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मेरठ की गंगासागर कॉलोनी ऐसे बनी सुरक्षा के लिहाज से बेहतरीन रिहाइश !

नरेंद्र चौधरी का कहना है कि उन्होंने शुरुआत में लोगों का खूब विरोध झेला। जब वह कालोनी के काम के लिए निकलते थे तो लोग उनकी मजाक लेते थे। धीरे-धीरे दिन बीते तो वहीं लोग उनके साथ आ गए।

By Krishan KumarEdited By: Updated: Thu, 16 Aug 2018 11:04 AM (IST)
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मेरठ की सुरक्षा सवालों के घेरे में रहती है। दबंगई खूब होती है, वारदातें भी कम नहीं। लेकिन इन तमाम विषम परिस्थितियों के बावजूद शहर की एक कालोनी ऐसी है, जहां के लोगों को अपनी कालोनी में सुरक्षा को लेकर कोई संशय नहीं है। यह कालोनी है गंगासागर कालोनी। यहां 450 परिवार रहते हैं। यहां सुरक्षा के इंतजाम अच्छे हैं।

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कालोनी में आने-जाने वालों पर नजर रहती है। यह सब संभव हुआ है कालोनी के ही नरेंद्र चौधरी की वजह से। नरेंद्र चौधरी कालोनी में रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ( आरडब्लूए) के वर्ष 2014 से सचिव हैं। वह आइआइटी दिल्ली से सीनियर टेक्निकल सुपरीटेंडेंट के पद से 2013 में सेवानिवृत्त हुए।
कालोनी में लाइट से लेकर गार्ड तक रखने का जिम्मा नरेंद्र चौधरी निभाते हैं। नरेंद्र चौधरी की टीम में वर्तमान में 15 लोग है। हाल ही में उन्होंने कालोनी में एक नई व्यवस्था की है। उन्होंने ब्लॉक वाइज सुरक्षा का जिम्मा अपनी टीम को सौंपा है। खुद एफ ब्लॉक की जिम्मेदारी संभालते हैं। इस टीम को साफ-सफाई के अलावा सुरक्षा का भी ध्यान रखना होता है।

मदद मिले तो कालोनी की बदल दूं सूरत
आरडब्लूए के सचिव नरेंद्र चौधरी का कहना है कि उन्होंने शुरुआत में लोगों का खूब विरोध झेला। जब वह कालोनी के काम के लिए निकलते थे तो लोग उनकी मजाक लेते थे। धीरे-धीरे दिन बीते तो वहीं लोग उनके साथ आ गए। इन लोगों ने मदद की तो कालोनी की सुरक्षा की कमान संभाली।

उनका कहना है कि एक बार वह सरकारी मदद के लिए जिलाधिकारी से मिले थे, लेकिन वहां पर आश्वासन तो मिला, मदद नहीं। इसके बाद उन्होंने ठान लिया कि वह खुद ही कालोनी की सुरक्षा संभालेंगे। जिसके बाद उन्होंने आरडब्लूए के स्तर से ही कालोनी में गार्ड नियुक्त कराए। सीसीटीवी कैमरे लगवाए।

यहीं नहीं सड़कों पर लाइट की व्यवस्था कराई। अब कालोनी में सबकुछ सुरक्षित लगता है, लेकिन नरेंद्र चौधरी के मन में अभी भी शंका रहती है। इसलिए अब वे एक स्थायी व्यवस्था बनाने में जुटे हैं ताकि बाहर से आने वाले हर व्यक्ति का हिसाब-किताब हो और संदिग्धों की पहचान समय रहते हो जाए।

अब तक ये किए सराहनीय काम 

नरेंद्र चौधरी के अनुसार, उन्होंने अपने सहयोगियों की मदद से कालोनी में 22 सीसीटीवी कैमरे लगवाए। वहीं यहां रहने वाले कालोनी के लोगों को जागरूक किया और उनके घरों के बाहर भी सीसीटीवी कैमरे लगवाए। वर्तमान में यहां पर कैमरों की संख्या 50 से अधिक है। चार सुरक्षा गार्ड 24 घंटे कालोनी के मुख्य गेट पर मौजूद रहते हैं।

इस गेट पर भी सीसीटीवी कैमरे लगे हुए है। कालोनी में रहने वाले 450 परिवारों का रिकॉर्ड अप टू डेट है। कालोनी में 32 परिवार किराए पर रहते हैं। इन परिवारों का सत्यापन भी नरेंद्र चौधरी करते हैं। कालोनी में नगर निगम की मदद से करीब 45 एलईडी लाइट भी लगवाई गई है।

...तो बदल देता पूरी तस्वीर
नरेंद्र चौधरी का कहना है कि उनके पिता रणबीर सिंह गांव के प्रधान रहे हैं। दादा स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं। उनकी तीन पीढ़ी लोगों की मदद व सुरक्षा करती आ रही है। आरडब्लूए के सचिव बनते ही उन्होंने भी सरकारी मदद की मांग की थी, लेकिन मदद मिली नहीं।

वे कहते हैं कि थोड़ा सरकारी सहयोग मिल जाए तो वह गंगासागर कालोनी की तस्वीर बदल देंगे। वे कहते हैं कि उनका प्रयास है कि थाना पुलिस उनकी कालोनी के साथ दूसरी कालोनी के किराएदारों, वहां काम करने वालों का सत्यापन करना शुरू कर दे। सुरक्षा सुनिश्चित करने में यह काफी कारगर कदम होगा।

मिलता है बहुत सुकून
मुझे लोगों की मदद व सुरक्षा करके बेहद सुकून मिलता है। मेरे दादा चौधरी बलवंत सिंह स्वतंत्रा सेनानी थे तो बचपन में ही उन्होंने सुरक्षा के बारे में सिखाना शुरू कर दिया था। जब 2013 में मैं इस कालोनी में रहने के लिए आया तो यहां पर सुरक्षा के कतई इंतजाम नहीं थे। इसके बाद हमने आरडब्लूए बनवाई और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। वर्तमान समय में यहां रहने वाला कोई भी व्यक्ति खुद को असुरक्षित महसूस नहीं करता। इस दौरान कई चुनौतियां भी आई, लेकिन सभी चुनौतियों को पार किया।

- नरेंद्र चौधरी, आरडब्लूए सचिव

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