Kisan Mahapanchayat in Muzaffarnagar: मंथन को आए किसानों ने ही संभाला प्रबंधन, मंच के चारों ओर रहा कड़ा पहरा
मुजफ्फरनगर में महापंचायत के कड़ी सतर्कता भी बरती गई। एक हाथ में वाकी-टाकी तथा दूसरे हाथ में मिनी लाउडस्पीकर लिए वालंटियर किसी भी नुकसान के प्रति किसानों को आगाह कर रहे थे। यहां पर व्यवस्था को बनाए रखना भी चुनौती ही था।
By Prem Dutt BhattEdited By: Updated: Sun, 05 Sep 2021 10:30 PM (IST)
मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में पहुंचे किसानों के हाथ में ही व्यवस्था की बागडोर रही। किसानों को जेबकतरों से आगाह करने का मामला रहा हो या फिर उमड़कर मंच की ओर पहुंच रहे किसानों को वहां से हटाने का। वालंटियर लाउडस्पीकर पर बार-बार लोगों को आगाह कर रहे थे। महापंचायत में उमड़ रहे किसानों को थामकर व्यवस्था बनाना टेढ़ी खीर थी। जीआइसी मैदान में कई स्थायी तथा अस्थायी गेट से प्रवेश कर रहे किसानों को सही राह दिखाने तथा उन्हें बिना किसी नुकसान सुरक्षित भीतर व बाहर पहुंचाने की जिम्मेदारी किसान ही संभाल रहे थे।
सावधान रहने का किया ऐलान
एक हाथ में वाकी-टाकी तथा दूसरे हाथ में मिनी लाउडस्पीकर लिये वालंटियर किसी भी नुकसान के प्रति किसानों को आगाह कर रहे थे। मंच के दायीं ओर जीआइसी मैदान से रेलवे स्टेशन की ओर खोले गए गेट पर किसानों का आवागमन जारी रहा। इस दौरान पंजाब से आए एक किसान की जेब से किसी ने मोबाइल तथा नगदी गायब कर दी। इसके बाद वहां ड्यूटी पर तैनात वालंटियर चीख-चीखकर जेबकतरों से सावधान रहने का ऐलान करता रहा। मंच के चारों ओर बैरिकेङ्क्षडग कर सुरक्षा घेरा बनाया गया था। महापंचायत में पहुंचे रहे बहुत से किसान घेरा तोड़कर मंच की ओर बढने का प्रयास करते रहे, लेकिन हाथों में वाकी-टाकी लिये वालंटियर विनम्रता से उन्हें वापस करते रहे। कुछ लोगों ने मीडिया से होने की बात कही तो वालंटियर न उनसे परिचय-पत्र दिखाने को भी कहा।
हर घंटे अफसर लेते रहे रिपोर्ट
महापंचायत को लेकर उत्तराखंड व खादर से आ रहे किसानों की संख्या के बारे में जिला मुख्यालय पर पल-पल की जानकारी ली जाती रही। पुलिस के अनुसार पूरा दिन अफसर किसानों के पंचायत स्थल पर जाने तथा दोपहर बाद वापसी की रिपोर्ट लेते रहे। बताया कि दोपहर तक उत्तराखंड तथा स्थानीय स्तर से दस बसें, 225 ट्रैक्टर, 150 बाइक तथा 200 कार शहर की ओर गईं। बताया कि जिला मुख्यालय से शासन को लखनऊ रिपोर्ट भेजी गई।
सड़कों पर बजा डीजे, हुआ डांस किसान महापंचायत के दौरान जब मैदान में मंच से भाषण चलते रहे। उस दौरान सड़क पर डीजे बजाकर युवा किसान डांस में व्यस्त रहे। जानसठ पुल के नीचे कई घंटे डीजे पर किसानों ने जमकर डांस किया। इसके अलावा महावीर चौक सहित कई अन्य स्थानों पर भी किसान अपनी कार में डीजे बजाकर डांस करते नजर आए।स्टाल लगाकर बेची गई टोपी और बिल्ला
किसान महापंचायत के दौरान जीआइसी मैदान के प्रवेश द्वार पर स्टाल लगाकर भाकियू के झंडे, टोपी, बिल्ले, टी-शर्ट सहित अन्य सामग्री बेची गई। पंजाब के कुछ लोगों ने तीन कृषि कानूनों पर लिखी किताब भी दस-दस रुपये में बेची गयी। महापंचायत में पहुंचने वाले किसानों ने बड़ी संख्या में भाकियू की टोपी और झंडे खरीदे।हरी बत्ती लगी कार बनी कौतूहल का विषय
शहर के महावीर चौक सहित अन्य जगह रविवार को दिखी हरी बत्ती लगी कार शहर में चर्चा का विषय बनी रही। प्रदेश में अफसरों और मंत्रियों की कार से बत्ती का चलन बंद होने के बाद भी कार पर बत्ती लगाकर घूमने पर चुटकी ली गई। वहीं लोग कार के मालिक का भी अपने हिसाब से अंदाजा लगाते रहे। वहीं बत्ती देखने के बाद भी पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने कोई रोकटोक नहीं की।सरकारी कार्यालय के दरवाजे खोल अंदर घुसे किसान
महापंचायत स्थल के आसपास स्थित डीआइओएस कार्यालय और राजकीय पुस्तकालय रविवार के चलते बंद थे। रविवार को अधिक गर्मी के कारण सड़कों पर घूम रहे किसानों को आराम करने की जगह न मिली। इसके बाद इन कार्यालयों के दरवाजे खोलकर किसानों ने छाया में बैठकर आराम करते हुए गर्मी से राहत ली। वहीं कुछ किसान जानसठ पुल के नीचे भी बैठे रहे।शिव चौक पर तोड़े भाजपा के होर्डिंग
किसान महापंचायत खत्म होने पर वापस जाते समय किसानों ने भाजपा के होर्डिंग तोड़ दिए। शिव चौक पर लगे भाजपा नेताओं के होर्डिंग देखने के बाद किसान आक्रोशित हो गए। उन्होंने जोश में आकर भाजपा नेताओं ने होर्डिंग तोड़ते हुए पोस्टर फाड़ दिए। पुलिस ने वहां पहुंचकर किसानों को शांत किया।इंटरनेट सेवा रही बाधित महापंचायत शुरू होने के बाद जीआइसी मैदान व आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं बाधित हो गईं। किसानों सहित वहां मौजूद सभी लोगों के मोबाइल में इंटरनेट बंद होने के साथ काल भी बाधित हो गई। इंटरनेट बाधित होने के बाद मंच से ही प्रशासन को इंटरनेट सेवा खोलने की अपील की गई। इसके बाद कुछ मोबाइलों के नेटवर्क सुचारु हुए, लेकिन इंटरनेट रुक-रुककर ही चला।
मुजफ्फरनगर को बताते रहे मुजफ्फरपुर महापंचायत के दौरान मंच से किसानों को संबोधित करते समय कई किसान नेता मुजफ्फरनगर और मुजफ्फरपुर के नाम में विचलित रहे। किसान नेता योगेंद्र सिंह सहित पंजाब और तमिलनाडु से पहुंचे किसान नेता मुजफ्फरनगर का नाम बिहार का मुजफ्फरपुर बोलते रहे। इसको लेकर कई लोगों ने चुटकी लेते हुए सोशल मीडिया पर भी पोस्ट की।
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