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Leopard In Meerut: मेरठ की गलियों में टहलता दिखा तेंदुआ, CCTV देख लोगों में दहशत; वन विभाग के हाथ हैं खाली

15 दिन पूर्व छावनी क्षेत्र में आरवीसी सेंटर परिसर में दिखे तेंदुए को वन विभाग ने महज सर्च अभियान की खानापूरी तक सीमित रखा और तेंदुए के कोई साक्ष्य न मिलने का हवाला देते हुए मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। लोग भी धीरे धीरे दहशत से उबरने लगे लेकिन कैंट के बाद शहर में तेंदुए की दस्तक ने कई कालोनियों के लोगों के होश उड़ा दिए हैं।

By Jagran News Edited By: Swati Singh Updated: Sat, 02 Mar 2024 01:17 PM (IST)
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मेरठ की गलियों में टहलता दिखा तेंदुआ, CCTV देख लोगों में दहशत
जागरण संवाददाता, मेरठ। तेंदुए की आहट ने शहरवासियों की नींद उड़ा दी है। शुक्रवार को कंकरखेड़ा में कई स्थानों पर तेंदुआ सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ। वन विभाग की टीम ने कांबिंग के बाद आर्यनगर के पास खुले स्थान पर पिंजरा लगाया है। दिसंबर 2022 से कैंट, जागृति विहार, टीपीनगर समेत आधा दर्जन लोकेशन पर तेंदुआ देखा गया है, लेकिन विभाग अभी तक उसे नहीं पकड़ पाया है।

कंकरखेड़ा क्षेत्र के आर्यनगर में शुक्रवार को सुबह पौने पांच बजे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में वन्य जीव को देखने के बाद वन विभाग ने क्षेत्र में तेंदुआ होने की पुष्टि कर दी है। वन विभाग की टीम को आर्यनगर में कांबिंग के दौरान तेंदुए के पंजे के निशान मिले हैं।

तेंदुए को ट्रेंकुलाइज करने की मिली अनुमति

वन्यजीव विशेषज्ञ आरके सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मुख्यालय से तेंदुए को ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति मिल गई है। गंग नहर की पटरी से आने की संभावना: कंकरखेड़ा के आबादी क्षेत्र में तेंदुए के आने की बात वन्य जीव विशेषज्ञ जीएस खेसारिया ने बताया कि गंग नहर की पटरी में पहले भी तेंदुए की उपस्थिति के साक्ष्य मिले हैं। कपसाड़ गांव के आसपास भी पहले तेंदुआ देखा गया था। ऐसे में हाईवे पार कर इसके आबादी क्षेत्र में घुसने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

तेंदुए की पूंछ के घुमाव और चलने के अंदाज से इसके नर होने के बात कही जा रही है। इसकी उम्र तीन से चार साल है। उन्होंने कहा कि ऐसे में महिलाओं और बच्चों को अकेले नहीं निकलना चाहिए। आमजन भी जब बाहर जाएं तो समूह में आए और हल्की आवाज करते हुए जाएं, जैसे डंडा फटकारना आदि।

पहले भी इन इलाकों में दिखा है तेंदुआ

जनपद में तेंदुए की संख्या में पिछले कुछ सालों में इजाफा हुआ है। डेढ़ साल पहले हुई गणना में इनकी संख्या नौ दर्ज की गई है। रुड़की रोड स्थित सैन्य क्षेत्र में मई 2022 में सड़क पार करते हुए तेंदुए का वीडियो सामने आया था। उसके बाद से लगातार तेंदुआ दिखने की घटनाएं सामने आई हैं। दिसंबर 2022 के प्रथम सप्ताह में टीपीनगर के ज्वालानगर में कई दिनों तक तेंदुए देखे जाने के बाद लोग दहशत में रहे। 22 दिसंबर को आरवीसी सेंटर में फिर अंधेरे में तेंदुआ विचरण करते कैमरे में देखा गया।

खाली हाथ रहे वन विभाग के हाथ

वन विभाग की टीम कई दिनों तक कांबिंग करती रही, लेकिन कोई प्रमाण नहीं जुटा पाई। 11 जनवरी 2023 को तोपखाना स्थित गुरुद्वारा परिसर में तेंदुआ कैमरे में कैद हुआ। इसी माह तेंदुआ जागृति विहार में नाले से निकलता देखा गया। दिसंबर 2023 में मीनाक्षीपुरम, रिठानी और शताब्दी नगर में तेंदुए देखे जाने की बात स्थानीय लोगों ने कही, लेकिन इस संबंध में कोई आधिकारिक प्रमाण नहीं मिल पाया। आर्यनगर और गायत्री ग्रीन सघन आबादी वाले क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में तेंदुए की उपस्थिति मानव के लिए खतरे का सबब बन सकती है।

खेतों में दिखे हैं शावक

वन्य जीव विशेषज्ञों का मानना है कि जनपद में तेंदुए को आहार के रूप में पर्याप्त जीव जंतु उपलब्ध हैं। इसके कारण इनकी संख्या बढ़ रही है। क्षेत्र में समय-समय पर मिल रहे तेंदुए के शावक इसका प्रमाण हैं। इनमें जंगली सुअर, कुत्ते, मोर, सेही आदि शामिल हैं। 2022 में किठौर क्षेत्र में तेंदुए का कुछ दिन का शावक ग्रामीणों ने पकड़ा था। इसे बाद में गोरखपुर चिड़ियाघर में भिजवाया गया। मेरठ से सटे हापुड़ की सीमा में एक गांव में बच्चों ने तेंदुए के शावक को बिल्ली समझकर बांध लिया था। बाद में इस शावक को वापस मादा ले गई थी। 28 दिसंबर 2023 को किठौर के ही राधना गांव में एक ट्यूबवेल के सूखे कुएं में शावक गिर गया था, जिसे वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू किया इसे भी मादा अपने साथ ले गई।

यहां भी लगाया पिंजरा, लोग सतर्क

सरधना रोड पर देर रात भवानी सिंह फार्म हाउस में तेंदुआ होने की सूचना वन विभाग को मिली और वहां उसे पकड़ने के लिए पिंजरा रख दिया गया। उधर, सभी कालोनी के लोगों ने अपने मकानों के अंदर और बाहर की लाइटों को आन कर दिया। बताया जाता है कि जबकि अमूमन लोग रात में मकानों के बाहर की लाइटों अक्सर बंद ही रखते थे।

लोगों ने सुनाई आंखों देखी

तेंदुआ हमारे मकान की छत से गार्डन में टीन शेड पर कूदने के बाद सड़क पर पहुंचा। कार पर धूल थी, जिस पर तेंदुए के पंजे के निशान भी थे। वन विभाग ने वह निशान चेक किए हैं। डर का माहौल है। जब तक तेंदुआ पकड़ा नहीं जाता, सभी में डर बना रहेगा। - सिद्धांत जैन

मैं नरेंद्र सिंह के खेत में भैंस के पास खड़ा था। तभी तेंदुआ आया और छोटी दीवार पर चढ़कर खेत में पहुंच गया। उसके बाद तेंदुआ नहीं दिखा। आम का बाग है, संभवत: तेंदुआ पेड़ पर भी चढ़ा हो सकता है। फार्म हाउस में पिंजरा लगाया है, उम्मीद है पकड़ में आएगा। - तपेश त्यागी

मैंने बच्चे और महिलाओं को घर से बाहर नहीं जाने दिया। किसी काम के लिए मैं खुद गया। कालोनी में तेंदुआ के बारे में सुनना ही खौफ लगने जैसा है। गनीमत है कि अभी तक तेंदुए ने किसी पर हमला नहीं किया। - ललित कुमार

अधिकारी ने कही ये बात

तीन स्थानों पर पिंजरा लगाने की संस्तुति की गई है। वन विभाग की तीन टीमें अलग अलग लोकेशन पर कांबिंग कर रही हैं। लोगों से कोई भी सूचना वन विभाग के कर्मचारियों से शेयर करने की अपील की गई है। वन कर्मी स्थानीय लोगों को सावधानी बरतने के लिए जागरूक कर रहे हैं। राजेश कुमार, डीएफओ, मेरठ

कंकरखेड़ा में फिर दिखा तेंदुआ

15 दिन पूर्व छावनी क्षेत्र में आरवीसी सेंटर परिसर में दिखे तेंदुए को वन विभाग ने महज सर्च अभियान की खानापूरी तक सीमित रखा और तेंदुए के कोई साक्ष्य न मिलने का हवाला देते हुए मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। लोग भी धीरे धीरे दहशत से उबरने लगे लेकिन कैंट के बाद शहर में तेंदुए की दस्तक ने कई कालोनियों के लोगों के होश उड़ा दिए हैं। गुरुवार रात और शुक्रवार सुबह कंकरखेड़ा क्षेत्र की आर्यनगर, तुलसी कालोनी, रामनगर कालोनी, गायत्री ग्रीन कालोनी और सरधना रोड पर भिवानी फार्म हाउस में तेंदुआ दिखने से लोगों में जबरदस्त दहशत है।

सीसीटीवी में कैद हुआ तेंदुआ

एक-दो स्थानों पर तेंदुआ सीसीटीवी में कैद हुआ तो कुछ स्थानों पर लोगों ने खुद तेंदुआ देखा। अब दहशत ऐसी कि लोगों ने घरों से निकलना तक बंद कर दिया है। वन विभाग और पुलिस का वही पुराना रवैया यहां भी दिखा। बस आए और दो घंटे का सर्च अभियान चलाने के बाद कोई निशान न मिलने की बात कहते हुए चलते बने। रात में फिर हो-हल्ला हुआ तो पिंजरा लगाकर इतिश्री कर ली गई।

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