिसमें कैराना मुजफ्फरनगर और रामपुर समेत यूपी की कुल आठ लोकसभा सीटें शामिल हैं। चुनावी बेला में क्षत्रिय समाज का बढ़ते हुए ताप ने भाजपा की बेचैनी बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि पश्चिमी यूपी में क्षत्रिय समाज भाजपा से कुछ असंतुष्ट है। अब सीएम ने खुद मोर्चा संभाला है।
संतोष शुक्ल, मेरठ। (Lok Sabha Election 2024) चुनावी बेला में क्षत्रिय समाज का बढ़ता ताप और दूसरी तरफ से सीएम योगी आदित्यनाथ की क्षत्रिय बहुल क्षेत्रों में लगातार जनसभाएं...ये कोई संयोग नहीं, बल्कि चुनावी मजबूरियों का साइड इफेक्ट है।
ठाकुर वोटों की दिशा तय करने के लिए भाजपा तरकश के सभी भावनात्मक तीर चला चुकी है, लेकिन 16 अप्रैल को ठाकुर चौबीसी के खेड़ा में क्षत्रिय समाज ने पंचायत कर भाजपा को "प्राण जाई पर वचन न जाई" का संदेश देने का प्रयास किया।
18 अप्रैल को सीएम योगी मेरठ के क्षत्रिय बहुल गांव सिसौली और गाजियाबाद के धौलाना में जनसभा कर मास्टर स्ट्रोक खेलेंगे। उधर, भाजपा के राज्यसभा सदस्य विजयपाल तोमर और नोएडा विधायक पंकज सिंह को मेरठ के तीन ठाकुर बहुल गांवों में डेरा डालकर तपिश खत्म करने को कहा गया है।
प्रेशर पालिटिक्स या जातीय टकराव
पश्चिम उत्तर प्रदेश में इस बार मुद्दों की जगह सत्ता और दल में जातीय भागीदारी की जंग ने ले ली। लोकसभा के लिए टिकट बंटवारे के दौरान क्षत्रिय आक्रोश की जमीन तैयार हुई। गाजियाबाद से जनरल वीके सिंह की जगह अतुल गर्ग को टिकट देने के साथ क्षत्रिय समाज ने विरोध पंचायतों का आयोजन शुरू किया।
सरधना के पूर्व विधायक संगीत सोम और मुजफ्फरनगर के सांसद डा. संजीव बालियान के बीच बयानों के तीर चलने से राजनीतिक परिस्थितियां लगातार तल्ख होती गईं।
सीएम का सम्मान, लेकिन हठ भी कायम
31 मार्च को मेरठ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा के बाद सीएम योगी ने बालियान और सोम को साथ बिठाया। 10 मार्च को चौबीसी के रार्धना गांव में मुख्यमंत्री ने जनसभा कर दोनों को अपने अगल बगल बिठाया। हालांकि जनसभा में योगी-योगी, फिर बीच-बीच में सोम जिंदाबाद और बालियान के विरोध में हुई नारेबाजी ने साफ कर दिया कि रिश्तों की कड़वाहट में मिठास की गुंजाइश न्यूनतम रह गई है।
थोड़ी देर बाद सोम के बालियान पर दिए गए बयान ने "राजनीतिक दुश्मनी" को निजी बना दिया। भाजपा भी असहज हो गई। इसके बाद प्रदेश इकाई ने क्षत्रियों में आक्रोश को संभालने के लिए 12 अप्रैल को सीएम योगी की सभा कैराना के गंगोह और सहारनपुर लोकसभा के बड़गांव में आयोजित की गई।
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