मेरठ में जमीन अधिग्रहण शुरू, न्यू टाउनशिप के लिए चलने लगे ट्रैक्टर और बुलडोजर; अगले साल से प्लाट आवंटन
मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) ने विश्वस्तरीय इंटीग्रेटेड टीओडी टाउनशिप के लिए मोहिउद्दीनपुर में जमीन का अधिग्रहण शुरू कर दिया है। इसके लिए ट्रैक्टर और बुलडोजर चलने लगे हैं। इस टाउनशिप में अगले साल से प्लाट आवंटन शुरू हो जाएगा। मेडा ने अभी तक 13 हेक्टेयर जमीन का बैनामा कराया है और इस सप्ताह 10 हेक्टेयर से अधिक जमीन के बैनामे की तैयारी है।
जागरण संवाददाता, मेरठ। विश्वस्तरीय इंटीग्रेटेड टीओडी टाउनशिप यानी न्यू टाउनशिप के लिए खरीदी जा रही जमीन पर मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) ने कब्जा लेना शुरू कर दिया है। इसके लिए ट्रैक्टर और बुलडोजर चलने लगे हैं।
जमीन पर मेडा का बोर्ड लगाकर पिलर गाड़े जा रहे हैं। अभी ये जमीन अलग-अलग टुकड़ों में है। जल्द ही इन्हें मिलाकर क्षेत्रफल बड़ा कर दिया जाएगा, फिर उसके बाद उस पर विकास कार्य शुरू कराया जाएगा। अगले साल से प्लाट आवंटन शुरू हो जाएगा।
मेडा ने मोहिउद्दीनपुर की 13 हेक्टेयर जमीन का अभी तक बैनामा कराया है। इस सप्ताह 10 से अधिक हेक्टेयर के बैनामा कराने की तैयारी कर ली गई है। चार गांवों मोहिउद्दीनपुर, कायस्थ गावड़ी, छज्जूपुर व इकला को मिलाकर 300 हेक्टेयर जमीन खरीदी जानी है।
इस साल के अंत तक 150 हेक्टेयर खरीद का लक्ष्य रखा गया है। जो जमीन आपसी सहमति से मिल जाएगी उसे बैनामा से खरीदा जाएगा लेकिन जो किसान सहमति से तैयार नहीं होंगे उस जमीन को भूमि अधिग्रहण कानून से खरीदा जाएगा।
खेती नहीं करने देंगे ताकि न हो शताब्दीनगर जैसी गलती
मेरठ विकास प्राधिकरण ने मोहिउद्दीनपुर की टाउनशिप के लिए जमीन का बैनामा कराने के साथ ही उस पर कब्जा लेना भी शुरू कर दिया है। मेडा ने रणनीति बनाई है कि इसमें शताब्दीनगर व गंगा नगर जैसी गलती नहीं की जाएगी। उन टाउनशिप के लिए अधिग्रहीत की गई जमीन पर मुआवजा लेने के बाद भी किसान काबिज रहे।
फिर मुआवजा की मांग बढ़ती रही और जमीन किसानों के कब्जे में ही रही। शताब्दीनगर में 600 एकड़ जमीन किसानों के कब्जे में है। न्यू टाउनशिप के लिए खरीदी गई जमीन पर ट्रैक्टर, बुलडोजर चलते रहेंगे ताकि कोई किसान बैनामा करने के बाद भी खेती न शुरू कर दे। मेडा का प्रयास किसी भी तरह से अवैध कब्जा, अतिक्रमण को रोकने का रहेगा।
ये भी पढ़ें -
फर्जी बिल बनाने के मामले में तीन भाइयों समेत चार गिरफ्तार, व्यापारियों को बना रहे थे मूर्ख