BJP प्रत्याशियों के विरोध में क्षत्रिय समाज करेगा पंचायत, मेरठ से लेकर गाजियाबाद तक सियासी हलचल तेज
पश्चिम उत्तर प्रदेश की राजनीति 2013 से मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) की धुरी पर घूम रही है। 2014 और 2019 में लगातार दो बार सांसद चुने गए केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान (Sanjeev Balyan) के चुनावी गणित में इस बार भारी हलचल है। भाजपा के खिलाफ 26 मार्च को सलावा और दो अप्रैल को कपसाड़ गांव में ठाकुर समाज ने पंचायत की।
जागरण संवाददाता, मेरठ।पश्चिम उत्तर प्रदेश में चुनावी लू के बीच नया सियासी विक्षोभ चल रहा है। कई प्रत्याशी प्रतिद्वंद्वियों से ज्यादा अपनों के विरोध से घिर गए हैं। कहीं टिकट में भागीदारी में उपेक्षा का आरोप लगाकर क्षत्रिय समाज का एक गुट विरोध प्रदर्शन कर रहा तो कहीं प्रत्याशियों के व्यवहार को लेकर उबाल है। विरोध की कई पटकथाएं पर्दे के पीछे भी गुपचुप लिखी जा रही हैं। मेरठ से संतोष शुक्ल की रिपोर्ट...
पश्चिम उत्तर प्रदेश की राजनीति 2013 से मुजफ्फरनगर की धुरी पर घूम रही है। 2014 और 2019 में लगातार दो बार सांसद चुने गए केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान के चुनावी गणित में इस बार भारी हलचल है। भाजपा के खिलाफ 26 मार्च को सलावा और दो अप्रैल को कपसाड़ गांव में ठाकुर समाज ने पंचायत की।
बालियान के काफिले पर पथराव से गरमाई राजनीति
खतौली विधानसभा क्षेत्र के ठाकुर बाहुल्य गांव मडकरीम में 30 मार्च को बालियान के काफिले पर पथराव से राजनीति गरमाई। डा. बालियान और सरधना के पूर्व विधायक संगीत सोम के बीच छत्तीस का आंकड़ा रहा है, जिन्हें समझाने के लिए 31 मार्च को सीएम योगी भी साथ बैठे।
बालियान के समर्थक माने जाने वाले जिलाध्यक्ष शिवकुमार राणा के गांव रार्धना में पोस्टर तक लगा दिए गए। सात अप्रैल को खतौली के टिटोड़ा गांव में गुर्जर एवं सैनी समाज के लोगों की पंचायत हुई। खेड़ा गांव में 16 अप्रैल को पंचायत होगी।
मेरठ, कैराना व गाजियाबाद तक हलचल
ठाकुर समाज 11 अप्रैल को मेरठ के सिसौली में प्रत्याशियों के विरोध में पंचायत करेगा। कैराना में भाजपा प्रत्याशी व सांसद प्रदीप चौधरी के क्षेत्र ननौता में सात अप्रैल को क्षत्रिय स्वाभिमान महाकुंभ ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोला, जिसकी आंच सहारनपुर तक पहुंचेगी। इसमें बसपा प्रत्याशी और क्षत्रिय चेहरा श्रीपाल राणा के पहुंचने से राजनीतिक पारा चढ़ा।
प्रदीप चौधरी के क्षेत्र में न पहुंचने की शिकायत लेकर कई गांवों में गुमशुदगी के पोस्टर भी लगे थे। कैराना में सहारनपुर की दो और शामली की तीन विधानसभा सीटें शामिल हैं। शामली की तीनों सीटें राष्ट्रीय लोकदल के पास हैं। नकुड़ और गंगोह में भाजपा के विधायक हैं, लेकिन प्रदीप के लिए चुनौतियां बड़ी हैं।
मेरठ में छह अप्रैल को पल्लवपुरम क्षेत्र में स्थानीय लोगों ने भाजपा का प्रचार वाहन रोकते हुए जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
भाजपा ने गाजियाबाद में जनरल वीके सिंह का टिकट काटकर अतुल गर्ग को दे दिया। गत दिनों धौलाना में प्रत्याशी अतुल गर्ग और महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा को हाईवे पर रोक क्षत्रिय समाज के लोगों ने जमकर विरोध किया, जिसका वीडियो प्रसारित हुआ। बिजनौर में भी ठाकुरों की पंचायत होगी।
सपा में असमंजस से बढ़ा घमासान
मेरठ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहले भानु प्रताप को टिकट दिया। संगठन में भारी विरोध उभरने पर लखनऊ में डेरा डाले सरधना विधायक अतुल प्रधान को टिकट थमा दिया। दूसरी लाबी अतुल के विरोध में उतर गई तो सपा ने पूर्व महापौर सुनीता वर्मा को टिकट देकर दलित एवं महिला दोनों फैक्टर साधने का प्रयास किया। पार्टी में बार-बार अंतर्विरोध उभरा।
बागपत में सपा ने मनोज चौधरी का टिकट काटकर पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा को दे दिया। मुरादाबाद में सपा ने पहले सांसद एसटी हसन को टिकट देकर फिर काट दिया, जिसकी चर्चा प्रदेशभर में हुई। यहां से सपा ने बिजनौर की रुचि वीरा को मैदान में उतारा है। सपा में कई गुट एक साथ विरोध प्रदर्शन पर उतर आए।
बिजनौर में यशवीर सिंह की जगह दीपक सैनी को टिकट दिया। गौतमबुद्धनगर में सपा ने युवा राहुल अवाना का टिकट बदलकर डा. महेन्द्र नागर को मैदान में उतारा।