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Meerut Soldier Death: कश्मीर में घायल हुआ मेरठ का लाल, दिल्ली के अस्पताल में दम तोड़ा, गांव में हुआ अंतिम संस्‍कार

सैनिक रोहित कुमार जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में 24 राजदीप जगह पर तैनात थे। स्‍वजन के पास फोन आया कि रोहित एक हादसे के दौरान झुलस गए हैं और उन्‍हें गंभीर हालत में दिल्‍ली में भर्ती कराया गया था। इस दौरान इनकी मौत हो गई है।

By Himanshu DwivediEdited By: Updated: Sun, 18 Jul 2021 10:01 PM (IST)
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दिल्‍ली के अस्‍पताल में इलाज के दौरान सिपाही की मौत। रोहित की फाइल फोटो।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Meerut Soldier Death मेरठ के गंगानगर में रजपुरा निवासी सैनिक सिपाही रोहित सिवाच (30) जम्मू-कश्मीर में शहीद हो गए। रोहित सिवाच 57 राष्ट्रीय रायफल बटालियन में रायफलमैन थे। उसकी तैनाती फील्ड एरिया हाई एल्टीटयूड में थी। स्वजन के अनुसार, चार जुलाई को वह हादसे में गंभीर रूप से झुलस गए थे। जिसके बाद रोहित को उधमपुर नार्दन कमांड व बाद में दिल्ली के आरआर आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन शनिवार देर रात सैनिक ने दम तोड़ दिया। रविवार दोपहर सैनिक का पार्थिव शरीर मेरठ पहुंचा। शव आने से पहले ही अपने लाल को सलामी देने के लिए सैकड़ों ग्रामीण मवाना रोड डेयरी फार्म के सामने पहुंच गए। रजपुरा में 278 फील्ड रेजीमेंट के जवानों ने शहीद सैनिक को गार्ड आफ आनर देते हुए सलामी दी और अंतिम संस्कार किया गया।

पिता सेना से सेवानिवृत्त व पत्नी यूपी पुलिस की सिपाही

रजपुरा निवासी रोहित सिवाच (30) दस वर्ष पूर्व सेना में भर्ती हुए थे। उसके पिता लोकेश कुमार भी सेना में हवलदार से सेवानिृत्त हैं। रोहित का विवाह सहारनपुर जिले के नंगली मेहनाजपुर निवासी अमरेश चौधरी उर्फ अन्नू से तीन वर्ष पूर्व हुआ था। अमरेश यूपी पुलिस में कांस्टेबल है। फिलहाल मेरठ पुलिस लाइन में तैनात हैं। रोहित दो माह पूर्व ही दूसरे बेटे का पिता बने थे। बड़ा बेटा ढा़ई साल का विवान है, जबकि छोटा बेटा प्रिंस केवल दो माह का है। रोहित ने प्रिंस का चेहरा भी नहीं देखा। रोहित अंतिम बार होली पर घर आए थे।

सुबह चार बजे चाय लाने के दौरान हुआ हादसा

रोहित के पिता लोकेश कुमार ने बताया कि उन्हें सेना द्वारा फोन पर रोहित के झुलसने की जानकारी दी गई थी। जुलाई को लंगर में सुबह चार बजे चाय लाने के दौरान आग लगने के कारण रोहित गंभीर रूप से झुलस गए। जिसके बाद पांच जुलाई को रोहित को उधमपुर के नार्दन कमांड स्थित सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां पर रोहित 11 दिन उपचाराधीन रहे। इसके बाद 16 जुलाई को रोहित को दिल्ली के आरआर अस्पताल में रेफर कर दिया गया। रोहित के पिता लोकेश ने बताया कि शनिवार देर रात उन्हें यह दुखद सूचना मिली।

रोहित की एक झलक पाने के लिए डेयरी फार्म पर पहुंचे सैकड़ों लोग

दोपहर बाद लगभग चार बजे एंबुलेंस में रोहित का पार्थिव शरीर पहुंचा। इससे पहले रजपुरा से सैकड़ों लोग अपने लाल की एक झलक पाने के लिए मवाना रोड स्थित डेयरी फार्म पर पहुंच गए। एंबुलेंस से रोहित के पार्थिव शरीर को 278 फील्ड रेजीमेंट के जवानों ने गाड़ी में रखा और रजपुरा के लिए रवाना हो गए। पीछे-पीछे सैकड़ों की संख्या में युवा भारत माता की जय, वंदे मातरम और जब तक सूरज चांद रहेगा रोहित तेरा नाम रहेगा ... के नारे लगाते हुए गांव पहुंचे। शव पहुंचते ही गांव में सभी की आंखें छलक उठी। अपने लाल की एक झलक पाने के लिए हर कोई लालायित था। परिवार के लोगों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। यहां से शाम छह बजे रोहित का शव छिलौरा रोड स्थित अंतिम संस्कार स्थल पर ले जाया गया। जहां पर सेना के जवानों ने गार्ड आफ आनर दिया। सैन्य सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई। ढा़ई वर्ष के पुत्र विवान ने अपने दादा लोकेश कुमार की गोद में पिता को मुखाग्नि दी।

ये रहे मौजूद

उप्र सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे शाहिद मंजूर मवाना रोड पर डेयरी फार्म पर पहुंचे। यहां से वह शहीद के शव के साथ ही गांव में पहुंचे। उन्होंने परिवार को सांत्वना दी और दुख व्यक्त किया। किठौर विधायक सत्यवीर त्यागी, पूर्व विधायक अमित अग्रवाल, सपा जिलाध्यक्ष राजपाल ङ्क्षसह, रालोद नेता राजकुमार सांगवान, युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष युगांश राणा, अरुण पुनिया आदि अंत्येष्टि स्थल पर पहुंचे और शहीद के परिवार को सांत्वना दी। वहीं, अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद से जिलाध्यक्ष त्रिलोक सिरोही के नेतृत्व में मुकेश, लोकेश, अनिल, भूपेंद्र, कुंवरपाल व देवराज आदि ने शहीद के परिवार से दुख साझा किया।

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