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पुलिस को दस माह में कर चुका 434 कॉल, इस शख्स ने PRV को खूब दौड़ाया; लखनऊ तक कर दी शिकायत

मेरठ में राहुल चौधरी नामक व्यक्ति ने 10 महीनों में यूपी-112 पर 434 बार फर्जी शिकायतें दर्ज कराईं जिससे पुलिस को बार-बार घटनास्थल पर भेजा गया। हर बार वहां कोई मामला नहीं मिलता और पुलिसकर्मियों से अभद्र भाषा में बात करता था। लखनऊ कंट्रोल रूम की समीक्षा में यह मामला सामने आया। अब उसके खिलाफ झूठी सूचना देने और सरकारी कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया है।

By sushil kumar Edited By: Aysha Sheikh Updated: Thu, 14 Nov 2024 02:12 PM (IST)
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पुलिस को दस माह में कर चुका 434 कॉल - प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, मेरठ। गंगानगर के रजपुरा निवासी राहुल चौधरी ने 10 माह में यूपी-112 पर 434 बार काल कर फर्जी सूचना दी और पीआरपी को दौड़ाया। मौके पर पहुंचने के बाद पुलिसकर्मियों से अभद्रता करता था। गाली-गलौच तक हो चुकी है। उसके बाद भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। लखनऊ कंट्रोल रूम से फोन आने पर आरोपित गलत फीडबैक देकर पुलिस की शिकायत करता था। वहां हुई समीक्षा के दौरान मामला पकड़ में आया। उसके बाद यूपी-112 के प्रभारी ने आरोपित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।

सवाल है कि पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के लिए 434 काल का इंतजार क्यों किया। गंगानगर थाने में डायल 112 प्रभारी बलराम सिंह यादव ने बताया कि एक जनवरी से सात नंवबर तक रजपुरा में पशु अस्पताल के पास रहने वाले राहुल चौधरी ने यूपी 112 पर 434 बार काल कर फर्जी शिकायत दर्ज कराई। हर बार गंभीर अपराध और झगड़े की सूचना दी। सूचना मिलने पर पुलिस रिस्पांस व्हीकल (पीआरवी) हर बार मौके पर पहुंचती। वहां पर कोई विवाद या घटना नहीं पाई जाती थी।

आरोपित भी मौके पर नहीं मिलता था। पीआरवी पर तैनात पुलिसकर्मी जब आरोपित को फोन कर मौके पर बुलाते तो वह कहता कि मैं बाहर हूं। पुलिसकर्मियों के साथ फोन पर गाली-गलौज भी करता था। राहुल से बात करने पर लगता था कि वह नशे में है। पीआरवी स्टाफ ने हर बार कार्रवाई रिपोर्ट भरकर वापस लौट आती थी। आरोपित ने लखनऊ कंट्रोल रूम से फोन आने पर गलत फीडबैक देकर पुलिसकर्मियों की शिकायत करता था।

क्या बोले सीओ सदर देहात? 

सीओ सदर देहात नवीना शुक्ला ने बताया कि आरोपित के खिलाफ झूठी सूचना देने, सरकारी कर्मचारी को गुमराह करने, सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली है। उसकी तलाश को दबिश दी गई, जो गढ़मुक्तेश्वर मेले में गया हुआ है। सवाल है कि पुलिस दस माह तक आरोपित का उत्पीड़न क्यों झेलती रही? पहले ही उसकी शिकायत दर्ज क्यों नहीं की गई। सीओ का कहना है कि उल्टे वह ही लखनऊ में पुलिस की शिकायत करता था।

मां के नाम पर जारी सिम का किया इस्तेमाल

इस नंबर की जानकारी के लिए सर्विलांस सेल को लगाया गया। सर्विलांस की रिपोर्ट में मोबाइल नंबर की आईडी राहुल की मां सुनीता के नाम मिली है। तब पुलिस ने मोबाइल सिम का आवेदन पत्र निकलवाया। इस पर दूसरा मोबाइल नंबर लिखा था। जांच की गई तो पता चला कि यह राहुल चौधरी इस्तेमाल कर यूपी-112 पर फर्जी सूचना दर्ज कराकर पुलिसकर्मियों का समय बरबाद करता है।

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