भगवान राम का किरदार निभाना गर्व की बात : गुरमीत
भगवान राम का किरदार निभाना बड़ी चुनौती भी थी और गौरव की बात भी।

मेरठ,जेएलएन। भगवान राम का किरदार निभाना बड़ी चुनौती भी थी और गौरव की बात भी। मर्यादा पुरुषोत्तम राम के किरदार में खुद को तराशने में काफी समय लगा। सेट पर 12 घंटे तक राम की वेशभूषा में रहना पड़ता था। यह भूमिका निभाने के बाद लोगों का बहुत प्यार मिला। जीवन में एक नई शुरुआत हुई और सफलता के मार्ग खुलते गए।
एनडीटीवी इमेजिन पर प्रसारित हो चुके रामायण धारावाहिक में राम व सीता का किरदार निभाने वाले बालीवुड कलाकार-माडल गुरमीत चौधरी व देबिना बनर्जी ने यह बात जेपी कालेज में प्रेस वार्ता के दौरान कही। शनिवार को मवाना रोड स्थित जेपी रेजीडेंसी के एक निवेश कार्यक्रम में वह बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे।
जेपी रेजीडेंसी के सचिव अनुराग अग्रवाल व प्रबंध निदेशक विशाल अग्रवाल ने उनका स्वागत किया। दोनों कलाकारों ने बताया कि वह मवाना रोड स्थित जेपी रेजीडेंसी में निवेश करने जा रहे हैं। जेपी रेजीडेंसी में काफी कम बजट में लोगों का अपना आशियाना बनाने का सपना साकार हो सकेगा।
रामायण के बाद देबिना बनीं जीवन संगिनी
गुरमीत ने कहा कि रामायण में सीता के किरदार में उनके साथ देबिना बनर्जी थीं। इस दौरान मित्रता हुई। बाद में देबिना के साथ शादी की। पहली बार मेरठ आए गुरमीत व देबिना ने कहा-मेरठ के लोगों का स्वागत-सत्कार कभी नहीं भुला सकेंगे। मेरठ उन्हें स्वच्छ शहर लगा है। इसी के चलते यहां निवेश कम मन बनाया है। गुरमीत ने कहा कि वह बचपन में शरारती थे। 23 वर्ष की उम्र में जब उन्हें रामायण में राम का किरदार मिला तो उनके पिता सीताराम चौधरी ने कहा था कि शरारतों को देखकर राम नहीं, तुझे तो रावण बनना चाहिए था।
एक्सप्रेस से मेरठ की कनेक्टिविटी सबसे शानदार
गुरमीत चौधरी ने बताया कि दिल्ली से मेरठ आने में उन्हें बेहद कम समय लगा। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे से शानदार कनेक्टिविटी हो गई है। उनका परिवार सेना से जुड़ा है। जब उन्हें पता चला कि मेरठ शहर के तीनों तरफ आर्मी बेस है तो काफी खुश दिखे।
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