सेवानिवृत्ति के बाद पैतृक गांव पहुंचे कारगिल युद्ध के हीरो योगेंद्र यादव, जानिए कैसे हुआ स्वागत
कारगिल युद्ध के हीरो रहे योगेंद्र यादव शुक्रवार को सेवानिवृत्त हुए। शनिवार को वह गाजियाबाद स्थित घर से बुलंदशहर के अपने पैतृक गांव औरंगाबाद अहीर दर्जनों बाइक व वाहनों के काफिले के साथ पहुंचे। दिल्ली से आए दोपहिया वाहनों पर सवार 35 राइडर ट्रैफिक कंट्रोल में लगे थे।
By Parveen VashishtaEdited By: Updated: Sat, 01 Jan 2022 11:31 PM (IST)
बुलंदशहर, जागरण संवाददाता। दर्जनों बाइक एवं वाहनों का काफिला। इन पर शान से लहराता तिरंगा और भारत माता का गगनभेदी जयघोष। खुली जीप में सवार परमवीर चक्र विजेता आनरेरी कैप्टन योगेंद्र यादव की एक झलक पाने के लिए हर कोई बेकरार था। यह नजारा था उनके रोड शो का। लोग कारगिल युद्ध के इस हीरो को सैल्युट कर रहे थे। वह सेवानिवृत्ति के बाद पहली बार गुलावठी थानाक्षेत्र में अपने पैतृक गांव औरंगाबाद अहीर पहुंचे थे।
वाहनों पर लगे थे तिरंगे, लग रहे थे भारत माता के जयकारे
हापुड़ रोड स्थित कुराना टोल प्लाजा पर पहुंचते ही सैकड़ों लोगों ने फूलमाला पहनाकर उनका स्वागत किया। खुली जीप में सवार योगेंद्र यादव दर्जनों बाइक व वाहनों के काफिले के साथ गुलावठी की ओर रवाना हुए। वाहनों पर तिरंगे लगे थे। लोग भारत माता के जयकारे लगा रहे थे। उनके काफिले के साथ दिल्ली से आए दोपहिया वाहनों पर सवार 35 राइडर ट्रैफिक कंट्रोल में लगे थे। उन्होंने गुलावठी में शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सपा एमएलसी जितेंद्र यादव, पालिकाध्यक्ष काले खां व दर्जनों सपा कार्यकर्ताओं ने योगेंद्र यादव का स्वागत किया। ब्लाक प्रमुख पति सुनील यादव, कवि डा. अर्जुन सिसौदिया, डा. परिचय अग्रवाल, आदेश चौहान, राहुल वर्मा, विजय यादव, रामवीर यादव आदि ने भी स्वागत किया। यहां से रोड शो सिकंदराबाद रोड की तरफ बढ़ गया। पैतृक गांव औरंगाबाद अहीर पहुंचने पर गन्ना सहकारी समिति चेयरमैन सुनील यादव, बीडीसी अमित यादव, पप्पू प्रधान कोटा, नवीन तेवतिया, सुरेंद्र यादव, कमल यादव आदि के अलावा ग्रामीणों, स्वजन व रिश्तेदारों ने जोरदार स्वागत किया।
अब समाजसेवा के जरिए करेंगे देश सेवा बुलंदशहर, जागरण संवाददाता। सेना का सर्वोच्च सम्मान पाने वाले परमवीर चक्र विजेता आनरेरी कैप्टन योगेंद्र यादव सेवानिवृत्ति के बाद भी स्वयं को फिट मानते हैं। उनका कहना है, यह जीवन सेना के लिए समर्पित है। भले ही अब वह सरहद पर न रहें, लेकिन युवाओं को तराशकर बेहतर सैनिक तैयार करेंगे। कारगिल युद्ध के हीरो रहे योगेंद्र यादव शुक्रवार को बरेली से सेवानिवृत्त हुए। शनिवार को वह गाजियाबाद स्थित घर से गुलावठी क्षेत्र स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचे। गांव में उनके सम्मान में समारोह किया गया। क्षेत्र के लोगों की भीड़ देख वह गदगद थे। सम्मान के लिए उन्होंने लोगों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि सैनिक कभी रिटायर नहीं होता। सेना ने मुझे बुहत कुछ दिया है, अब समाजसेवा के जरिए देश सेवा की जाएगी। युवाओं को देश रक्षा करने के लिए प्रेरित करेंगे। उनका कौशल निखारकर तकनीकी रूप से दक्ष बनाएंगे। इसमें शासन, प्रशासन और समाज का सहयोग भी लिया जाएगा। जल्द ही अपनी अकादमी भी शुरू की जाएगी।
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