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Chaudhary Charan Singh: यूपी के इस जिले से शुरू हुआ था भारत रत्न का चुनावी सफर, हाईस्कूल के बाद एलएलबी तक की पढ़ाई फिर जीते चुनाव

Chaudhary Charan Singh UP News In Hindi मेरठ दक्षिण-पश्चिम सीट से शुरू हुआ था चौधरी साहब का चुनावी सफर। बाहर के एक कमरे में उनके मुंशी शिवचरण दास रहते थे। यहां पर रह कर उन्होंने तीन चार मेरठ कचहरी में प्रैक्टिस की उसके बाद वह गाजियाबाद में चले गए। बाद में यह मकान उन्होंने मुंशी शिवचरण दास को दे दिया।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sat, 10 Feb 2024 01:16 PM (IST)
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मेरठ दक्षिण-पश्चिम सीट से शुरू हुआ था चौधरी साहब का चुनावी सफर

ओम बाजपेयी, मेरठ। किसानों के मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने से पश्चिम उत्तर प्रदेश में उल्लास की लहर है। किसान परिवार में पैदा होकर अंतिम पल तक वंचितों के लिए लड़ने वाले चौधरी चरण सिंह का व्यक्तित्व मेरठ में फला फूला।

प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक मेरठ में हासिल की। बाद में मेरठ दक्षिण पश्चिम क्षेत्र से 1937 में प्रांतीय धारा के चुनाव में 78 प्रतिशत वोट पाकर राजनीतिक पारी शुरू की। इसी सीट से 1946 में भी जीते।

जन्म घासफूस की मैढ़या में हुआ था

1902 में जनपद हापुड़ के नूरपुर गांव में मीर सिंह और नेत्रकौर के घर जन्मे चरण सिंह के पिता कुचेसर के जमीदार के पास बटाई पर खेती करते थे। उनका जन्म घासफूस की मैढ़या में हुआ था। जानी स्थित भूपगढ़ी गांव में उनके कुछ रिश्तेदार रहते थे। वह परिवार के साथ यहां पर चले आए। यहीं पर उनका बचपन बीता और यहां के प्राथमिक विद्यालय में उन्होंने शिक्षा ग्रहण की। जीआइसी मेरठ से उन्होंने हाईस्कूल किया। पिता मीर सिंह 1922 में मोदीनगर के पास भदोला गांव चले गए।

पहली बार मेरठ दक्षिण पश्चिम सीट से विधायक चुने गए

चौधरी साहब के राजनीतिक जीवन की शुरुआत भी मेरठ से हुई। वो 1937 में पहली बार प्रांतीय विधानसभा में मेरठ दक्षिण-पश्चिम सीट से जनप्रतिनिधि चुने गए। जिसमें गाजियाबाद और बागपत तहसीलें शामिल थीं। पूर्व प्रधानमंत्री के चिंतन की सार्थकता पर शोधपत्र लिखने वाले चौधरी चरण सिंह महाविद्यालय के प्राचार्य डा. प्रतीत कुमार ने बताया कि यहीं से 1946 में भी वह चुनाव जीते थे।

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कचहरी रोड स्थित दो कमरे के मकान में रहते थे

पूर्व प्रधानमंत्री ने 1926 में मेरठ कालेज से एलएलबी किया। पश्चिमी कचहरी रोड स्थित उल्फत राय क्वार्टर संख्या 237 में वह रहते थे। उनकी बड़ी बहन रिसालो का घर का भी एनएएस कालेज के सामने था। वह संपन्न परिवार से थीं। किराए के क्वार्टर में उसकी ऊपर मंजिल पर उनका परिवार रहता था और नीचे उन्होंने कार्यालय बना रखा था। 

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शिवचरण दास के पोते वरुण शर्मा ने बताया कि जिस कक्ष में पूर्व प्रधानमंत्री बैठते थे उसमें वकालत की कई पुस्तकें आज भी उस समय की रखी हुई हैं। मकान का बिल भी चरण सिंह के नाम से आता है।